देश के दो राज्यों हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। लेकिन, कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी इन दो राज्यों का दौरा करने की बजाए ‘भारत जोड़ो’ यात्रा कर रहे हैं। कॉन्ग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा रविवार (6 नवंबर, 2022) को तेलंगाना में थी। इस दौरान, राहुल गाँधी के साथ ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ के पूर्व नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए।
इस यात्रा में शामिल होने के बाद प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा, “आज भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुआ, क्योंकि मुझे लगता है कि इसमें भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा बनाए जा रहे नफरत के माहौल को सकारात्मक रूप से बदलने की क्षमता है। उम्मीद है कि यह बेरोजगारी, कीमतों, भाई-भतीजावाद आदि की वास्तविक समस्याओं की ओर भी ध्यान आकर्षित करेगा।”
Participated in the Bharat Jodo Yatra today because I feel that it has the potential of positively changing the atmosphere of Hate which is being created by the BJP & its associates. Hopefully it will also draw attention to the real problems of Unemployment, prices, cronyism etc pic.twitter.com/8v7hSnr3hU
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 6, 2022
प्रशांत भूषण आज भले ही कॉन्ग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में शामिल होकर तथाकथित ‘नफरत के माहौल’ के खिलाफ आवाज़ उठाने की बातें कर रहे हों, लेकिन यह वही प्रशांत भूषण हैं जिन्होंने देश के अभिन्न अंग कश्मीर को लेकर जनमत संग्रह की बात कही थी।
प्रशांत भूषण ने एक इंटरव्यू में कहा था, “यह अत्यंत जरूरी है कि हम लोगों के दिलों और मन को जीतें और अलगाव की भावना को उभरने से रोकें। इसके लिए जो पहली चीज किए जाने की जरूरत है, वह आर्म फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) को हटाने की है जो सेना को मानवाधिकार के उल्लंघन के मामलों में छूट प्रदान करता है। आंतरिक सुरक्षा के मामलों में सेना की तैनाती लोगों की मंजूरी के बाद ही प्रभावी होनी चाहिए ,सिवाय ऐसे स्थानों पर जहाँ अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा जरूरी हो।”
उल्लेखनीय है कि सभी राजनीतिक पार्टियाँ गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में जुटी हुई हैं, लेकिन कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी सिर्फ अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा कर रहे हैं। इसलिए, यह कहा जा रहा है कि यह यात्रा कॉन्ग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ न होकर राहुल गाँधी की व्यक्तिगत यात्रा बनकर रह गई है।