चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को आज (10 दिसंबर 2021) अंतिम विदाई दी जा रही है। पूरा देश (कुछ लोगों को छोड़ कर) गमगीन है। खुद PM मोदी कल उनके पार्थिव शरीर को रिसीव कर श्रद्धांजलि देने दिल्ली के एयरपोर्ट गए थे। अंतिम विदाई में आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मौजूद हैं। ऐसे में प्रियंका गाँधी गोवा में क्या कर रही हैं?
Smt. @priyankagandhi ji joins Goa traditional dance at "Maand" Morpirla Village.#PriyankaGandhiWithGoa pic.twitter.com/dgALW72Wba
— Srinivas BV (@srinivasiyc) December 10, 2021
इसका जवाब है एक वीडियो। इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट किया है भारतीय युवा कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने। इसलिए वीडियो की सत्यता जाँचने की जरूरत नहीं। वीडियो थोड़ा लंबा देखना है तो कॉन्ग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल का भी लगा दिया गया है, देख सकते हैं।
आखिर इतनी भूमिका क्यों? डायरेक्ट मुद्दे पर आते हैं। देश ने सेना के सबसे बड़े अधिकारी को खोया है। कॉन्ग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी होने का दंभ भरती है… और प्रियंका कॉन्ग्रेस की वंशवादी राजनीति में नंबर दो (राहुल गाँधी से तो पीछे हैं ही) की हैसियत रखती हैं। किसी कारण से गोवा में अगर पहले से भी थीं तो आज दिल्ली में होना लाजिमी था… अफसोस यह वो कर न सकीं।
क्या प्रियंका गाँधी अकेली कॉन्ग्रेसी नेता हैं, जो देश के रियल हीरो को ऐसे ‘सम्मान’ देती हैं? ऐसा सोचिए भी मत। लिस्ट लंबी है, बार-बार दोहराई गई है।
पहले याद करते हैं राहुल गाँधी को। साल 2008 में 26/11 का मुंबई आतंकी हमला। क्या कर रहे थे इस हमले के बाद राहुल गाँधी? तब यूपीए की सरकार थी। राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस के महासचिव थे। सोनिया गाँधी सरकार की सर्वेसर्वा थीं। फिर भी मुंबई हमले के तुरंत बाद राहुल गाँधी दिल्ली के एक फार्महाउस में पार्टी करते पाए गए थे।
फिर से राहुल गाँधी ही हैं। इस बार पुलवामा हमले के बाद क्या कुछ कर रहे थे, जरा उसे देखिए। ट्वीट कॉन्ग्रेस ने ही किया था। ट्वीट में वीडियो था। वीडियो में राहुल गाँधी नाचते दिख रहे थे। छीछालेदर होने के बाद इसे डिलीट कर दिया गया था। लेकिन सोशल मीडिया में स्क्रीनशॉट काम कर जाता है और कॉन्ग्रेस धरा जाता है।
भारतीय सेना में सैम मानेकशॉ से ज्यादा इज्जत और रुतबा शायद ही किसी अफसर को मिला होगा। कॉन्ग्रेसी नेताओं की बात करते-करते आप सोच रहे होंगे कि अचानक से सैम मानेकशॉ की चर्चा क्यों? चर्चा इसलिए क्योंकि उनके निधन के समय सत्ता कॉन्ग्रेस की थी। उस कॉन्ग्रेस की, जो इसी सैम मानेकशॉ के दम पर जीते युद्ध के कारण इंदिरा गाँधी को देवी दुर्गा का दर्जा हर मंच से देते आती है। और इसी कॉन्ग्रेसी सत्ता ने सैम मानेकशॉ के निधन पर पल्लम राजू नाम के एक नेता (तब रक्षा राज्यमंत्री) को भेज कर श्रद्धांजलि देने की खानापूर्ति कर ली थी। सरकार तब भी यूपीए की थी, मनमोहन सिंह PM थे, सोनिया गाँधी सरकार की सर्वेसर्वा थीं…
देश की सेना हो या वोटर… कॉन्ग्रेसी और इनकी विचारधारा से जुड़ने वाले सभी दलों के लिए ये एक पॉलिटकल टूल मात्र हैं। जब चुनाव आता है, इस टूल को यूज किया जाता है। जब चुनाव चला जाता है, जब नौसेना के जहाजों पर गाँधी परिवार छुट्टियाँ बिताता है… यही इनके लिए लोकतंत्र है।