Tuesday, November 19, 2024
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‘बिल बना तो दिक्कत, कानून वापस लिया तो भी दिक्कत…’: प्रियंका गाँधी की राजनीति पर कॉन्ग्रेसी बागी MLA

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद प्रियंका ने दावा किया था कि ये सब चीज आगामी चुनाव के लिए हो रही है। इस प्रतिक्रिया को देखने के बाद अदिति सिंह ने अपनी नाराजगी जाहिर की।

कॉन्ग्रेस में रहते हुए कॉन्ग्रेस के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने वाली बागी विधायक अदिति सिंह ने अब पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा पर बयान दिया है। उन्होंने कृषि कानून वापसी के ऐलान के बाद सामने आए प्रियंका के बयान पर नाराजगी जाहिर की। कॉन्ग्रेस महासचिव पर आरोप लगाते हुए वह बोलीं कि अब उनके पास मुद्दे नहीं बचे हैं इसलिए इस मामले का राजनीतिकरण हो रहा है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अदिति सिंह ने कहा, “बिल लाए जाने पर प्रियंका गाँधी को समस्या हुई थी। अब कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया है तो भी दिक्कत है। आखिर वह चाहती क्या हैं? उन्हें ये बातें स्पष्ट रूप से कहनी चाहिए। वह सिर्फ मामले का राजनीतिकरण कर रही हैं। अब उनके पास राजनीति के लिए मुद्दे नहीं हैं।”

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद प्रियंका ने दावा किया था कि ये सब चीज आगामी चुनाव के लिए हो रही है। उन्होंने पूछा था- “आखिर ये क्यों हो रहा है? क्या देश नहीं समझता कि चुनाव आ रहे हैं और उन्हें लगा होगा कि स्थिति ठीक नहीं है? वे सर्वेक्षणों में देख सकते हैं कि हालात ठीक नहीं है। इसलिए, वे चुनाव से पहले माफी माँगने आए हैं।”

उल्लेखनीय है कि साल 2017 के चुनावों में कॉन्ग्रेस पार्टी से विधायक चुनी जाने वालीं अदिति समय-समय पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ और नेताओं की कमियों पर खुलकर बोलती रही हैं। उन्होंने हाल में हुए लखीमपुर खीरी मामले पर प्रियंका का रुख देखकर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “जहाँ तक लखीमपुर और अन्य मुद्दों की बात है प्रियंका गाँधी हमेशा उनका राजनीतिकरण करती हैं। लखीमपुर खीरी मामले में जाँच चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया है। अगर वह संस्था पर यकीन नहीं रखतीं तो पता नहीं फिर किस पर करेंगी।”

यहाँ मालूम हो कि अदिति सिंह कॉन्ग्रेस नेता रहे अखिलेश सिंह की बेटी हैं। वह रायबरेली सीट से 5 बार विधायक रहे। उन्हें हमेशा गाँधी परिवार का करीबी माना गया। लेकिन उनके बाद जब अदिति ने कमान संभाली तो स्थिति बदल गई। अदिति ने मुखर होकर कॉन्ग्रेस की आलोचना और सत्ताधारी पार्टी द्वारा किए जा रहे सराहनीय कामों की प्रंशसा। इसके अलावा राम मंदिर निर्माण में वह 51 लाख रुपए की समर्थन राशि देकर भी चर्चा में आई थी। उन्होंने खुलेआम योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक गुरु भी कहा था। उनके पार्टी विरोधी रवैये के कारण कॉन्ग्रेस ने उन्हें महिला विंग की महासचिव पद से हटा दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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