Saturday, April 20, 2024
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अब दिल्ली में बताना होगा, माँस ‘झटका’ है या ‘हलाल’: NDMC ने भी रेस्टॉरेंट-दुकान पर बोर्ड लगाने के दिए निर्देश

नॉर्थ दिल्ली में चाँदनी चौक, दरियागंज और कश्मीरी गेट जैसे इलाके भी हैं, जहाँ माँस की दुकानें, रेस्टॉरेंट्स और ढाबे बड़ी संख्या में हैं। दिसंबर 2020 में साउथ MCD ने भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया था।

मीट 'झटका' है या 'हलाल'। यह बात अब नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (NDMC) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी रेस्टॉरेंट्स, ढाबे और मीट की दुकानों को बताना होगा। NDMC के मेयर जय प्रकाश ने कहा है कि हिन्दुओं और सिखों के लिए 'हलाल' माँस निषिद्ध है, ऐसे में एक प्रस्ताव पारित कर के सभी रेस्टॉरेंट्स, ढाबे और मीट की दुकानों को निर्देश दिया गया है कि वो अपने प्रतिष्ठानों के सामने पोस्टर लगा कर बताएँ कि वे 'हलाल' माँस सर्व करते हैं, या फिर 'झटका'।

ईस्ट और साउथ MCD में भी इसी तरह का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। फिलहाल दिल्ली की सभी 3 नगर निगमों में भाजपा की सत्ता है। 2022 में दिल्ली में स्थानीय निकाय का चुनाव भी होना है। मेयर जय प्रकाश ने बुधवार (मार्च 31, 2021) को बताया कि आज हुई बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया। सभी प्रतिष्ठानों को अब बेचे या खिलाए जाने वाले माँस के ‘झटका’ या ‘हलाल’ होने की जानकारी देनी होगी

NDMC की स्टैंडिग कमिटी ने इस प्रस्ताव को पेश किया था। जहाँ ‘झटका’ मीट के लिए पशु को तुरंत ही मार दिया जाता है, वहीं ‘हलाल’ मीट के लिए उसके एक खास नस को काट कर धीमे-धीमे मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। नॉर्थ दिल्ली में चाँदनी चौक, दरियागंज और कश्मीरी गेट जैसे इलाके भी हैं, जहाँ माँस की दुकानें, रेस्टॉरेंट्स और ढाबे बड़ी संख्या में हैं। दिसंबर 2020 में साउथ MCD ने भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया था।

ईस्ट MCD ने 2018 में ही ऐसा फैसला ले लिया था। हालाँकि, कई रेस्टॉरेंट्स और मीट की दुकानों के मालिकों ने इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे न सिर्फ उनके कारोबार पर असर पड़ेगा, बल्कि मुस्लिमों के स्वामित्व वाले ‘हलाल’ दुकानों और रेस्टॉरेंट्स का कारोबार ठप्प हो जाएगा, जो अधिकतर ‘हलाल’ ही पेश करते हैं। डिफेंस कॉलोनी, सरोजिनी नगर, साउथ एक्सटेंशन, अमर कॉलोनी और INA में भी मीट की कई दुकानें/रेस्टॉरेंट्स हैं।

SDMC द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया था, “दक्षिण दिल्ली म्युनिशपल कॉर्पोरेशन के अंतर्गत आने वाले चार ज़ोन के 104 वार्डों में हजारों होटल-रेस्टोरेंट हैं। इनमें से लगभग 90 प्रतिशत में मांस परोसा जाता है। लेकिन किसी में यह बताया नहीं किया जाता है कि परोसा जा रहा मांस ‘हलाल’ या ‘झटका’ है।” ‘हलाल’ मीट के लिए मारे जाते समय जानवर को मुस्लिमों के पवित्र स्थल मक्का की तरफ़ ही चेहरा करना होता है और वो तड़प-तड़प कर मरता है।

वहीं गुरुग्राम का स्थानीय निकाय में भी माँस को प्रतिबंधित करने की माँग बढ़ रही है। हाल ही में सिविल बॉडी ने सभी मीट की दुकानों को आदेश दिया था कि वे मंगलवार को बंद रखें। काउंसिलर अश्विनी ने माँग की है कि सप्ताह के सातों दिन मीट की दुकानें बंद रहें। अब तक मीट के दुकानदार ही फैसला करते थे कि किस दिन उन्हें बंद रखना है। हरियाणा सरकार का कहना है कि ये MCG का फैसला है, इससे उसका कोई सम्बन्ध नहीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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