लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उद्योगपति अनिल अंबानी को अनुचित तरीके से लाभ पहुँचाया था। चुनावी रैली के दौरान राहुल गाँधी, अनिल अंबानी को चोर कहते नहीं थकते थे। राहुल गाँधी ने राफेल फाइटर जेट को लेकर आरोप लगाया था कि ‘चौकीदार’ ने ‘चोर’ की जेब में पैसे डाल दिए। लेकिन अब मध्य प्रदेश में उन्हीं की पार्टी की सरकार अनिल अंबानी पर मेहरबानियाँ करती हुई दिखाई दे रही है।
चुनाव से पूर्व जिसे राहुल गाँधी सरकार बनने पर जेल भिजवाने की बात करते थे, मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार ने अंबानी पर दरियादिली दिखाई है। दरअसल अनिल अंबानी के सासन पॉवर प्रोजेक्ट पर सरकार का 450 करोड़ रुपए बकाया है। इसकी वसूली एक साल के अंदर करनी थी। मगर मध्य प्रदेश की सरकार ने इसकी मियाद चार साल कर दी है। यानी बकाए को वह चार साल में चुकाएँगे। निवेश संवर्धन की कैबिनेट कमेटी (CCIP) ने अनिल अंबानी को यह राहत दी है। इतना ही नहीं, रिलायंस डिफेंस को शिवपुरी में 65 एकड़ जमीन भी आवंटित की गई है। जहाँ पर कारतूस बनाने का कारखाना प्रस्तावित है।
इसके बाद बीजेपी ने कॉन्ग्रेस की सरकार पर सीधे निशाना साधा है। मध्यप्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्र ने कहा है कि कमलनाथ सरकार का स्पेशल पैकेज चल रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार खजाना खाली होने की बात कहती है तो दूसरी तरफ उद्योग नीति उद्योगपतियों के हिसाब से चल रही है। किसानों का कर्जमाफ नहीं हो रहा। कन्यादान योजना की राशि नहीं दी जा रही। लेकिन सरकार आईफा और आईटीए पर खर्च कर रही है।
बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने कॉन्ग्रेस सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि यह फैसला दिखाता है कि वर्तमान राज्य सरकार केवल उद्योगपतियों और पूँजीवादियों शासन है, जो गरीबों और बेरोजगारों के हितों के बारे में सोचने की अपेक्षा उद्योगपतियों और पूँजीपतियों के हितों में काम करती है। वहीं राज्य सरकार के इस कदम पर बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी का कहना है कि कॉन्ग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। मध्य प्रदेश सरकार भेदभाव के तहत काम कर रही है। इस मामले में बीजेपी ने बड़े भ्रष्टाचार की आशंका जताई है कि सब्सिडी के नाम पर उद्योगपतियों को गैर वाजिब फायदा पहुँचाया जा रहा है।
इस फैसले का बचाव करते हुए राज्य सरकार का कहना है कि सासन पॉवर प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश को कुल उत्पादन की 37 फीसदी बिजली मिलती है। इसकी कीमत 2 रु. प्रति यूनिट है। उद्योग विभाग के मुताबिक सासन प्रोजेक्ट से हर साल सरकार को 2700 करोड़ रुपए की बचत हो रही है, वरना 4 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदनी पड़ती।
उद्योगपति अनिल अंबानी को छूट देने पर कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिये यह फैसला लिया गया है। साथ ही कॉन्ग्रेस पार्टी यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा 2014 में अपनाई गई इनवेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी के तहत यह छूट दी गई है।