राजस्थान में कॉन्ग्रेस विधायक और यूथ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष गणेश घोघरा ने कार्यकर्ताओं के सामने बयानबाजी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ बेहद अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के लिए घोघरा ने रंगा-बिल्ला जैसे शब्द का इस्तेमाल किया। साथ ही उन दोनों को दौड़ा-दौड़ा कर मारने की बात कही।
पेगासस मामले में केंद्र सरकार का विरोध करने बैठे कॉन्ग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए घोघरा ने कहा, “केंद्र सरकार हमारी जासूसी करवा रही है और राज्यपाल उनके द&%^ के रूप में यहाँ बैठे हैं।” उन्होंने अपने भाषण में पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह को रंगा-बिल्ला बताते हुए कहा कि उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर जूतों से पीटना चाहिए।
#Breaking | Senior #Congress leader is caught on tape allegedly saying that ‘it’s time to beat up PM #Modi & HM #AmitShah’. @Shehzad_Ind with his view. pic.twitter.com/O3KvhsHyyo
— TIMES NOW (@TimesNow) July 22, 2021
पेगासस जासूसी मामले में जयपुर में आज (जुलाई 22, 2021) कॉन्ग्रेस ने राजभवन का घेराव किया था। इसी दौरान जब घोघरा यह सब कह रहे थे, प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और गहलोत सरकार के मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा वहीं मौजूद थे। लेकिन किसी ने भी उन्हें टोका नहीं बल्कि उनके भाषण पर नेता, कार्यकर्ता ताली बजाते हुए नजर आए। टाइम्स नाऊ द्वारा जारी की गई घोघरा की वीडियो में सुन सकते हैं कि वो कहते हैं,
“यहाँ पर हमारे राज्यपाल बैठे हुए हैं। लेकिन ये भी भारतीय जनता पार्टी के दलाल हैं। लेकिन कॉन्ग्रेस के हमारे नेता आम व्यक्तियों के साथ खड़े हैं। मेरे साथियों हमें उठ खड़े होने की जरूरत है। आज नोटबंदी, जीएसटी, महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ चुकी है। आज ये हमारी स्वतंत्रता को वापस भुलाने वाला देश बनाने जा रहे हैं। अरे हमारे विचार हमारी व्यक्तिगत बातों को टेप किया जा रहा है…ऐसा कुकृत्य कौन कर सकता है केवल मोदी जी, वो रंगा बिल्ला….उनको दौड़ा-दौड़ा कर जूता मारना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि वीडियो में अपशब्दों का इस्तेमाल करते सुनाई पड़ रहे गणेश घोघरा राजस्थान यूथ कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। इससे पहले वह खुद को हिंदू मानने से इनकार करते हुए आदिवासियों के लिए एक अलग धर्मकोड की माँग कर चुके हैं।
कौन थे रंगा-बिल्ला?
कॉन्ग्रेस नेता घोघरा, जिन रंगा-बिल्ला से पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तुलना कर रहे हैं वह दोनों कार चोर थे, जो मुंबई पुलिस से बचकर दिल्ली आए थे और अगस्त 1978 में यहाँ पर उन्होंने एक नौसेना अधिकारी के दो बच्चों का अपहरण किया था। जब दोनों से यह अपराध संभल नहीं पाया तो दोनों ने पहले अधिकारी के बेटे को मारा और फिर लड़की का बलात्कार करके उसे भी खत्म कर दिया।