Tuesday, May 20, 2025
Homeदेश-समाजनहीं मिली सारधा के आरोपित, ममता के करीबी पूर्व-कमिश्नर को जमानत, ढूँढ़ने के लिए...

नहीं मिली सारधा के आरोपित, ममता के करीबी पूर्व-कमिश्नर को जमानत, ढूँढ़ने के लिए CBI की विशेष टीम

राजीव कुमार ने अग्रिम जमानत याचिका जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामले चलाने के लिए गठित विशेष अदालत में दायर की थी। लेकिन विशेष अदालत के जज संजीब तालुकदार ने मना कर दिया कि उनका मामला सुनना विशेष अदालत के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।

सारधा घोटाले में आरोपित कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ रहीं हैं। एक ओर अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है, और दूसरी ओर सीबीआई ने सारधा घोटाले में उनकी गिरफ़्तारी के लिए विशेष टीम गठित कर दी है। यह टीम उन्हें मंगलवार सुबह 10 बजे तक सीबीआई के सामने खुद हाज़िर हो जाने की समयसीमा निकलने के बाद बनाई गई है।

25 तक छुट्टी पर होने का किया था दावा

राजीव कुमार के वकील ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को सूचित किया था कि 25 सितम्बर तक वे छुट्टी पर हैं। सोमवार को डीजीपी द्वारा सीबीआई को भेजे गए पत्र में यह जानकारी भी गई कि राजीव का जवाब उनके घर पर सीबीआई की नोटिस पहुँचने पर मिला था।

‘हमारे अधिकार क्षेत्र के बाहर’

राजीव कुमार ने अग्रिम जमानत याचिका जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामले चलाने के लिए गठित विशेष अदालत में दायर की थी। लेकिन विशेष अदालत के जज संजीब तालुकदार ने मना कर दिया कि उनका मामला सुनना विशेष अदालत के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। विशेष अदालत के जज ने राजीव कुमार को बारासात जिला जज के सामने अर्ज़ी लगाने की सलाह दी। फ़िलहाल राजीव कुमार लापता चल रहे हैं। उनके मामले में बताया जा रहा है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेश भी लंबित हैं

फ़िलहाल पश्चिम बंगाल CID के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार सारधा चिटफंड घोटाले की जाँच के लिए बनी राज्य सरकार की SIT के सदस्य थे। बाद में वह केस, और चिट फंड घोटालों के अन्य मामले, उनसे लेकर 2014 में सीबीआई को सौंप दिए गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता जिनके लिए ₹588 करोड़ की प्रॉपर्टी छोड़कर गए हैं रतन टाटा: पहले वसीयत पर उठाया सवाल, अब किया स्वीकार

मोहिनी दत्ता को रतन की वसीयत में 588 करोड़ रुपए मिले। लोगों के मन में सवाल है कि परिवार के बाहर वसीयत में हिस्सा पाने वाले मोहिनी मोहन दत्ता आखिर कौन है।

इस्लामी हिंसा ने शरणार्थी बनाया, मिशनरी ताक़तों ने मार डाला… जब त्रिपुरा के बागबेर में हुआ हिन्दुओं का नरसंहार, चर्चों के पैसे से पलता...

NLFT एक ईसाई उग्रवादी संगठन था। इसका समर्थन कई चर्चों और विदेशी मिशनरी नेटवर्क से होता था। वे त्रिपुरा को एक स्वतंत्र ईसाई मुल्क बनाना चाहते थे।
- विज्ञापन -