रामनवमी हिंदुओं के लिए हर्षोल्लास का पर्व है। माहौल लेकिन इसके उलट रहा इस साल। देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा की गई, हर जगह निशाने पर थे हिंदू। पत्थरबाजी से एक कदम आगे बढ़ बमबाजी और आगजनी करके हिंदुओं को खौफ में रखने का षड्यंत्र किया गया। दो कदम आगे बढ़ प्रोपेगेंडा फैलाया गया कि हिंसा हिंदुओं ने ही की, वो मुस्लिमों को सता रहे। ‘शांतिप्रिय’ इस्लामी इकोसिस्टम के कट्टर मुस्लिम सिपाहियों ने इस प्रोपेगेंडा की पटकथा लिखी। इसे दूर-दूर तक फैलाने का काम किया वामपंथी इकोसिस्टम ने।
बॉलीवुड के हीरो से लेकर पाकिस्तानी हिरोइन तक, पत्रकार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर, प्रोफेसर, नेता, राजनीतिक दल, हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी-विदेशी… हिंदू-घृणा से सने हर क्षेत्र के लोगों ने रामनवमी पर हिंदुओं को कलंकित करने का कार्य किया। यह किया गया बहुत ही सुनियोजित ढंग से। मीर फैजल नाम के तथाकथित पत्रकार को इस खेल का प्यादा बनाया गया।
‘मकतूब मीडिया’ के लिए काम कर रहे मीर फैजल ने रामनवमी की ही रात (30-31 मार्च 2023) को ट्विटर पर एक थ्रेड पोस्ट किया। इस थ्रेड में कुल 24 ट्वीट थे। अब 21वाँ डिलीट कर दिया गया है। वो भी इसलिए क्योंकि इस्लामी-वामी इकोसिस्टम की प्रिय राजस्थान पुलिस ने ही इसका फैक्ट-चेक कर दिया। नीचे जिस वीडियो पर राजस्थान की गंगानगर पुलिस ने प्रतिक्रिया दी है, वही वीडियो 21वें थ्रेड में डाला गया था। फेक न्यूज फैलाने वालों की गिरफ्तारी की बात सुन फैजल का खून ठंडा पड़ गया, चुपके से डिलीट कर दिया।
ये पूर्ण सत्य घटना नहीं है । फेक न्यूज फैलाने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये ध्वज किसी मस्जिद पर नहीं लगा है, ये एक व्यक्ति के घर पर लगा है। pic.twitter.com/Yx0IPqxnKe
— Ganganagar Police (@sgnrpolice) March 30, 2023
हिंदुओं का नाम हिंसा के साथ जोड़ने के लिए कोई भी फर्जी वीडियो पोस्ट करना, उसके बारे में 2-4 लाइन कुछ भी लिख देना… मीर फैजल ने प्रोपेगेंडा का यही तरीका अपनाया। एक को राजस्थान पुलिस ने धर लिया, बाकी 23 को हम ध्वस्त करेंगे, एक-एक करके।
1. महाराष्ट्र के किराडपुरा में हुई हिंसा
ट्विटर थ्रेड की शुरुआत 12 सेकंड के एक वीडियो से की गई। लिखा गया कि मुस्लिम-बहुल किराडपुरा में मुस्लिमों के ही खिलाफ भड़काऊ नारे बाइक सवार कुछ युवकों ने लगाए। इसके बाद कहासुनी हुई और फिर हिंसा भड़की। वीडियो की सच्चाई आखिर है क्या? सच्चाई यह है कि किसने नारे लगाए, किसने किसको उकसाया, किसने हिंसा की, पत्थरबाजी कहाँ से हुई, किन लोगों ने सड़क पर गाड़ियों को जलाया – 12 सेकंड के वीडियो को 12 बार देखने के बाद भी पता लगाना असंभव है। बस झूठ गढ़ दिया गया, इस्लामी-वामी लोगों ने उसे ‘पाक-शब्द’ मान कर फैला दिया।
किराडपुरा में हुई हिंसा का सच यह है कि वहाँ राम मंदिर के सामने पत्थरबाजी और बमबाजी की गई। दूसरा सच यह है कि AIMIM के सांसद इम्तियाज जलील ने मंदिर को मुस्लिम दंगाइयों से बचाने का दावा किया, खुद को हीरो बनाया। इम्तियाज जलील के अनुसार मंदिर पर पथराव करने वालों की संख्या लगभग 500 थी। मंदिर के अंदर कई हिंदू जान बचाने के लिए छिपे हुए थे, कुछ पुलिस वाले भी थे। मंदिर के विशाल गेट और अंदर से लॉक लगे होने के कारण दंगाई घुस नहीं पाए। इसके बाद उन लोगों ने प्रवेश द्वार पर लगे भगवा झंडे को फाड़ने की कोशिश की।
2. बिहार के लखीसराय में भड़काऊ गाने
पूरे 1 मिनट का वीडियो पोस्ट किया गया। लिखा कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तलवारें चमकाईं और भड़काऊ गानों के साथ शोभा यात्रा निकाली। लाउडस्पीकर पर गाने के बीच बोला गया – “जिनको पाकिस्तान पसंद है, वो पाकिस्तान चले जाएँ। हम उन्हें रोकेंगे नहीं, मुफ्त में टिकट देंगे।”
In Lakhisarai, Bihar, Bajrang members brandished swords and played provocative songs during Shoba Yatra.
— Meer Faisal (@meerfaisal01) March 30, 2023
“Those who like Pakistan should go to Pakistan. We will not stop them but provide free tickets.”+ pic.twitter.com/lzuLPtmsng
इस वीडियो का सच यह है कि लखीसराय में रामनवमी की शोभा यात्रा शांतिपूर्ण रही। रामनवमी पर हिंदुओं का तलवार लेकर निकलना, लाठी भाँज कर करतब करना अपने धर्म के प्रति समर्पण है, एकता का प्रदर्शन है। ‘जय श्रीराम’ के बोल वाले बैकग्राउंड म्युजिक का गाना भड़काऊ कैसे हो सकता है मीर फैजल?
और हाँ, भारत में रहने वाले किसी भी नागरिक को भूखा-नंगा पाकिस्तान कैसे पसंद हो सकता है? इसके बावजूद भारत पर बार-बार आक्रमण करने, आतंकवादियों को भेजने वाला देश अगर किसी को पसंद है तो उसे उसके पसंदीदा देश में भेजने की बात करने वाली लाइन भड़काऊ केसै? यह तो स्वागत-योग्य बात है। कट्टर इस्लामी हो या वामी, मुफ्त में अपनी पसंदीदा जगह जाने से क्यों हिचक रहे हो, बिंदास जाओ।
3. खंडवा (मध्य प्रदेश) में नाम-मजहब पूछ युवक पर हमला
12 सेकंड का वीडियो है। एक युवक घायल है, अस्पताल के बेड पर लेटा हुआ। लिखा गया कि घायल युवक से उसका नाम-मजहब पूछ कर 3 लोगों ने चाकूओं से मारा।
आखिर सच क्या है? पहला सच यह है कि पूरी वीडियो में न तो घायल युवक ने कहीं भी कहा कि नाम-मजहब पूछ कर उस पर हमला किया गया, न ही उसके आप-पास खड़े लोग ऐसा बोलते दिखे/सुनाई दिए। दूसरा सच खंडवा जिले के संबंधित थाने के SHO ने ऑपइंडिया को बताया। पुलिस को दी गई शिकायत में किसी प्रकार के हिंदू-मुस्लिम विवाद का जिक्र नहीं किया गया है। मतलब जो युवक घायल है, जिसे चाकू से मारा गया है, वो खुद पर हुए हमले को हिंदू-मुस्लिम नहीं बता रहा। लेकिन प्रोपेगेंडा पत्रकार और गैंग 12 सेकंड का वीडियो डाल कर से ‘खतरे में मुस्लिम’ वाला षड्यंत्र रचने-फैलाने में लग गया।
और तो और, SHO ने घायल मुस्लिम युवक की हरकत को ही संदिग्ध बताया है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि युवक आधी रात को टॉयलेट करने बाइक से इतनी दूर क्यों गया था, इसकी जाँच की जा रही है। अब तक की पुलिस जाँच में यह पता चला है कि बाइक से जब यह युवक रात को जा रहा था तो 2 लोगों ने इससे चादर चढ़ाने के लिए दरगाह जाने का रास्ता पूछा। इसरे बाद इसने पलट कर सवाल किया कि क्या ये टाइम चादर चढ़ाने का है। इसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और इस युवक को चाकू लग गई। पुलिस हालाँकि इस आरोप की सच्चाई जानने के लिए भी CCTV की जाँच करवा रही है।
4. झारखंड का हजारीबाग जिला, गाय चोरी के आरोप में मंजूर खान की पिटाई
वीडियो 2 मिनट 20 सेकंड का है। एक इंसान घायल है, अस्पताल के बेड पर लेटा हुआ है। वीडियो में घायल आदमी बोल रहा है कि उसे 40-50 आदमियों ने घेर कर मारा। कारण पूछने पर उसने बताया कि जहाँ मारपीट हुई, वहाँ कोई जानवर चोरी की घटना हुई थी, उसी सिलसिले में स्थानीय लोगों ने इसका नाम पूछा और उसके बाद मारा।
जहाँ पीड़ित खुल कर बोल रहा है, हिंदुओं पर साफ-साफ आरोप लगा रहा है, वहाँ का पूरा वीडियो डाला मीर फैजल ने। अच्छी स्ट्रैटजी… बस एक चूक कर दी। आरोप को सत्य मान लिया, ठीक वैसे जैसे खुद को पत्रकार। इस वीडियो का सच बताया हजारीबाग जिले के चुरचू पुलिस स्टेशन के थाना इंचार्ज ने।
सच यह है कि बालीडीह गाँव से मंजूर खान नाम का शख्स गुजर रहा था। इस गाँव में जानवरों की चोरी हुई थी। स्थानीय लोग इसी मामले में बाहरी और अनजान आते-जाते लोगों से पूछताछ कर रहे थे। मंजूर खान से भी पूछताछ की गई। चुरचू पुलिस स्टेशन के थाना इंचार्ज के अनुसार इसने वहाँ बहस की, गाली-गलौच की। इसके बाद दोनों ओर से हाथापाई हुई, मारपीट की गई। पूरे मामले में कहीं भी हिंदू-मुस्लिम का विवाद नहीं हुआ, न ही नाम और मजहब को लेकर मारपीट की गई।
थाना इंचार्ज ने स्पष्ट किया कि मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए गलत मीडिया रिपोर्टिंग की गई। मारपीट में शामिल दोनों पक्षों की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई है, संगत धाराओं में केस दर्ज कर जाँच की जा रही है।
ऊपर एक वीडियो है, इसमें संबंधित चुरचू थाने का नंबर नीचे दाईं ओर कोने में चिपकाया गया है। यही नंबर हजारीबाग जिले के पुलिस वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। लेकिन पत्रकारिता के नाम पर जब प्रोपेगेंडा करना हो तो कोई मीर फैजल भला फैक्ट चेक करने की जहमत क्यों उठाए?
5. बिहार के किशनगंज में मियाँ को माँ की गाली?
वीडियो सिर्फ 7 सेकंड का है। सड़क पर कुछ लोग बाइक से आ-जा रहे हैं। कुछ भगवा झंडे लहरा रहे हैं। बैकग्राउंड में जय श्रीराम के नारों की गूंज है। कहीं से एक आवाज ऐसी भी आती है – “मियाँ मादर$^@ है।” हालाँकि ऑडियो क्लियर नहीं है। क्लियर यह भी नहीं है कि अगर सच में गाली दी गई मुस्लिमों को तो किसने दी? क्या हिंदुओं ने दी या मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ही षड्यंत्र के तहत जानबूझकर ऐसा किया?
इस वीडियो को लेकर ना तो किशनगंज पुलिस में कोई शिकायत दर्ज कराई गई है, ना ही मीडिया में कोई रिपोर्ट छपी। 7 सेकंड के अनजान/अनवेरिफाइड वीडियो को बस पोस्ट कर दिया गया ताकि हिंदुओं को बदनाम किया जा सके। वीडियो को वायरल कर बाकी काम इस्लामी-वामी सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर ने कर दिया।
6. झारखंड के धनबाद में गौवंश की हत्या, मुस्लिम युवक को पेड़ से बाँधा
धनबाद जिले के भुरकुंडा में यह घटना हुई। 2 वीडियो डाला गया है – 4 मिनट 44 सेकंड का और 5 मिनट 37 सेकंड का। लिखा गया कि भीड़ ने एक मुस्लिम युवक के साथ मारपीट की और पेड़ से बाँध दिया। उस पर गाँव वालों ने आरोप यह लगाया कि उसके परिवार वालों ने रामनवमी पर एक गौवंश (गाय/बैल) की हत्या की।
दोनों वीडियो लंबे हैं। मतलब सुन कर मामले को समझा जा सकता है। सुनने-समझने का काम मीर फैजल ने किया नहीं, उसे करना भी नहीं था। इस वीडियो का सच मार खाए और पेड़ से बंधे शहाबुद्दीन ने खुद बताया है, वो भी पहले ही वीडियो में। ‘रामनवमी पर उग्र हिंदू, हिंसा करते हिंदू’ जैसा इस वीडियो में कुछ भी नहीं है।
In Jharkhand’s Bhurkunda Bari, Dhanbad. A Muslim youth was attacked by a mob and chained to a tree after they claimed that his family members slaughtered a bull. The mob also used violence, overturning several police vehicles.+ pic.twitter.com/QL6mXdMgjR
— Meer Faisal (@meerfaisal01) March 30, 2023
शहाबुद्दीन के अनुसार उसके घर में एक बैल बीमार था। रामनवमी के ही दिन उस बैल की हत्या कर दी गई। किसने किया, उसके अब्बा ने क्या निर्णय लिया – शहाबुद्दीन ने सब कुछ बताया। रामनवमी पर गौवंश (गाय/बैल) की हत्या स्थानीय हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ था। जैसे ही यह बात लोगों को पता चली, उन्होंने विरोध किया। इलाके में पहले से चोरी किए जा रहे गौवंशों का आरोप भी लगाया। स्थानीय पुलिस-प्रशासन को भी विरोध का सामना करना पड़ा।
यह सब कुछ कई मीडिया रिपोर्टों में भी छपा है। दोनों वीडियो में भी स्पष्ट है। लेकिन प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए तथ्य छिपा लिए गए। क्योंकि हिंदू भीड़ को हिंसक दिखाना था… वो भी उन्हीं के पर्व-त्योहार पर। मकसद एकदम साफ है – लाउडस्पीकर पर हर दिन नमाज 5 बार हो, ताजिया का जुलूस शान से निकले, मुहर्रम के जुलूस में खुलेआम तलवारें भाँजी जाए, शब-ए-बारात में हुड़दंगी बाइक वालों से ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो जाए… लेकिन रामनवमी पर मुस्लिम इलाकों का जुमला गढ़ के 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र की ओर एक कदम और बढ़ा जाए।
7. वडोदरा (गुजरात) में हिंसक हिंदू भीड़, मस्जिद पर पथराव
वीडियो 1 मिनट 13 सेकंड का डाला गया। फ्रेम में एक मस्जिद है। कुछ लोग पथराव कर रहे हैं। जो पथराव कर रहे, उनकी ओर भी पत्थर मारे जा रहे। जो आदमी वीडियो शूट कर रहा, वो ऐसी बालकनी में खड़ा है, जिसका अंत जीशान एफ शेख नाम के हाई कोर्ट वकील के बोर्ड/बैनर पर होता है। कौन पत्थर मार रहा, किसकी क्रिया है, किसकी प्रतिक्रिया – कुछ भी क्लियर नहीं। ‘हिंदू भीड़ मस्जिद पर बरसा रही पत्थर’ – यह लेकिन लिख दिया गया।
रामनवमी पर वडोदरा में क्या-क्या हुआ, यह 30-31 मार्च को छप चुका था। इसके लिए 1 मिनट के किसी वीडियो के बजाय मीडिया रिपोर्ट ही देख लेते हैं।
यहाँ के फतेहपुरा गराना पुलिस चौकी क्षेत्र में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाली गई थी। जैसे ही शोभा यात्रा इस क्षेत्र की एक मस्जिद के सामने से गुजरी, दोनों पक्षों में विवाद हो गया। थोड़ी ही देर की बहस के बाद मस्जिद के पास से जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं पर पत्थरबाजी शुरू हो गई।
वड़ोदरा का ये वीडियो इस बात की पुष्टि कर रहा है की गुरुवार को कुम्भारवाड़ा से निकली यात्रा पर मस्जिद में मौजूद लोगों ने पथराव किया था
— Nirnay Kapoor (@nirnaykapoor) March 31, 2023
देखिये इस आदमी को- मस्जिद के गेट पर बने छपरे से पत्थर फेंक कर मस्जिद के अंदर कूदता दिख रहा है, जिसके बाद पुलिस मस्जिद में दाखिल होते दिख रही है pic.twitter.com/lPAsEtfQVL
वडोदरा के ही कुम्भारवाड़ा से निकली शोभा यात्रा पर मस्जिद में मौजूद लोगों ने पथराव किया। मस्जिद के गेट पर बने छपरे से पत्थर फेंक कर एक शख्स मस्जिद के अंदर कूद गया। इसके बाद पुलिस मस्जिद में दाखिल हुई। अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जब तथाकथित ‘मुस्लिम इलाके’ में गई तो मुस्लिम महिलाओं ने उन्हें घेर लिया। ‘पत्थर मारो सालों को’ कह कर इन महिलाओं ने गाली भी दी और अपने आसपास के लोगों को पुलिस के खिलाफ भड़काया भी।
8. दरगाह हाजी अब्दुल रेहमान मलंग शाह के परिसर में भगवा झंडा
28 सेकंड के वीडियो में “जय श्रीराम” और “आई भवानी शक्ति दे, मलंग गडाला मुक्ति दे” के नारे लगा रहा है एक युवक। उसके हाथ में भगवा ध्वज भी है। न किसी के लिए गाली, न कोई भड़काऊ बात, न ही किसी तरह की हिंसा। इस वीडियो को डाल कर रामनवमी पर हिंदू हिंसक की बात कैसे कर सकता है कोई?
इस्लामी-वामी इकोसिस्टम हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब की मिसालें देता आया है। मंदिर में रोजे-इफ्तारी की तस्वीरों को डाल कर ‘ये है असल भारत’ जैसी सुनहरी बातें लिखता है। फिर ऐसा क्या है कि दरगाह में भगवा ध्वज के साथ जय श्रीराम का नारा और हिंदुओं का प्रवेश हिंसक की कैटिगरी में आ गया? यहाँ गंगा-जमुनी तहजीब वाली बात लागू नहीं होती क्या? इस्लामी-वामी इकोसिस्टम को तो इसका स्वागत करना चाहिए। हर साल रामनवमी पर हर एक मस्जिद-मदरसा-दरगाह भगवा ध्वज के स्वागत में खोल देना चाहिए। आखिर तभी तो दिखेगा ‘असल भारत’ वाली तस्वीर।
9. मथुरा जामा मस्जिद की बाहरी दीवार पर लहराया भगवा
कुछ अति-उत्साही नौजवान भावनाओं में बह कर सड़क किनारे बनी दुकानों के छज्जों पर चढ़ गए। 2 मिनट 20 सेकंड के वीडियो में यह साफ दिख रहा है। चढ़ कर इन लोगों ने भगवा ध्वज भी लहराया। सब कुछ स्पष्ट दिख रहा है। स्पष्ट लेकिन यह भी दिख रहा है कि इन युवकों ने कोई हिंसक कार्य नहीं किया। जाने-अनजाने इनसे यह गलती जरूर हुई कि दुकानों के छज्जों के बाद ये साथ में बनी मस्जिद के छज्जे पर भी चढ़ गए। तो क्या ये हिंदू उग्रवादी हो गए, जैसा मीर फैजल ने लिखा है? बिल्कुल नहीं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 4 शरारती युवकों को गिरफ्तार किया, उन्हें जेल भी भेजा गया। मुख्यमंत्री योगी की सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ में विश्वास करती है। गलत चाहे रामनवमी पर हो या ईद पर… सुसंगत कार्रवाई की जाती है।
‘हिंदू उग्रवादी’ वाला प्रोपेगेंडा यहाँ भी ध्वस्त हो गया। “शरारती तत्वों द्वारा किया गया शरारतपूर्ण कृत्य” – इस वीडियो का सच यही है।
10. वडोदरा (गुजरात) में मुस्लिमों पर पुलिस का अत्याचार, हिंसक हिंदू भीड़: कुल 8 वीडियो
वीडियो नंबर-1: सिर्फ 59 सेकंड का वीडियो डाला मीर फैजल ने लेकिन सुनने-समझने की कोशिश नहीं की… और अपने ही जाल में फँस गया। कैसे? क्योंकि इस वीडियो में पुलिस वालों को गाली देती महिलाएँ हैं। गाली से मन नहीं भरने पर ‘पत्थर मारो सालों को’ कह कर इन महिलाओं ने आसपास के लोगों को पुलिस के खिलाफ भड़काया भी।
वीडियो नंबर-2: कुछ युवक पत्थरबाजी कर रहे हैं। क्यों कर रहे हैं, 51 सेकंड के वीडियो में ना तो क्लियर है न ही मीर फैजल ने बताने की कोशिश की। “रामनवमी के नाम पर यह (पत्थरबाजी, हिंसा) हो रहा है” – लिख कर प्रोपेगेंडा फैला दिया बस। तो आखिर सच क्या है इस वीडियो का?
रामनवमी पर वडोदरा में जो तनाव की स्थिति बनी, उसका सच यह है कि शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी एक मस्जिद के पास की गई। कई वीडियो ऐसे आए, जिनमें क्लियर है कि शोभा यात्रा पर पथराव सिर्फ मस्जिद के आसपास की छतों से ही नहीं, बल्कि मस्जिद से भी की गई।
वीडियो नंबर-3: एक औरत इसमें आरोप लगा रही है कि रोजा खोलते समय ही पुलिस इनके घर में घुस गई, तोड़-फोड़ किया। रोजा खोलने का समय भी नहीं दिया। 1 मिनट 26 सेकंड के आरोप में इमोशन है। पुलिस हालाँकि इमोशन में आकर काम नहीं करती। वह आदेशों का पालन करती है।
जिन-जिन घरों से पत्थरबाजी की गई होगी, पुलिस को जिन-जिन के खिलाफ शिकायत मिली होगी, उन-उन घरों में जाकर जाँच करना सामान्य पुलिस प्रक्रिया है। इस वीडियो के आखिरी में गेट के बाहर खड़ी एक महिला के चेहरे को याद कर लीजिए। इसलिए क्योंकि इसी सेम महिला को 2 वीडियो बाद आप फिर से देखेंगे। गुजरात पुलिस के अनुसार इन्हीं महिलाओं के झुंड ने उनको घेर कर कार्रवाई करने से रोका, गालियाँ दीं और उन पर पत्थरबाजी करने के लिए लोगों को उकसाया।
वीडियो नंबर-4: आसमा बानू नाम की महिला। पुलिस पर आरोप लगा रही है कि वो इफ्तारी के समय दरवाजा तोड़ कर उनके घर में घुसी। आरोप यह भी कि पुलिस टीम में कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी और इसके कपड़े भी फाड़े गए। 1 मिनट 53 सेकंड के वीडियो में आसमा बानू किसी पुलिस वाले का बैज भी दिखा रही है, जो उसने किसी की वर्दी से नोची।
आरोप गंभीर हैं, इसलिए हमने गुजरात पुलिस से बात की। डीसीपी अभय सोनी ने ऑपइंडिया को बताया कि पुलिस को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये वही महिलाएँ हैं, जो पत्थरबाजी में भी शामिल थीं। पुलिस टीम में कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी, इस आरोप को भी उन्होंने सरासर गलत बताया।
डीसीपी ने कहा कि पुलिस ने सिर्फ और सिर्फ नियम के तहत कार्रवाई की है। वीडियो में आसमा बानू जिस पुलिस वाले का बैज दिखा रही है, वो वडोदरा के जॉइंट सीपी मनोज निनामा का है। मतलब पुलिस अगर कार्रवाई करने आए तो उसे घेरो, उस पर पत्थरबाजी करो, उसे गालियाँ दो… बाद में मीडिया के सामने महिला वाला विक्टिम कार्ड खेलो। शाहीन बाग वाली ट्रेनिंग पूरी इंडिया में फैल गई मालूम पड़ती है।
Vadodara, Gujarat + pic.twitter.com/Ka20JY4XBk
— Meer Faisal (@meerfaisal01) March 30, 2023
वीडियो नंबर-5, 6, 7, 8: वीडियो नंबर 5 में वो महिलाएँ हैं, जो गुजरात पुलिस के अनुसार पत्थरबाजी में शामिल थीं। वीडियो नंबर 6 पता नहीं क्यों डाला गया है। शायद सिर्फ संख्या बढ़ाने के लिए। किनके ऑटो हैं, क्यों शीशे टूटे हुए हैं, किसने तोड़े हैं… कुछ भी क्लियर नहीं।
वीडियो नंबर 7 में एक महिला गुजराती में आरोप लगा रही है। यह महिला बार-बार अपनी बाईं ओर देखती है, जहाँ से कुछ बोला/सिखाया जा रहा है। मतलब रामनवमी पर हिंदुओं और पुलिस पर आरोप तो लगा रही है लेकिन ट्रेनिंग और रट्टा मारने में कमी रह गई, वीडियो में यह स्पष्ट है।
वीडियो नंबर 8 एकदम ही फालतू है। किसी घर से कुछ आरोपितों/संदिग्धों को पुलिस उठाने आई है। स्वभाविक है कि आरोपित खुद से पुलिस वैन में तो बैठेगा नहीं। ऐसे में पुलिस क्या करेगी? खींच कर, जबरन उठा कर गाड़ी में डालेगी।
वडोदरा से जुड़े इन सभी वीडियो में कहीं से भी हिंसक हिंदू वाला पॉइंट साबित नहीं कर पाया मीर फैजल। उल्टे जिन मुस्लिम महिलाओं की पैरवी करने निकला था, वही पत्थरबाज निकलीं। घेरने चला था हिंदुओं को, उल्टा मस्जिद से और उसके आसपास से पत्थरबाजी की बात सामने आ गई।
11. जम्मू में हिंदू राष्ट्र की माँग
भारत क्या है… हिंदू राष्ट्र। 1 मिनट 32 सेकंड के वीडियो की शुरुआत इसी नारे के साथ होती है। इसके बाद एक महिला रिपोर्टर किसी शख्स का इंटरव्यू लेती है, जिसमें हिंदू राष्ट्र और राम राज्य दोनों की स्थापना की बात कही जाती है।
शांतिपूर्ण ढंग से किसी चीज की माँग करना लोकतांत्रिक भारत में कब से अवैध हो गया? माँग करने से हिंदू हिंसक कैसे हुआ? इस वीडियो को थ्रेड में घुसाने के पीछे एक ही मकसद हो सकता है – रामनवमी हो या छठ, हिंदू अपने घरों में रहो… ना जय श्रीराम का नारा लगाओ, न ही भजन-आरती करो।
12. हावड़ा (पश्चिम बंगाल) में रामनवमी पर हिंसक हिंदुओं ने की आगजनी, तोड़फोड़: 5 वीडियो
52 सेकंड के पहले वीडियो में कुछ लोग आगजनी कर रहे हैं। दूसरे वीडियो में सड़क पर कुछ गाड़ियाँ उल्टी पड़ी हैं। 45 सेकंड के इस वीडियो में बात करने वाले बंगाली के बजाय बिहारी टोन में बोल रहे हैं। तीसरा वीडियो 13 सेकंड का है, कुछ लोग पत्थरबाजी कर रहे हैं। 17 सेकंड के चौथे वीडियो में आगजनी है। पाँचवाँ वीडियो भी आगजनी का है, 19 सेकंड का।
5 वीडियो डाल कर भी मीर फैजल यह साबित नहीं कर पाया कि आखिर हावड़ा में पत्थरबाजी हुई क्यों? किसने की शुरुआत? रामनवमी की शोभा यात्रा निकाल रहे हिंदुओं पर हमला किसने किया? सिर्फ एक वीडियो से सब क्लियर हो जाएगा। और यह वीडियो 30 मार्च का है जबकि हिंदुओं को हिंसक ठहराने वाला पाँच षड्यंत्री वीडियो 31 मार्च को ट्वीट किया गया। 30 मार्च को हावड़ा में हुई हिंसा पर हमने रिपोर्ट भी की थी।
Video shows a peaceful community throwing stones on #RamNavami Yatra in #Howrah . This incident takes place hours after speech of #MamataBanerjee where she was indirectly giving a heads up to M community to do their job if Hindus enter in so called ‘M area’ #RamNavami. pic.twitter.com/TGppouLg85
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) March 30, 2023
स्पष्ट है कि पत्रकार के नाम पर कलंक है मीर फैजल। सिंपल फैक्ट को भी क्रॉस चेक करने की क्षमता नहीं है इसमें। क्या खाक पत्रकारिता करेगा यह… हाँ, प्रोपेगेंडा के लिए परफेक्ट जीव है यह।
13. हिंदू राष्ट्र का संकल्प, टी राजा सिंह और मुस्लिमों को धमकी: 2 वीडियो
भला हो कि इंडिया में मीर फैजल जैसे लोगों की चलती नहीं है वरना ये लोग सीधे-साधे संकल्प “1 जनवरी से मैं पढ़ाई करूँगा” लेने पर भी पाबंदी लगा देंगे।
यह इसलिए लिखना पड़ा क्योंकि 45 सेकंड के पहले वीडियो में जो-जो संकल्प लिए गए, वो हैं – गौहत्या नहीं होने दूँगा, अपना जीवन हिंदू राष्ट्र के लिए समर्पित करता हूँ, जाति में नहीं बटूँगा, राजनीति में नहीं बटूँगा, जब तक जीवित रहूँगा… एक ही संकल्प होगा हिंदू राष्ट्र।
इन सारी बातों या संकल्पों में हिंसा कहाँ है, कोई बताए। वीडियो में टी राजा सिंह या उनके समर्थकों ने हिंसा की कोई बात की, ऐसा दिखा भी नहीं।
During the Ram Navami Shobha Yatra, Hindu far-right leader T Raja Singh speaks out against Muslims in Hyderabad, Telangana.
— Meer Faisal (@meerfaisal01) March 30, 2023
“You are half cut (circumcised). We will cut you fully,” he told the crowd. pic.twitter.com/1dVFvkcInZ
दूसरे वीडियो में टी राजा सिंह पर आरोप लगाते हुए लिखा गया कि वो मुस्लिमों के खिलाफ बोल रहे हैं। 1 मिनट 56 सेकंड के वीडियो को जरा सुनिए।
“ये तो झाँकी है, अभी पूरी पिक्चर बाकी है। आज रामभक्तों का मेला नहीं, रेला निकलने वाला है रेला। और इस ताकत को कोई रोक नहीं सकेगा। हमसे टकराओगे तो पूरा फट जाओगे। बेटा आधे कटे हो, पूरे कट जाओगे। जाग उठा अब हिंदू वीर, न जाने क्या होगा… हिंदू से जो टकराएगा, हाल उसका बुरा होगा।”
अपने मन से की-बोर्ड ठोकते हुए कुछ भी लिखना हो तो आदमी मुस्लिम, धमकी, आधा कटा मतलब खतना आदि-इत्यादि लिख ही सकता है, लिख भी दिया। पत्रकारिता लेकिन तथ्य माँगती है। और इस वीडियो का सच यह है कि टी राजा सिंह ने ऐसा एक भी शब्द नहीं बोला है, जो मुस्लिमों की ओर इशारा कर रहा हो।
14. मुंबई में मस्जिद के आगे भड़काऊ नारे
26 सेकंड के वीडियो में ‘जय श्रीराम’ के नारों के अलावा कुछ भी नहीं। जबकि लिखा क्या गया – मुंबई के मलाड में मस्जिद के सामने रुकी हिंदू भीड़, लगाए भड़काऊ नारे।
सवाल यह कि मस्जिद के सामने अगर कोई सड़क है तो क्या उसकी रजिस्ट्री करवा ली है कट्टर इस्लामियों ने? क्यों नहीं गुजर सकते हैं वहाँ से हिंदू? जुम्मे की नमाज किन-किन सड़कों पर पढ़ते हो, कभी पूछा है खुद से? और दूसरा सवाल – ‘जय श्रीराम’ का नारा संविधान की किस धारा के तहत भड़काऊ घोषित किया गया?
इस वीडियो को ट्वीट करने के पीछे एक ही मकसद है – मुस्लिम एरिया की इतनी चर्चा करो कि कम से कम ममता बनर्जी के राज्य में इसे लेकर एकाध बिल तो पास कर ही दिया जाए।
15. श्रीगंगानगर (राजस्थान) की मस्जिद पर फहराया भगवा झंडा
इस वीडियो को मस्जिद के साथ जोड़ कर मीर फैजल ने फेक न्यूज फैलाई। जब राजस्थान की गंगानगर पुलिस ने फेक न्यूज फैलाने वाले 2 लोगों की गिरफ्तारी वाली सूचना दी तो चुपके से डिलीट कर दिया। 24 थ्रेड के ट्वीट में यह 21वाँ थ्रेड था। सबसे ऊपर में क्या था इस थ्रेड के वीडियो में और राजस्थान पुलिस ने क्या दिया जवाब – उसे आप देख सकते हैं।
16. खरगोन (मध्य प्रदेश) में हजरत काले खान की दरगाह पर फहराया भगवा झंडा
मथुरा जामा मस्जिद मामले की तरह यहाँ भी एक अति-उत्साही युवक ने गलत हरकत कर दी। हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने इसको लेकर खेद भी जताया। स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने भी तुरंत एक्शन लिया। खरगोन सिटी SHO के अनुसार FIR दर्ज करके एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
मध्य प्रदेश की सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ में विश्वास करती है। गलत चाहे रामनवमी पर हो या ईद पर… सुसंगत कार्रवाई की जाती है।
17. नालंदा (बिहार) में मस्जिद और कब्रिस्तान में लगाई आग: 2 फोटो, 2 वीडियो
पहला वीडियो 19 सेकंड का है। बैकग्राउंड में कोई बोल रहा है कि मियाँ लोग का सब दुकान जला दिया। कौन बोल रहा है, पता नहीं। मीर फैजल ने लेकिन मान लिया कि कोई हिंदू ही बोल रहा है। दूसरा वीडियो 39 सेकंड का है, इसमें एक भीड़ दिखाई देती है। भीड़ में हिंदू हैं या मुस्लिम, पहचानना मुश्किल। 2 फोटो भी है, दोनों अगजनी की। इसमें भी क्लियर नहीं कि आखिर आग किसने लगाई।
बिहार पुलिस और नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर ने मस्जिद में आग और रामनवमी पर हिंसक हिंदू वाली थ्योरी को लेकर दो टूक जवाब दिया है। मस्जिद में आग लगाए जाने की घटना को डीएम शशांक शुभंकर ने नकार दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी मस्जिद में आग लगाए जाने की सूचना नहीं है।
रामनवमी पर अगर हिंदू ही हिंसक होते तो बिहारशरीफ में शोभायात्रा पर पथराव किसने किया? मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हमले के कारण शोभायात्रा में शामिल 6 युवक घायल हो गए।
मीर फैजल सिर्फ प्यादा, इस्लामी-वामी इकोसिस्टम है जड़
रामनवमी तो बस एक अवसर था। निशाने पर हर दिन हिंदू ही होंगे, यह तय है। षड्यंत्र के तहत हिंदुओं को इतनी हीन भावना से ग्रसित कर दिया जाएगा कि अंततः वो अपने पर्व-त्योहार पर घरों में सिमटने लगेंगे। हिंदू ही पीड़ित होंगे और इनको ही हिंसक बताने का खेल शुरू कर दिया गया है – सोशल मीडिया पर भी, मंच से ‘मुस्लिम इलाके’ की बात कर राजनीति में भी। यही कारण है कि शुरुआत में ही कट्टर मुस्लिम सिपाहियों को ‘प्यादा’ शब्द से संबोधित किया गया। क्योंकि इस खेल को खेला जा रहा इस्लामी-वामी इकोसिस्टम के द्वारा।
मीर फैजल जैसे सिपाहियों को खाद-पानी देकर तैयार करने का काम करता है गैंग लीडर मोहम्मद जुबैर। हल्दवानी में झुग्गी-झोपड़ी हटाने वाले मामले में जुबैर ने ग्राउंड रिपोर्टिंग (जोकि एकतरफा थी, फर्जी थी) के लिए इसी फैजल की पीठ थपथपाई थी। हास्यास्पद यह कि खुद को फैक्ट-चेकर बताने वाला जुबैर अपने प्यादों के शेयर किए फर्जी खबरों की फैक्ट-चेकिंग नहीं करता है। जब ऐसे सिपाही तैयार हो जाते हैं, तब इस्लामी-वामी इकोसिस्टम इन्हें गोद में बिठाता है।
Thanks for your ground report @meerfaisal01 bhai ❤️✊
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) January 5, 2023
इसको डायरेक्ट उदाहरण से समझिए। मीर फैजल के थ्रेड को 3900 से अधिक लोगों ने रिट्वीट किया। यह संभव हुआ क्योंकि कुछ बड़े नामों ने इसे पहले रिट्वीट किया। इन नामों में बॉलीवुड हीरो से लेकर रेडियो जॉकी, बड़े पत्रकार से लेकर प्रोफेसर, नेता से लेकर राजनीतिक पार्टी और नामचीन विदेशी लोग भी शामिल हैं। आप इनमें से कुछ लोगों के नाम और काम की लिस्ट देखिए, मामला एकदम क्लियर हो जाएगा।
- RJ सायमा (रेडियो जॉकी)
- सुशांत सिंह (बॉलीवुड हीरो)
- करुणा नंदी (सुप्रीम कोर्ट की वकील)
- जफरुल इस्लाम खान (दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष)
- AIMIM बिहार
- मुजमिल जलील (इंडियन एक्सप्रेस के डेप्यूटी एडिटर)
- प्रोफेसर त्रिशा गुप्ता (जिंदल स्कूल ऑफ जर्नलिजम ऐंड कॉम्युनिकेशन)
- इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल
- सेहर शिनवारी (पाकिस्तानी हिरोइन)
ऐसे लोगों की लिस्ट बहुत लंबी है और पहुँच उससे भी खतरनाक। क्या बॉलीवुड, क्या सुप्रीम कोर्ट, क्या नेता और पार्टी… पूरे सिस्टम में ये घुसे हुए हैं। हिंदुओं को अपना वजूद बचाने के लिए इसी सिस्टम से लड़ना होगा। जय श्रीराम का उद्घोष तेज और तेज होता जाए, इसके लिए हिंदू को बिना बँटे, बिना टूटे… लड़ना होगा, यही एकमात्र रास्ता है।