Tuesday, March 19, 2024
Homeराजनीतिकर्नाटक: कॉन्ग्रेस-जदएस सरकार की बलि लेकर ही मानेंगे बागी, कुमारस्वामी ने साधी चुप्पी

कर्नाटक: कॉन्ग्रेस-जदएस सरकार की बलि लेकर ही मानेंगे बागी, कुमारस्वामी ने साधी चुप्पी

कल कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का शक्ति परीक्षण, मुंबई में डटे बागी विधायकों ने विश्वासमत में भाग लेने से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-बागियों पर मान्य नहीं होगा ह्विप, सदन की कार्रवाई में भाग लेने के लिए भी नहीं कर सकते मजबूर

कर्नाटक की 14 महीने पुरानी कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का गिरना करीब-करीब तय हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुंबई में डटे बागी विधायकों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे गुरुवार को विधानसभा सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे। कल एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार के विश्वास मत पर मतदान होना है। मुख्यमंत्री ने पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साध ली है, जबकि कॉन्ग्रेस नेता और राज्य सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी ह्विप जारी करेगी और दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई करेगी।

इससे पहले 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन विधायकों को सदन की कार्रवाई में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। साथ ही इन पर पार्टी का ह्विप भी लागू नहीं होगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष नियमों के मुताबिक अपना फैसला देने को स्वतंत्र हैं। पीठ ने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को तय समय सीमा के भीतर फैसला लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा है कि वे शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं और संवैधानिक अधिकारों के दायरे में फैसला करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने कहा है कि कुमारस्वामी के कारण राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई और उन्हें समय गॅंवाए बिना इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस फैसले को बागी विधायकों की नैतिक जीत बताते हुए कहा है कि सरकार बहुमत खो चुकी है और कुमारस्वामी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर जान-बूझकर उनके इस्तीफे पर फैसला नहीं करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

225 सदस्यीय विधानसभा में कॉन्ग्रेस के 79, जदएस के 37, बीजेपी के 105, दो निर्दलीय, एक बीएसपी का विधायक है। इनमें से कॉन्ग्रेस के 13 और जदएस के तीन विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। यदि बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया जाता है या उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या फिर वे विश्वासमत में भाग नहीं लेते हैं तो बहुमत के लिए 105 सदस्यों के सम​र्थन की जरूरत होगी। इस सूरत में सरकार के पास विधानसभा अध्यक्ष और बसपा विधायक समेत 101 सदस्यों का ही समर्थन होगा। एकमात्र मनोनीत सदस्य मतदान नहीं कर सकते और निर्दलीय विधायक पहले ही भाजपा को समर्थन देने की बात कह चुके हैं। ऐसे में सरकार बचाने के लिए कॉन्ग्रेस-जदएस को या तो बागी विधायकों में से कम से कम छह को विश्वासमत के दौरान पक्ष में मतदान करने के लिए मनाना होगा या फिर बीजेपी के खेमे में सेंधमारी करनी होगी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग़रीबी का सफाया, आतंक पर प्रहार, भ्रष्टाचार पर कार्रवाई, किसानों की समृद्धि, युवाओं को अवसर… कर्नाटक में PM मोदी ने बताया क्यों 400 पार,...

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने भाजपा का काम देखा है, पार्टी की सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ हैं - विकास, ग़रीब कल्याण और सामर्थ्यवान भारत।

बिहार में NDA के सीट शेयरिंग फॉर्मूले की घोषणा, चाचा पर भारी पड़ा भतीजा: माँझी-कुशवाहा को एक-एक सीट, जानिए किस पार्टी के हिस्से में...

लोजपा (रामविलास) के हिस्से में जो सीटें गई हैं, वो हैं - हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, जमुई और खगड़िया। गया से HAM तो करकट से RLJP ताल ठोकेगी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe