Thursday, November 14, 2024
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नौकरी या पढ़ाई के कारण अपने राज्य से बाहर रह रहे हैं? अब वहीं से बैठे-बैठे डाल पाएँगे वोट: EC लेकर आया पायलट प्रोजेक्ट

आयोग ने कहा कि मतदाता शिक्षा, रोजगार और अन्य उद्देश्यों के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। ऐसे में उनके लिए वोट डालने के लिए अपने राज्य में आना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसलिए, अब रिमोट वोटिंग की संभावनाएँ तलाशने का समय आ गया है।

वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनाव में देशवासियों को रिमोट वोटिंग का विकल्प मिल सकता है। जैसे अगर आप महाराष्ट्र में रहते हैं और आपका नाम दिल्ली की वोटिंग लिस्ट में है और वहाँ विधानसभा चुनाव होने हैं तो ऐसे में आप महाराष्ट्र में बैठे-बैठे अपना वोट डाल सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के उत्तराखंड के एक दूरदराज मतदान केंद्र की एक घंटे की यात्रा के कुछ दिन बाद मंगलवार (6 जून, 2022) को अहम फैसला लिया। चुनाव आयोग ने अपने एक बयान में प्रवासियों का मतदान प्रतिशत बढ़ाने का आदेश दिया है।

आयोग ने कहा कि अब समय आ गया है कि रिमोट वोटिंग की संभावनाओं का पता लगाया जाए, शायद पायलट आधार पर ऐसा किया जा सकता है।

आयोग ने कहा कि मतदाता शिक्षा, रोजगार और अन्य उद्देश्यों के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। ऐसे में उनके लिए वोट डालने के लिए अपने राज्य में आना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसलिए, अब रिमोट वोटिंग की संभावनाएँ तलाशने का समय आ गया है।

निर्वाचन आयोग ने 6 जून को चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीईसी के गाँव दुमक और कलगोठ के दौरे के बाद अपने विचार रखे थे। उन्होंने सीईसी को बताया कि हाल के चुनावों में दुमक गाँव जैसे दूरदराज के इलाकों में 71.14% मतदान हुआ और कलगोथ गाँव में 80.45% मतदान हुआ। महिला मतदाताओं की समान संख्या में भागीदारी रही। लेकिन इन दोनों ही गाँवों में लगभग 20-25% पंजीकृत मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डालने में असमर्थ रहे हैं, क्योंकि वे अपनी नौकरी और पढ़ाई के कारण मतदान के समय अपने गाँव/राज्य से बाहर होते हैं।

चुनाव आयोग ने बताया है कि प्रवासी मतदाताओं से संबंधी मुद्दों की जाँच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। ये कमेटी उन सारे तरीकों पर विचार करेगी, जिससे प्रवासी मतदाता जहाँ हैं, वहीं रहकर वोट डाल सकेंगे। इसके अलावा 3 दिन पहले से मतदान केंद्रों पर जाने वाले मतदान अधिकारियों का पारिश्रमिक दोगुना कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि जिस तरह से सर्विस वोटर्स इलेक्ट्रॉनिकली ट्रासमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम यानी ETPBS के जरिए वोट डालते हैं, वही सिस्टम प्रवासी मतदाताओं के लिए भी हो जाए। अगर प्रवासी मतदाताओं के लिए ऐसी सुविधा हो जाती है, तो इससे दो बड़े फायदे होंगे। पहला दूरदराज इलाकों में रहने वाले मतदाता अपना वोट डाल सकेंगे और दूसरा ये कि इससे वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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