राजस्थान कॉन्ग्रेस में कलह शांत करने के लिए कैबिनेट विस्तार की योजना बनाई गई, लेकिन अब वो भी सफल होती नहीं दिख रही है। मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों के बीच बहस और हंगामेबाजी हुई। ये सब राजस्थान के में पार्टी के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा बुलाई गई एक बैठक में हुआ है। बैठक के शुरू होते पायलट समर्थक समूह उग्र हो गया।
रविवार (25 जुलाई, 2021) को ये आपात बैठक बुलाई गई थी। कॉन्ग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने उस बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को अशोक गहलोत की जगह नया मुख्यमंत्री बनाने के लिए हंगामा शुरू कर दिया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और राजस्थान प्रभारी अजय माकन की मौजूदगी में ये सर हंगामा हुआ। हालाँकि, बैठक में पहुँचे पायलट इतना कुछ होने के बावजूद खुद शांत ही रहे और कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
कॉन्ग्रेस को लगता है कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही उसने वहाँ का कलह समाप्त कर दिया है। इसीलिए, पार्टी हाईकमान अब राजस्थान पर ध्यान दे रहा है। पार्टी के दोनों राष्ट्रीय नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चर्चा के बाद दिल्ली रवाना हो गए हैं। दोपहर 12 बजे वो वहाँ से निकले। अंदाज लगाया जा रहा है कि आबकी कैबिनेट विस्तार में गहलोत खेमे के कई मंत्रियों का पत्ता कटेगा।
सचिन पायलट के साथ होने का मतलब है भविष्य के साथ होना। राज्य की 65% आबादी 18 साल से 45 साल के बीच है। जो राजनेता युवा है वही तो connect कर पाएगा ना। मेरा फर्ज है कि मैं जागरूकता फैलाऊं उस नेता के लिए जो अपने कर्म और व्यवहार से भी सचिन है। तो आईए, आप भी Retweet कीजिए। @SachinPilot pic.twitter.com/Ms3psQbeRd
— Sushil Asopa (@SushilAsopa) July 23, 2021
वहीं सचिन पायलट खेमे के कुछ विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा। खबर ये भी है कि अब अशोक गहलोत के हाथ में कुछ नहीं रहा और सोनिया गाँधी खुद सारे नामों पर मुहर लगाएँगी। यानि, अब आलाकमान ही सब कुछ करेगा। गहलोत सरकार में नियमानुसार 9 और मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिला और ब्लॉक स्तर की कॉन्ग्रेस की टीमों का भी गठन होना है, ऐसे में जुलाई के अंत में अजय माकन फिर राजस्थान आएँगे।
अब राजस्थान से प्रस्तावित नामों की सूची लेकर दिल्ली लौटे माकन और राव की सोनिया गाँधी से मुलाकात हो सकती है। सोनिया गाँधी की ही झंडी के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के लिए तारीखों का ऐलान भी होगा। लेकिन, सचिन पायलट के समर्थकों द्वारा ने बखेड़ा खड़ा किए जाने से पार्टी में फिर से चिंता की लहर दौड़ गई है। इसी सप्ताह कभी मंत्रिमंडल विस्तार का ऐलान हो सकता है। इसके बाद दोनों खेमा अगली रणनीति तय करेगा।