शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) के साप्ताहिक कॉलम ‘रोखठोक’ में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) को आड़े हाथों लिया है। शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने गोवा विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस विरोधी रुख अख्तियार करने के लिए ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि उनका यह कदम भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा। शिवसेना ने यह भी आरोप लगाया है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) गोवा में मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसों का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि गोवा में कॉन्ग्रेस को जड़ से खत्म करने का संकल्प टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के लिए घातक साबित होगा। राउत ने लिखा है, “गोवा में कॉन्ग्रेस का अस्तित्व नहीं बचना चाहिए, ऐसी भूमिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भारतीय जनता पार्टी की हो सकती है, परंतु भाजपा से लड़ने वाली ममता बनर्जी उसी कॉन्ग्रेस विरोधी रुख का समर्थन कर रही हैं। आखिर में इससे लाभ किसको होगा?”
उन्होंने कहा कि गोवा के पिछले विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस के 17 विधायक थे, लेकिन अब दो रह गए हैं। गोवा का चुनाव जीतना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर है, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) और टीएमसी (TMC) जैसे बाहरी राजनीतिक दल उनकी मदद करने के लिए कॉन्ग्रेस (Congress) की राह में रोड़े अटका रहे हैं। गोवा में दोनों पार्टियों की नजर ईसाई वोटों पर है, लेकिन ये समुदाय कॉन्ग्रेस के साथ खड़ा रहेगा। भाजपा में शामिल हुए कॉन्ग्रेस के कुछ बागी अब पुरानी पार्टी में वापस आ गए हैं, क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि उन्हें भाजपा में टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन कॉन्ग्रेस पार्टी ने ऐसे गद्दारों से दूरी बनाने का फैसला किया है।
राउत ने गोवा चुनावों में टीएमसी द्वारा खर्च किए बेहिसाब पैसों को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने दावा किया है कि इसका स्रोत ‘कहीं और’ है। शिवसेना सांसद ने भाजपा पर भी हमला करते हुए कहा, “पिछले 10 वर्षों से यह पार्टी गोवा पर शासन कर रही है, लेकिन कभी भी बहुमत हासिल नहीं कर सकी। वह केवल चुनावों के बाद अन्य दलों के विधायकों को ‘खरीदने’ में लिप्त रही है। मैं ऐसे लोगों से मिला हूँ, जो इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वसत हैं कि इस बार भी सत्ताधारी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा, लेकिन टीएमसी की मौजूदगी भाजपा की मदद करेगी।”
बीजेपी विधायक राम कदम ने राउत के इस कॉलम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि शिवसेना सांसद को गोवा और भाजपा के भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए। इसके बजाए उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए कि शिवसेना जिस भी राज्य में चुनाव लड़ी, उसमें एक भी सीट क्यों नहीं जीत पाई। उन्हें महाराष्ट्र में अपने शासन के बारे में चिंतित होना चाहिए, जहाँ उद्योगपतियों से पैसा इकट्ठा करने के लिए ‘वसूली गिरोह’ सक्रिय हैं और जहाँ मेट्रो लाइन जैसी बुनियादी परियोजनाएँ ठप पड़ी हैं।
विधायक राम कदम ने आगे कहा, “हम विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना को मिठाई भेंट कर गोवा में अपनी जीत का जश्न मनाएँगे।” बता दें कि गोवा में 14 फरवरी को एक ही चरण में 40 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएँगे।