राम मंदिर मुद्दे को लेकर कॉन्ग्रेस के भीतर ही खींचतान देखने को मिल रही है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कॉन्ग्रेस अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हुए राम मंदिर निर्माण का समर्थन करती है। लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान ख़ुर्शीद ने कहा है कि अगर सुरजेवाला की जगह वे पार्टी का रुख रखते तो कुछ अलग कहते। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर अगर उन्हें कॉन्ग्रेस का पक्ष रखने भेजा जाता तो उनकी राय वो नहीं होती, जो सुरजेवाला ने कही।
ख़ुर्शीद ने कहा कि उनकी पार्टी का शुरू से यह मानना रहा है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे स्वीकार किया जाएगा। लेकिन, फ़ैसले के डिटेल में जाने पर अलग-अलग चीजों को उठा कर पेश किया जा सकता है। ख़ुर्शीद ने कहा कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में लिखा गया है कि 3 बार मस्जिद के साथ ग़ैर-क़ानूनी कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि क्या हमें ये चीजें हाइलाइट नहीं करनी चाहिए?
सलमान ख़ुर्शीद ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से बात करते हुए रणदीप सुरजेवाला के बयान को नकार दिया और कहा कि इससे ग़लत सन्देश गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि फ़ैसले में मस्जिद को ध्वस्त करने या फिर मंदिर और मस्जिद दोनों बनाने की बातें कही गई है। बकौल ख़ुर्शीद, वो मीडिया के सामने इन बातों को उठाते। उनका इशारा था कि जिस तरह उनकी पार्टी ने केवल मंदिर की बात की, उससे ग़लत सन्देश गया। उन्होंने कहा कि पार्टी को सीधा कहना चाहिए था कि वो सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करती है।
ख़ुर्शीद ने कहा कि कॉन्ग्रेस नेता कठपुतली नहीं हैं, अगर बोलते समय किसी चीज को लेकर स्पष्ट राय है तो उसे रखना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कॉन्ग्रेस के सभी नेताओं ने तय किया था कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान किया जाएगा और यही कहना चाहिए था। ख़ुर्शीद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ‘पूरे फ़ैसले’ का सम्मान किए जाने की बात कही जानी चाहिए थी, सिवाय उसमें से चुन कर किसी एक चीज का समर्थन करने की बात कहने के। एचटी को दिए गए इंटरव्यू में ख़ुर्शीद ने एक तरह से सुरजेवाला और अपनी पार्टी से एकमत न होने की ओर इशारा किया।
ज्ञात हो कि रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि वो राम मंदिर बनाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा था कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला न तो किसी की जीत है और न ही किसी की हार। लेकिन कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किए जाने पर ही ख़ुर्शीद नाराजगी दिखा रहे हैं। ख़ुर्शीद ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में एक लेख लिख कर बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में रामलला की मूर्ति रखे जाने की निंदा की है। साथ ही ख़ुर्शीद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि वहाँ मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की बात एएसआई की रिपोर्ट साबित नहीं कर पाई। उन्होंने लिखा कि ये फ़ैसला ‘हिन्दू राष्ट्र’ को ख़ारिज करता है।