अभी तक नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शनों में केवल कयास लगाए जा रहे थे कि हिंसा भड़काने में इस्लामिक कट्टरपंथियों और विपक्षी राजनैतिक दलों का हाथ है। लेकिन टाइम्स नाऊ की ताजा खबर के अनुसार ईडी ने अपनी जाँच के बाद दावा किया है कि सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में हिंसा भड़काने, आगजनी करवाने के लिए इस्लामिक कट्टरपंथी पीएफआई ने ही अपना पैसा लगाया है। जबकि कपिल सिब्बल और इंदिरा जय सिंह जैसे कॉन्ग्रेसियों एवं सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने इसमें अपना पूरा योगदान दिया।
#TukdeFundedCAAStir
— TIMES NOW (@TimesNow) January 27, 2020
TIMES NOW EXPOSES cash, clients, Congress & clashes ‘link’ behind CAA stir.
+ ED claims money trail proves beyond doubt that PFI funded anti-CAA stir
+ Money withdrawn on day of demonstration or a day before protests
Rahul & Navika with details. pic.twitter.com/UKPDpW3sac
खबर के अनुसार, 73 सिंडिकेट बैंक अकॉउंट की पड़ताल से खुलासा हुआ है कि पूरी हिंसा को भड़काने में इनमें 120 करोड़ रुपए डाले गए। लेकिन बाद में इन अकॉउंटों को कुछ राशि खाली छोड़कर खाली कर दिया गया। बता दें कि इससे पहले यूपी पुलिस को भी राज्य में भड़की हिंसा संबंधी अपनी जाँच में पीएफआई के हाथ होने के सबूत मिले थे।
#TukdeFundedCAAStir
— TIMES NOW (@TimesNow) January 27, 2020
It’s out – ‘Islamist radicals funded violence.’ Rs 120 crore, 73 syndicate bank accounts REVEALED. @Dir_ED draws sensational link to Lobby. @KapilSibal, @IJaising, PFI named by ED. Sabotage-‘syndicate’ behind CAA stir. | Rahul Shivshankar with details. pic.twitter.com/8dmxDKhSyn
रिपोर्ट्स से बताया जा रहा है कि पीएफआई ने दंगों से पहले 27 बैंक अक़ॉउंट ख़ोले थे। 9 बैंक अकॉउंट रेहाब फाउंडेशन के नाम पर खोले गए थे, जिसका संबंध भी पीएफआई से है। जबकि 37 अन्य अकॉउंट भी इसी संगठन ने 17 अलग-अलग लोगों के नाम और संगठनों के नाम पर पर खोले थे।
इन अकॉउंटों की ट्रांजैक्शन जानकारी मिलने के बाद ईडी ने ये बड़ा खुलासा किया है। जानकारी के मुताबिक 73 अकॉउंटों में 120 करोड़ रुपए जमा करवाए गए थे और इनमें से 15 में हुई ट्रांजैक्शन की तारीख दंगों की तारीख से मेल खा रही है। इसे देखते हुए ही दावा किया गया है कि पीएफआई का ही इस हिंसा में सीधा संबंध हैं।
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