महाराष्ट्र में सत्ता के लिए जारी संघर्ष की आँच बढ़ती ही जा रही है। अब ताप बढ़ाते हुए शिव सेना ने भाजपा से पूछा है कि क्या राष्ट्रपति भाजपा की जेब में हैं। शिव सेना के मुखपत्र सामना के सम्पादकीय में पूछा गया है कि आम आदमी भाजपा नेता मुनगंटीवार की धमकी का क्या अर्थ निकालें। सामना में सीधे-सीधे राष्ट्रपति कार्यालय का भी नाम लेते हुए पूछा गया है कि क्या राष्ट्रपति भाजपा की जेब में हैं, या फिर उनकी सील महाराष्ट्र भाजपा के (नरीमन पॉइंट स्थित) कार्यालय में पड़ी हुई है कि भाजपा अपनी सरकार न बन पाने की सूरत में राष्ट्रपति शासन थोप देगी राज्य पर।
The Marathi editorial, #Saamana titled ‘Insult to #Maharashtra, Is President in your pocket?’ the #ShivSena described #Mungantiwar‘s comments ‘undemocratic and unconstitutional’https://t.co/1dpI9Z992X
— Firstpost (@firstpost) November 2, 2019
Maharashtra power tussle: Is President in your pocket? Shiv Sena reacts to BJP minister’s comment | India News – Times of India https://t.co/rmzLqn0Czr
— ParanjoyGuhaThakurta (@paranjoygt) November 2, 2019
इसके अलावा शिव सेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी भाजपा नेता के बयान से व्यथित होकर उनसे सवाल किया है कि क्या वे चुने हुए विधायकों को धमकी दे रहे हैं। शिव सेना के राज्य सभा सांसद और सामना के कार्यकारी सम्पादक संजय राउत ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए यह भी कहा कि महाराष्ट्र में आज राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि भाजपा और शिव सेना के अलावा बाकी सभी राजनीतिक दल एक दूसरे से बात कर रहे हैं।
Sanjay Raut, Shiv Sena on his meeting with Nationalist Congress Party (NCP) Chief, Sharad Pawar: The kind of situation that is prevailing in Maharashtra, all political parties are talking to each other, except Shiv Sena & BJP. #MaharashtraAssemblyPolls https://t.co/rFZPxyEWIS
— ANI (@ANI) November 2, 2019
Sanjay Raut, Shiv Sena: If there is a delay in formation of government in a state, and a minister from the ruling party says President’s rule will be implemented in Maharashtra if government isn’t formed, is this a threat to the MLAs who have been elected? pic.twitter.com/smqsPh6xbu
— ANI (@ANI) November 2, 2019
शुक्रवार को बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि यदि राज्य में सात नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार से अपनी मुलाकात पर संजय राउत ने यह बयान दिया था। कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थरोट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण ने भी शरद पवार से मुलाक़ात की थी। इन मुलाकातों ने राज्य में ग़ैर-भाजपा सरकार की अटकलों को हवा दे दी थी।