भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता पर एक किताब लिखी है। इसमें कॉन्ग्रेस और सोनिया गाँधी से जुड़े कई प्रकरण का जिक्र है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने यह किताब अपने पिता की डायरी, उनसे हुए संवाद और अपने शोध के आधार पर लिखी है।
किताब का नाम- इन प्रणब, माई फादर:ए डॉटर रिमेम्बर्स (In Pranab, My Father: A Daughter Remebers) है। इसका विमोचन 11 दिसम्बर 2023 को दिल्ली में होगा। इसमें शर्मिष्ठा ने 2004 के लोकसभा चुनावों के बाद प्रधानमंत्री पद को लेकर पिता के साथ हुई अपनी बातचीत के बारे में भी बताया है। इसी दौरान प्रणब मुखर्जी ने उन्हें बता दिया था कि वे प्रधानमंत्री नहीं होंगे।
शर्मिष्ठा ने किताब में सोनिया गाँधी और प्रणब के बीच के रिश्ते, राहुल गाँधी को लेकर उनके विचार और देश के राजनीतिक माहौल पर उनके विचारों को लेकर लिखा है। गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी कॉन्ग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। वह रक्षा, वित्त और विदेश जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय सँभाल चुके थे। वह 2012 से लेकर 2017 तक देश के राष्ट्रपति भी रहे थे। प्रणब मुखर्जी का निधन अगस्त 2020 में हो गया था।
2004 के आम चुनावों में एनडीए की हार के बाद कॉन्ग्रेस नेता सोनिया गाँधी से प्रधानमंत्री बनने की अपील कर रहे थे। लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते सोनिया को खुद की इस दौड़ से बाहर होने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद कॉन्ग्रेस के तब के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी और मनमोहन सिंह में से किसी के प्रधानमंत्री बनने की खबरें तैरने लगी थी।
आजतक के अनुसार, शर्मिष्ठा ने इस विषय में किताब में लिखा है, “इस पद के लिए शीर्ष दावेदारों के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के नामों पर चर्चा हो रही थी। मुझे कुछ दिनों तक बाबा से मिलने का मौका नहीं मिला, क्योंकि वह बहुत व्यस्त थे। लेकिन मैंने उनसे फोन पर बात की। मैंने उनसे उत्साहित होकर पूछा कि क्या वह पीएम बनने जा रहे हैं। उनका दो टूक जवाब था- नहीं, वह मुझे पीएम नहीं बनाएँगी। वह मनमोहन सिंह होंगे।” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन उन्हें जल्द इसकी घोषणा करनी चाहिए। यह अनिश्चितता देश के लिए अच्छी नहीं है।”
प्रधानमंत्री बनने को लेकर प्रणब मुखर्जी से उनकी बेटी ने प्रश्न पूछा था कि क्या वह देश का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं? इसके जवाब में प्रणब मुखर्जी ने कहा था, “बेशक, मैं प्रधानमंत्री बनना चाहूँगा। किसी भी योग्य राजनेता की यह महत्वाकांक्षा होती है। लेकिन सिर्फ इसलिए कि मैं इसे चाहता हूँ इसका मतलब यह नहीं है यह नहीं है कि मुझे यह मिल जाएगा।”
सोनिया गाँधी के विषय में प्रणब मुखर्जी का मानना था कि वह एक मेहनती और प्रतिभाशाली नेता हैं और भारत की जटिलताओं को समझने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। लेकिन राहुल गाँधी को लेकर उनका मानना था कि वह राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हैं। उन्होंने राहुल को मनमोहन कैबिनेट में शामिल होकर अनुभव लेने की सलाह भी दी थी, पर कॉन्ग्रेस नेता ने इस पर भी अमल नहीं किया था।