केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का अहम फैसला लिया है, लेकिन देश की बेटियों के हित में लिया गया यह फैसला संकीर्ण और दकियानूसी मानसिकता वाले लोगों को रास नहीं आ रहा है। फैसले के विरोध में कई नेता बेतुके बयान दे रहे हैं। इस फेहरिस्त में एक और नाम शामिल हो गया है। वह कोई और नहीं, बल्कि अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और मुंबई से विधायक अबू आजमी (Abu Azmi) हैं।
शुक्रवार (17 दिसंबर 2021) को अबू आजमी ने न्यूज 18 चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, ”मेरे हिसाब से ये बिल्कुल भी सही नहीं है। ये माँ-बाप की मर्जी के ऊपर होना चाहिए। मैं समझता हूँ कि जब लड़की एडल्ट हो जाए, बालिग हो जाए और जब लगता है कि इसको शादी की जरूरत है तो शादी मिलने के बाद भी अगर हम उसकी शादी 21 साल से पहले नहीं करेंगे। क्योंकि हम पर मुकदमा होगा। इसके लिए माँ-बाप और सरकार दोनों गुनहगार होंगे।” सपा नेता ने कहा, ”अगर लड़की किसी गलत रास्ते पर चली गई तो? लगता है सरकार ये सब कुछ जनसंख्या पर काबू पाने के लिए कर रही है।”
57:55 मिनट के वीडियो क्लिप में वह 44 मिनट से 56:06 के बीच में अपनी बात रख रहे हैं। ‘आर पार’ शो में शादी और इंतकाल को एक समान मानते हुए अबू आजमी कहते हैं, ”मैंने अपने पूर्वजों और अपनी संस्कृति से यही सीखा कि जो मेरी माँ और मेरा बाप, जिसे मैं सबसे अधिक चाहता हूँ अगर उसका इंतकाल हो जाए तो उनका जितना जल्दी हो सके क्रिया-करम कर देना चाहिए। इसी तरह से दूसरी चीज यह है कि जब हमारी बच्ची बड़ी हो जाती है, बालिग हो जाती है, एडल्ड हो जाती है यानी शादी के काबिल हो जाती है तो लड़की हो या लड़का, उसकी तुरंत शादी करवा देनी चाहिए। अगर शादी नहीं मिलती है, कोई मजबूरी है तो मिलने तक उसका इंतजार करो। लेकिन अगर उसका जोड़ा मिल जाता है और आप उसका किसी और कारणों से लेट करते हैं औक वह लड़की या लड़का कोई गुनाह करता है, किसी और के संपर्क में आता है तो इसका पाप उसके पाप माँ-बाप को मिलेगा कि उन्होंने इसकी शादी इतनी देर से क्यों की।”
पत्रकार अमिश देवगन ने बॉलीवुड एक्ट्रेस आयशा टाकिया के ससुर और नेता आजमी से सवाल किया कि क्या उन्हें लड़कियों पर भरोसा नहीं है। इस पर उन्होंने कहा, ”आप भी भरोसे के काबिल हैं। लड़कियाँ भी भरोसा के काबिल हैं। मेरी भी लड़की है।” उन्होंने कहा, “अगर मेरी बेटी, मेरी बहन घर में अकेली है, तब भी मुझे ये बताया गया है कि अकेली बेटी के साथ मत रहो, शैतान कभी भी सवार हो सकता है। हम देख रहे हैं आज कि कजन ब्रदर, भाई, बाप के रेप के केस सामने आ रहे हैं। ये प्रिकॉशन हमारे पुरखों ने लिया है।”
पत्रकार ने अबू आजमी से कहा कि आपको नहीं लगता है कि ये आपकी दकियानूसी सोच है। इस पर नेता कहते हैं, ”जनाब ईश्वर ने दुनिया बनाई है और उन्हें मालूम है कि कितने मर्द बनाना है और कितनी औरतें बनाना है। यहाँ भगवान और अल्लाह की बनाई गई सल्तनत में हस्तक्षेप करने से डिस बैलेंस हो जाता है।”
अबू आजमी से पहले समाजवादी पार्टी के एक और नेता ने महिलाओं को लेकर बेतुका बयान दिया था। सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि लड़कियों की शादी की उम्र सीमा बढ़ाने से वो और ज्यादा ‘आवारगी’ करेंगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान लड़कियों की शादी की उम्र को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष किए जाने संबंधी प्रस्ताव का ऐलान किया था। PM ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा था, ”सरकार बेटियों और बहनों के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा से चिंतित रही है। बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी सही उम्र में हो।”