पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान के बीच ‘जय श्री राम’ का नारा आए दिन सुर्ख़ियों में बना रहता है। ऐसे में अगर यह ख़बर सामने आए कि तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता राम कथा का आयोजन करा रहे हैं, तो भला किसे अश्चर्य नहीं होगा। ‘जय श्री राम’ के नारे पर लगातार बढ़ता विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच TMC नेता मदन मित्रा ने आगामी 24 जुलाई को राम कथा का आयोजन कराने का निर्णय लिया है।
एक तरफ़ राम कथा के आयोजन की इस ख़बर से ख़ुश बीजेपी ने इस क़दम की तारीफ़ की है, तो वहीं दूसरी तरफ़ मित्रा के इस आयोजन पर तृणमूल हैरान-परेशान है। ख़बर के अनुसार, TMC नेता मदन मित्रा अपने गृहक्षेत्र भोवनीपुर में न केवल पूजा-पाठ करवाएँगे, बल्कि दुर्गा पूजा के दौरान देवी दुर्गा के साथ भगवान श्री राम और देवी सीता की मूर्ति भी स्थापित करवाएँगे। मित्रा का कहना है कि वो यह सब किसी राजनेता के तौर पर नहीं, बल्कि एक भारतीय नागरिक होने के नाते करवा रहे हैं।
मित्रा के अनुसार, “हमारे संविधान की प्रस्तावना धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करती है। उन्होंने (बीजेपी ने) भगवान राम को एक वस्तु के रूप में घटा दिया है, जिससे वे अपने हिंदुत्व के अजेंडे को बेच सकें।” साथ ही उन्होंने इस बात पर भी दु:ख व्यक्त किया कि उन्हें तब बेहद दु:ख होता है जब कोई पार्टी और उसके कार्यकर्ता राम के नाम पर हमले करते हैं। हालाँकि मित्रा के समर्थकों की मानें तो TMC पार्टी की तरफ़ से इस निर्णय के प्रति कोई अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलने से वे काफ़ी आहत हैं और इसीलिए अब उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र भोवनीपुर में अपना आधार मज़बूत करने का मन बना लिया है।
उनके समर्थकों का कहना है कि ऊपरी तौर पर तो मित्रा को पार्टी ने अपना समर्थन दिया है क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को यहाँ हार का मुँह देखना पड़ा था। मित्रा ने राम कथा के आयोजन पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस आयोजन का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि राम के नाम पर राजीति केवल बीजेपी ही करती आई है।