हाल ही में चेन्नई में हुए AR रहमान के कंसर्ट में भगदड़ मच गई, जिसके बाद न सिर्फ महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ बल्कि बच्चों को भी रोते हुए देखा गया। रविवार (10 सितंबर, 2023) की इस घटना को लेकर अब तमिलनाडु के युवा एवं खेल मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एआर रहमान का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग AR रहमान को निशाना बनाने के चक्कर में रहते हैं और इसके लिए बहाने ढूँढ़ते रहते हैं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा है कि DMK सरकार कंसर्ट में भीड़ बढ़ने के ‘असली कारणों’ का पता लगाएगी।
AR रहमान के समर्थन में उदयनिधि स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री MK स्टालिन के बेटे ने बताया कि वो कंसर्ट में नहीं गए थे, बल्कि अधिकतर लोगों की तरह उन्होंने सोशल मीडिया से इस घटना के बारे में जाना। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उनका दावा है कि अंतिम समय में भागदौड़ की वजह से ये भगदड़ मच गई। बकौल उदयनिधि स्टालिन, भविष्य में इस तरह की घटनाओं से हमें बचने की आवश्यकता है। इसी दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोग AR रहमान की आलोचना के लिए ऐसी घटनाओं का इंतजार करते रहते हैं।
उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि इस अप्रिय घटना के पीछे के अप्रिय कारणों का तमिलनाडु सरकार पता लगाएगी और जो जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद लोग आश्चर्य जता रहे हैं कि तमिलनाडु की राजधानी में महिलाओं के साथ बड़े पैमाने पर दुर्व्यवहार हुआ, छेड़खानी हुई, और एक मंत्री कह रहा है कि उसे सोशल मीडिया से इन सबकी जानकारी मिली। तमिलनाडु के कई सेलेब्स भी AR रहमान के समर्थन में उतर आए हैं और ट्वीट कर के कह रहे हैं कि इन सबमें उनकी कोई गलती नहीं।
AR Rahman concert issue | Tamil Nadu Minister Udhayanidhi Stalin says, "I didn't go to the AR Rahman concert. Like you, I also watched it on social media. Actions have been taken against Police officials. A last-minute rush is said to be the reason for that. We have to avoid such… pic.twitter.com/m4NrhJgkM3
— ANI (@ANI) September 13, 2023
वहीं आयोजक कंपनी ‘ACTE इवेंट्स’ ने भी इस घटना को लेकर माफ़ी माँगी है और लोगों से कहा है कि वो AR रहमान को निशाना न बनाएँ। वहीं संगीत निर्देशक की बेटियाँ भी उनके समर्थन में उतर आई हैं। उनकी बेटी ख़ातिजा ने सारा दोष आयोजकों पर डाल दिया है। साथ ही उन्होंने शेयर किया कि कैसे उनके अब्बा ने कंसर्ट कर के कई मौकों पर आपदा पीड़ितों की मदद की है। उनकी बेटी रहीम ने भी उनका समर्थन किया है। एआर रहमान को 2009 में ऑस्कर भी मिल चुका है।
वहीं उदयनिधि स्टालिन का बयान बताता है कि तमिलनाडु सरकार भी उनके समर्थन में है। उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताते हुए इसे खत्म करने की बात की थी। ‘सनातन के खात्मे’ की मंशा के साथ आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने ये बात कही थी। यही नहीं, बाद में उन्होंने कहा था कि वो अपने बयान पर कायम हैं। आलोचना करने पर उलटे भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय पर तमिलनाडु में FIR दर्ज कर दी गई थी।
चेन्नई: AR रहमान के कंसर्ट में क्या हुआ था
कई महिलाओं ने इस कंसर्ट के आने बुरे अनुभव साझा किए हैं। 31 साल की एक फिल्म निर्देशक ने बताया कि कंसर्ट के दौरान उन्हें पैनिक अटैक आया, जिसके बाद उन्होंने एक व्यक्ति को ‘अन्ना’ (बड़ा भाई) कह कर संबोधित किया और पूछा कि बाहर जाने का रास्ता किधर से है। महिला ने बताया, “उसने मेरी आँखों में देखा और अगली चीज मुझे याद है कि उसके हाथ मेरे स्तन के ऊपर थे और उसने मुझे दबोच लिया। पीड़िता ने बताया कि वो वहीं खड़ी की कड़ी रह गई और एक इंच भी इधर-उधर नहीं खिसक सकी।
उसने इसे एक ऐसा डरावना और आघात पहुँचाने वाला अनुभव करार दिया, जिससे वो शायद ही बाहर निकल सके। सिर्फ यही महला नहीं, बल्कि AR रहमान के इस कंसर्ट में छेड़खानी को लेकर कई अन्य महिलाओं ने शिकायत की है। ये कंसर्ट ‘मराकुम्मा नेंजम’ (अर्थ – क्या दिल कभी भूलेगा?) नाम से चेन्नई के ECR (ईस्ट कोस्ट रोड) में आयोजित किया गया था। एक व्यक्ति ने बताया कि उसने कभी नहीं सोचा था कि AR रहमान के किसी कंसर्ट में लोग शो को रोकने के लिए चिल्लाएँगे।
कई लोग टिकट मिलने के बावजूद भीतर नहीं जा सके। जो अंदर गए, उनमें से कइयों को पैनिक अटैक आया। कइयों को घुटन महसूस हुई। कई बच्चे भी खो गए। पीड़ितों ने बताया कि ट्रैफिक का भी ठीक से प्रबंधन नहीं किया गया था। शाम 7:30 बजे ही लोग घर जाने लगे। बताया जा रहा है कि आयोजनों ने भी क्षमता से ज़्यादा टिकट्स भेजे हैं। चेन्नई के एक NGO में काम करने वाली 23 वर्षीय महिला ने बताया कि कंसर्ट शुरू होने से पहले ही भगदड़ मच गई थी।
टिकट होने के बावजूद कंसर्ट में घुसने के लिए टैग लेने के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ी। कई जब भीतर घुसे तो देखा कि सीट फुल है। खड़े होने तक की जगह नहीं थी। एक बुजुर्ग महिला बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ीं। मेडिकल मदद की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। कुछ महिलाएँ रोने लगीं। प्रबंधन के लिए काफी कम वॉलंटियर्स मौजूद थे। एक अर्थराइटिस की मरीज ने बताया कि उन्हें 3 किलोमीटर चलने के बाद कई घंटे पैदल खड़ा रहना पड़ा, क्योंकि कोई मदद करने वाला नहीं था।