उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा के सत्ता में लौटने पर राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लाने का वादा किया है। बता दें कि गोवा में पहले से ही ‘Uniform Civil Code’ लागू है, इसीलिए बिना केंद्र सरकार के कानून लाए भी ऐसा संभव है। सीएम धामी ने कहा, “शपथग्रहण के ठीक बाद भाजपा की नई सरकार एक समिति का गठन करेगी, जो राज्य में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी।” बता दें कि पूरे देश में UCC की माँग लंबे समय से चल रही है।
भाजपा के सत्ता में लौटने पर उत्तराखंड में UCC: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ऐलान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि राज्य में आने वाले नए UCC के हिसाब से शादी, तलाक, जमीन-संपत्ति और वसीयत को लेकर समान कानून लागू होंगे। सभी वर्गों के लिए समा कानून होंगे। सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि लोगों का मजहब जो भी हो, उनके लिए कानून समान ही रहेंगे। सीएम धामी ने कहा, “UCC उनलोगों के सपने को साकार करने की तरफ एक कदम होगा, जिन्होंने हमारे संविधान का निर्माण किया। साथ ही ये हमारे संविधान की भावना को और ठोस बनाएगा।”
उधम सिंह नगर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये अनुच्छेद-44 की तरफ भी एक प्रभावशाली कदम होगा, जो सभी नागरिकों के लिए UCC का प्रस्ताव देता है। बताते चलें कि भारत के अनुच्छेद-44 में यह उल्लेख किया गया है कि नागरिकों के लिए देश के पूरे क्षेत्र में एक समान अधिकार हो तथा समान नागरिक संहिता की रक्षा करना राज्य का प्रमुख कर्तव्य है। ऐसे में ‘लैंड जिहाद’ जैसे मुद्दों से जूझ रहे चारधाम वाले आध्यात्मिक और पर्यटन वाले राज्य उत्तराखंड के लिए ये एक बड़ी घोषणा है।
सीएम धामी ने कहा, “मैं जो भी घोषणा कर रहा हूँ, वो मेरी पार्टी का संकल्प है और भाजपा की नई सरकार बनते ही जल्द से जल्द उसे पूरा किया जाएगा। देवभूमि की संस्कृति और विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखना हमारा मुख्य कर्तव्य है। हम इसके लिए प्रतिबद्ध है। UCC के जल्द लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों के समान अधिकार को मजबूती मिलेगी। ये सामाजिक सौहार्दता को मजबूती देगा, लैंगिक समानता को ठीक करेगा और और महिला सशक्तिकरण को भी मजबूत करेगा।”
Implementing Uniform Civil Code in Uttarakhand at the earliest will boost equal rights for everyone in state. It'll enhance social harmony, boost gender justice, strengthen women empowerment&help protect the extraordinary cultural-spiritual identity & environment of the state: CM pic.twitter.com/uK8YhFbwtu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 12, 2022
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और राज्य में भाजपा के चेहरे पुष्कर सिंह धामी का ये भी कहना है कि UCC के आने से इससे राज्य की अभूतपूर्व सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहचान को सुरक्षा मिलेगी और यहाँ के पर्यावरण को भी सुरक्षा मिलेगी। राज्य में 14 फरवरी को चुनाव होने हैं। एक ही चरण में यहाँ मतदान निपटा लिया जाएगा। 10 मार्च को पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने हैं। इस कार्यकाल में भाजपा को तीन सीएम बदलने पड़े। त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के बाद पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा जताया गया।
गोवा में पहले से है UCC, केंद्र कानून न भी लाए तो राज्य के लिए ऐसा करना संभव
बता दें कि अप्रैल 2021 में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे ने गोवा के UCC की प्रशंसा की थी। ये भारत का अकेला ऐसा राज्य है, जहाँ का ये कानून है। हालाँकि, 2018 में ‘लॉ कमीशन’ का कहना था कि UCC न तो ज़रूरी है और न ही साध्य है। अभी तक केंद्र में UCC के लिए कोई ब्लूप्रिंट नहीं बना है। अमेरिका में हर राज्य के पास अलग संविधान और अपराध कानून होते हैं। CJI ने बुद्धिजीवियों को गोवा के UCC को गंभीरता से पढ़ने की सलाह दी थी।
2019 के एक जजमेंट में भी गोवा के UCC को सुप्रीम कोर्ट ने एक अच्छा उदाहरण बताया था। जमीन की वसीयत सम्बंधित एक फैसले में इस कानून की मदद ली गई थी। सन् 1867 में पुर्तगालियों के समय से ही वहाँ ये कानून चला आ रहा है। मुस्लिमों के लिए यहाँ कोई अलग शरिया कानून नहीं है। गोवा की UCC के 4 भाग हैं, जो सिविल कैपेसिटी, अधिकारों के अर्जन, संपत्ति के अधिकार, ब्रीच ऑफ राइट्स एंड रेमेडीज। इसीलिए, सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी प्रशंसा की थी।