उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार (दिसंबर 29, 2020) को अधिकारियों से कहा कि जिस जमीन पर किसी गरीब की झोपड़ी है, वह उसके नाम होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी जमीन रिजर्व श्रेणी की नहीं है। उसे लेकर कोई विवाद नहीं है तो झोपड़ी की जमीन संबंधित व्यक्ति के नाम करने के लिए स्वामित्व योजना के तहत अभियान चलाएँ।
‘साकार हुआ सपना, घर हुआ अपना’ : मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 21,562 लाभार्थियों को आवास निर्माण की कुल लागत ₹260.65 करोड़ के सापेक्ष प्रथम किस्त ₹87 करोड़ का ऑनलाइन हस्तांतरण… https://t.co/eewvRofd82
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 29, 2020
कुछ जिलों की तरह जरूरत के अनुसार गरीबों के आवास क्लस्टर में भी बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने यहाँ अपने आवास पर मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत स्वीकृत 21562 आवासों के लाभाथियों के खाते में पहली किस्त के रूप में 87 करोड़ रुपए का हस्तातंरण किया।
गरीबों की जमीन का पट्टा दिलवाएं डीएम#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने दिया निर्देश, कहा- भटकना न पड़े pic.twitter.com/VsOTeuKzPm
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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के हर लाभार्थी को शासन की सभी योजनाओं (शौचालय, रसोईगैस, बिजली, आयुष्मान भारत, जीवन ज्योति और जीवन सुरक्षा आदि) से संतृप्त करने के लिए अभियान चलाएँ।
गरीबों को झोपड़ी की जमीन का पट्टा देने का चलेगा अभियान pic.twitter.com/q1hTe3U53O
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इन लाभार्थियों को वहाँ की जरूरत के अनुसार, स्वरोजगार के किसी कार्यक्रम (बकरी एवं मुर्गी पालन, डेयरी आदि) से जोड़ें। इस बाबत उनको जरूरी प्रशिक्षण दें और बैंकर्स से जोड़ कर जरूरी पूँजी उपलब्ध कराकर उनको स्वरोजगार के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि घर के लिए मिले पैसे का उपयोग घर के लिए ही हो स्थानीय प्रशासन इसे सुनिश्चित कराए। गरीबों को मकान बनाने के लिए ईंट, बालू, मिट्टी, छड़ आदि वाजिब दाम पर और आसानी से मिलें यह भी सुनिश्चित कराएँ। इनकी आपूर्ति करने वालों से संपर्क करें। मकान के कार्य की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करें। इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएँ।
मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों के लाभार्थियों से बात की
सीएम योगी ने कहा कि गोशालाओं से चिन्हित कर पालने की शर्त के साथ एक स्वस्थ्य गाय दें। सरकार ऐसे गायों को पालने के लिए प्रति माह जो 900 रुपए देती है, वह उसके खाते में दें। मनरेगा के तहत गायों के रहने के लिए छाजन भी बनाए जा सकते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों के लाभार्थियों से बात की। नाम, पता, पति का काम, कितने बच्चे हैं आदि जैसे सवाल पूछे।
इस दौरान उन्होंने यह भी पूछा कि शासन की किन-किन योजनाओं का लाभ मिला है। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया कि इन सबको अभियान चलाकर शासन की सभी योजनाओं का लाभ दिलवाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिले पैसे से घर बनाना है। बच्चों को नियमित स्कूल भेजें और उनको खूब पढ़ाएँ।
जिन लाभार्थियों से मुख्यमंत्री ने बात की, उनमें अयोध्या की प्रेमा, आजमगढ़ की सोनी, कुशीनगर की संगीता, जौनपुर की आशा, गोरखपुर के अक्षयबर, रायबरेली की अंशु, सोनभद्र की के बरई, वाराणसी की मीरा, प्रतापगढ़ के त्रिवेनी और मीरजापुर की मुनरी देवी शामिल रहीं।