प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति के खिलाफ कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने बयान दिया। अब उस बयान पर अमेरिकी विदेश विभाग की प्रतिक्रिया आई है। वहाँ के प्रवक्ता नेड प्राइस ने इसका समर्थन देने से इनकार कर दिया है। दरअसल, नेड प्राइस से पूछा गया कि राहुल गाँधी ने कहा है कि पीएम मोदी की अप्रभावी नीतियों के कारण चीन और पाकिस्तान पहले से कहीं ज्यादा करीब आ गए हैं, इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा, “मैं निश्चित रूप से इन टिप्पणियों का समर्थन नहीं करूँगा। यह पाकिस्तान और चीन का मुद्दा है और इसे उन दोनों देशों पर ही छोड़ देना चाहिए।”
To a question on Congress leader Rahul Gandhi ‘suggesting that China & Pakistan are closer than ever due to PM Modi’s ineffective policies’, US Dept of State Spox Ned Price: I’ll leave it to Pakistanis & PRC to speak to their relationship. I certainly won’t endorse those remarks. pic.twitter.com/ooSmjJhIPU
— ANI (@ANI) February 3, 2022
बुधवार (2 फरवरी 2022) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गाँधी ने मोदी सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश को ‘शहंशाह’ की तरह चलाने की कोशिश हो रही है। इस सरकार की नीतियों के चलते आज देश आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर ‘बड़े खतरे’ का सामना कर रहा है।
राहुल गाँधी ने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार की नीति के कारण ही आज चीन और पाकिस्तान एक साथ आ गए हैं। उन्होंने कहा, ”चीन के पास एक योजना है। चीनियों का एक बहुत स्पष्ट दृष्टिकोण है कि वे क्या करना चाहते हैं। भारत की विदेश नीति का एकमात्र सबसे बड़ा रणनीतिक लक्ष्य पाकिस्तान और चीन को अलग रखना रहा है। आपने (केंद्र ने) जो किया है, आप उन्हें साथ लाए हैं।”
राहुल गाँधी ने कहा, ‘‘आप खतरे से खेल रहे हैं। मेरी सलाह है कि रुक जाइए।’’ सीमा पर चीन की आक्रामकता और पाकिस्तान की सीमा से जुड़ी चुनौती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप खतरे को हल्के में मत लीजिए। आप चीन और पाकिस्तान को साथ ला चुके हैं। मुझे कोई संदेह नहीं है कि चीन के पास स्पष्ट योजना है। इसकी बुनियाद डोकलाम और लद्दाख में रख दी गई है। यह देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। आपने जम्मू-कश्मीर और विदेश नीति में बहुत बड़ी रणनीतिक गलतियाँ की हैं। आपने दो मोर्चों को एक मोर्चे में बदल दिया है।’’
आज दो भारत, एक अमीरों का और एक गरीबों का: राहुल गाँधी
राहुल गाँधी ने आरोप लगाया कि इस सरकार में दो हिंदुस्तान बन गए हैं, जिनमें से एक अमीरों और दूसरा गरीबों के लिए है। राहुल गाँधी ने यह दावा भी किया कि देश के सामने खड़ी प्रमुख चुनौतियों का अभिभाषण में उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे परनाना (जवाहरलाल नेहरू) इस राष्ट्र को बनाने के लिए ही 15 साल तक जेल में रहे, मेरी दादी (इंदिरा गाँधी) को 32 गोलियाँ मारी गईं और मेरे पिता (राजीव गाँधी) को विस्फोट से उड़ा दिया गया। इन्होंने इस राष्ट्र को बनाने के लिए अपनी कुर्बानी दी। इसलिए मैं थोड़ा बहुत जानता हूँ कि राष्ट्र क्या है।’’
राहुल गाँधी के आरोपों पर विदेश मंत्री जयशंकर का पलटवार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल की बातों का जवाब चुटकी लेते हुए दिया। राहुल गाँधी के विदेश नीति वाले बयान पर एस जयशंकर ने कहा कि यह आरोप लगाया जाना कि पाकिस्तान और चीन को मौजूदा सरकार क़रीब लाई है, इसके लिए उन्हें इतिहास का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए।
-From the 1970s, the two countries also had close nuclear collaboration.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 2, 2022
-In 2013, the China-Pakistan Economic Corridor started.
So, ask yourself: were China and Pakistan distant then?
विदेश मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, “1963 में पाकिस्तान ने ग़ैर-क़ानूनी तरीके से शक्सगाम वैली को चीन को सौंपा। चीन ने पाक अधिकृत कश्मीर के बीचोंबीच से गुजरने वाला काराकोरम हाईवे को 1970 के दशक में बनाया।”
In Lok Sabha, @RahulGandhi said we could not get a foreign guest for Republic Day. Those who live in India know we were in the midst of a corona wave.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 2, 2022
The 5 Central Asian Presidents, who were to come, did hold a virtual summit on Jan 27. Did Rahul Gandhi miss that as well?
राहुल गाँधी ने संसद में ये भी कहा कि भारत इस बार गणतंत्र दिवस पर विदेशी मेहमान तक नहीं बुला पाया। इस पर जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा, “जो लोग भारत में रहते हैं वो जानते हैं कि हम कोरोना लहर के बीच हैं। सेंट्रल एशिया के जिन पाँच राष्ट्रपतियों को यहाँ आना था, उनके साथ एक वर्चुअल बैठक 27 जनवरी को हुई थी। क्या राहुल गाँधी उसे मिस कर गए।”