उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता कर्फ्यू को सोमवार (मार्च 23, 2020) सुबह तक बढ़ाने की अपील की है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार (मार्च 22, 2020) को जनता कर्फ्यू की अपील कर रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू जैसे कार्यक्रमों के लिए आगे भी तैयार रहना होगा। वायरस के खिलाफ यह देशवासियों की सामूहिक लड़ाई है।
जनता कर्फ्यू के दौरान गोरखनाथ मंदिर से स्थिति पर नजर रख रहे सीएम योगी ने कहा कि बीमारी के उपचार से महत्वपूर्ण पहलू बचाव का है और बचाव के लिए ही यह सारे प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस एक संक्रामक बीमारी है। एक-दूसरे के साथ संपर्क से बढ़ सकती है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति है तो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह बीमारी और लोगों में फैल सकती है, इसलिए आवश्यक है कि सोशल डिस्टेंस बना करके रखें। बार-बार हाथ धोने और अन्य जो भी सुझाव डॉक्टरों के द्वारा दिए जा रहे हैं, चिकित्सकों और विशेषज्ञों के द्वारा दिए जा रहे हैं उन सब का ध्यान रखें यह अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सीएम ने कहा कि आज जनता कर्फ्यू का आह्वान देश की 130 करोड़ जनता को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। जनता कर्फ्यू में हर नागरिक अपनी सहभागिता दर्ज करते हुए अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का निर्वहन करें। प्रदेश सरकार ने इसके लिए एहतियातन सभी कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 27 थी जिनमें से 11 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। शेष सभी लोग स्टेबल हैं। उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में 2,000 आइसोलेशन बेड हैं। अगले दो दिनों में आइसोलेशन बेडों की संख्या 10,000 कर दी जाएगी। राज्य सरकार की तरफ से सारे इंतजाम कर दिए गए हैं। जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। इस लड़ाई में राज्य सरकार पूरी तरह से जनता के साथ है। कोरोना पीड़ितों के निशुल्क उपचार, पैथोलॉजी जाँच की व्यवस्था की गई है। जिन लोगों को काम नहीं मिल रहा है, उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार ने उठाई है। निशुल्क राशन देने के साथ ही प्रतिमाह एक हजार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। सीएम ने शनिवार (मार्च 21, 2020) को घोषणा करते हुए कहा था, “15 लाख दिहाड़ी मजदूरों और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के 20.37 लाख श्रमिकों को अपनी रोजाना की जरूरतें पूरी करने के लिए 1000 रुपए दिए जाएँगे।”