Thursday, July 10, 2025
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योगी तो आएँगे ही… मुनव्वर राना को विदा करने मुझे जाना पड़ेगा: UP के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा

"मैं उनकी विदाई नहीं करना चाहता हूँ, मैं तो चाहता हूँ कि वो लखनऊ में रहें। लेकिन अगर वो खुद से कोई घोषणा करते हैं तो उसका सम्मान करता हूँ।"

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने विवादित शायर मुनव्वर राना के प्रदेश छोड़ने वाले बयान पर कहा है कि उन्हें बाहर जाने की तैयारी कर लेनी चाहिए, क्योंकि एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी। शर्मा ने कहा, “योगी जी तो आएँगे ही आएँगे और अगर कोई बाहर जाने की घोषणा करेगा तो उसको जाना ही पड़ेगा।”

आज तक के कार्यक्रम पंचायत यूपी में दिनेश शर्मा ने कहा, “मुनव्वर राणा हमारे बुजुर्ग हैं। उन्होंने माँ पर अच्छी कविताएँ भी कही हैं। मुझे अफसोस होगा, क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद जब वो बाहर जा रहे होंगे तो उन्हें विदाई देने के लिए मुझे जाना होगा। क्योंकि मैं उनका (मुनव्वर राना) सम्मान करता हूँ। योगी जी आएँगे ही आएँगे और अगर कोई घोषणा करेगा बाहर जाने की तो उसे जाना ही होगा।”

शर्मा ने आगे कहा, “मैं उनकी विदाई नहीं करना चाहता हूँ, मैं तो चाहता हूँ कि वो लखनऊ में रहें। लेकिन अगर वो खुद से कोई घोषणा करते हैं तो उसका सम्मान करता हूँ। वो जो माँ पर कविता सुनाते हैं तो उसे भी मैं सुनता हूँ। अगर किसी के बहकावे में आकर वो ऐसा बोल रहे हैं तो उसका सम्मान तो करना पड़ेगा।”

मुनव्वर राना के बयानबाजी पर उप मुख्यमंत्री ने कहा, “लोग छद्म रूप में प्रचार कर रहे हैं। अगर हम लखनऊ की बात करें तो हम 110 वार्ड में से 106 में चुनाव जीते। मैं महापौर बना। खास बात यह है कि इसमें कई मुस्लिम बाहुल्य हैं। राजनाथ सिंह भी यहीं से चुनाव जीतकर आए हैं, क्योंकि पार्टी ने कभी हिंदू और मुस्लिम के आधार पर काम ही नहीं किया।”

भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग नहीं चाहते हैं कि मुस्लिम समुदाय पढ़े, जो लोग चाहते हैं कि मुस्लिम गरीब रहे, दर्जी का ही काम करता रहे या पंचर ही बनाता रहे, उन्हीं लोगों को भरोसे में कमी नजर आती है। सपा, बसपा और कॉन्ग्रेस हमेशा से यही करती आई हैं। जबकि, बीजेपी ने मदरसों की शिक्षा का आधुनिकीकरण किया, उसे राष्ट्रीय शिक्षा में शामिल करने की कोशिश की ताकि मुस्लिमों को भी बराबरी का दर्जा मिले और वो भी अच्छी जिंदगी जिएँ। अगर हमारी सोच नकारात्मक होती तो हम ये सकारात्मक पहले क्यों करते?

शर्मा ने आगे कहा, “हमने ये सब इसलिए किया क्योंकि हम उत्तर प्रदेश को जातिवाद औऱ सम्प्रदायवाद से ऊपर उठाकर राष्ट्रवाद की ओर ले जाना चाहते हैं। अगर हम भारतीय संस्कृति और परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने की कोशिश करते हैं तो लोग उसे साम्प्रदायिक कहते हैं। कहाँ से हम साम्प्रादायिक हैं?”

गौरतलब है कि मुनव्वर राना ने 17 जुलाई को कहा था, ”अगर औवेसी की मदद से यूपी में योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने तो मैं प्रदेश छोड़कर चला जाऊँगा। ये भी मान लूँगा कि ये राज्य मुसलमानों के रहने लायक नहीं है।” शायर ने मीडिया में कहा था कि बीजेपी और ओवैसी दोनों ऐसे पहलवान हैं जो सिर्फ जनता को और अन्य सियासी दलों को दिखाने के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन मामला कुछ और ही है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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