उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोनोवायरस लॉकडाउन के बाद अन्य राज्यों से घर लौट आए प्रवासी मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के लिए माइग्रेशन कमीशन (प्रवासी आयोग) बनाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया, “अब तक उत्तर प्रदेश में मेहनत कर अपनी जीविका चलाने वाले 23 लाख श्रमिक बहनों-भाइयों और उनके परिजनों को वापस लाया गया है। सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें उपयुक्त रूप से क्वारंटाइन करने, खाद्यान्न किट देने के साथ राशन कार्ड बनवाने और 1,000₹ भरण-पोषण राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी।”
मेहनत कर अपनी जीविका चलाने वाले 23 लाख श्रमिक बहनों- भाइयों और उनके परिजनों को अब तक घर वापस लाया गया है। सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें उपयुक्त रूप से क्वारंटीन करने, खाद्यान्न किट देने, राशन कार्ड बनवाने और ₹1,000 भरण-पोषण भत्ता दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 24, 2020
उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में आने वाले हर प्रवासी कामगार और श्रमिकों को रोजगार मिले, उनकी बराबर सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित हो। इसके लिए माइग्रेशन कमीशन का गठन किया जा रहा है। हम इन सभी को राज्य के भीतर रोजगार के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
घर वापस आए श्रमिक बहनों-भाइयों को प्रदेश में ही सेवायोजित करने के लिए एक माइग्रेशन कमीशन गठित करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 24, 2020
‘अर्थव्यवस्था की धुरी’ इन कामगारों को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध करवाकर इन्हें सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ”प्रवासी कामगारों को राज्य स्तर पर बीमा का लाभ देने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, ऐसी कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है, जिससे इन लोगों की जॉब सिक्योरिटी प्रदेश में ही सुनिश्चित की जा सके और इन्हें मजबूर हो कर अपने घर-परिवार से दूर नौकरी की तलाश में पलायन न करना पड़े।”
प्रवासी कामगारों को राज्य स्तर पर बीमा का लाभ देने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, ऐसी कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है, जिससे इन लोगों की जॉब सिक्योरिटी प्रदेश में ही सुनिश्चित की जा सके और इन्हें मजबूर हो कर अपने घर-परिवार से दूर नौकरी की तलाश में पलायन न करना पड़े।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 24, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो भी राज्य चाहता है कि प्रदेश के प्रवासी कामगार उनके यहाँ वापस आएँ, उन्हें राज्य सरकार से इसकी इजाजत लेनी होगी और उन कामगारों के सामाजिक, कानूनी और आर्थिक अधिकार सुनिश्चित करने होंगे। क्योंकि अन्य राज्यों में उनके साथ दुर्व्यवहार की कई खबरें सामने आई है।
उन्होंने आगे कहा कि हम उन्हें उत्तर प्रदेश में रोजगार देंगे और उन्हें रोजगार मुहैया करवाने के लिए एक आयोग गठित होगी। साथ ही कामगारों व श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जाए और उनका सारा ब्यौरा इकट्ठा किया जाए जिसके बाद उन्हें रोजगार देकर मानदेय दिया जाएगा।