उत्तर प्रदेश में आबादी के अनुपात में मुसलमानों की राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में अधिक हिस्सेदारी है। यह बात बुधवार (3 मार्च 2021) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कही। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में मुस्लिम की हिस्सेदारी उनकी आबादी से कहीं ज्यादा है।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या में मुस्लिमों की आबादी 17-19 फीसदी है। लेकिन कल्याणकारी योजनाओं में उनकी हिस्सेदारी 30-35 फीसदी है।” सपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन का ध्यान आकर्षित करवाते हुए उन्होंने यह बात कही।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बात कहते हुए केंद्रीय आवास योजना, मुफ्त बिजली कनेक्शन, उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का जिक्र भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव और तुष्टिकरण के बगैर सभी लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचा रही हैं। पिछली सरकारों के दौरान योजनाओं का लाभ पहुँचाने में भेदभाव किए जाने की बात भी उन्होंने कही।
उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ किसे मिले यह तय करने के लिए पिछली सरकारे ‘पिक एंड चूज़’ पॉलिसी का इस्तेमाल करती थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ विजन के साथ कार्य करने को प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के वक्त उत्तर प्रदेश आर्थिक रूप से उन्नत देश के शीर्ष राज्यों में था। लेकिन, राज्य की इकोनॉमी में पिछली सरकारों के दौरान लगातार गिरावट हुई। चाहे वह सपा की सरकार रही हो या बसपा की या फिर कॉन्ग्रेस की। उन्होंने कहा, “2016 में हम 5वें या छठे पायदान पर थे। लेकिन, हालिया रैंकिंग में उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनकर उभरा है।”
सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में जाति, पंथ, धर्म, क्षेत्र और भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया। उन्होंने कहा, “इसे हम मोदी मॉडल कहते हैं।” समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए सीएम ने कहा कि आचार्य नरेंद्र देव, जय प्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया जैसे नेता जिस तरह के समाजवाद की बात करते थे, आज सपा नेताओं का उससे कोई नाता नहीं रहा। उन्होंने कहा कि आज का समाजवाद जाति और परिवार तक सिमट गया है और शिवपाल यादव तक पहुँच कर यह ‘प्रगतिशील’ हो जाता है।