Saturday, June 3, 2023
Homeराजनीतिअलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, 35-ए पर SC में होगी सुनवाई

अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, 35-ए पर SC में होगी सुनवाई

पुलवामा हमले के बाद सरकार ने अलगाववादी नेताओं के ख़िलाफ़ सख्त रुख अपनाते हुए घाटी के 18 हुर्रियत नेताओं और 155 राजनीतिज्ञों से सुरक्षा वापस ले ली थी।

जम्मू-कश्मीर लिबरल फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक को बीते शुक्रवार (फरवरी 22, 2019) की रात मायसूमा स्थित आवास से हिरासत में लिया । इसके बाद यासीन को पहले कोठीबाग ले जाया गया और फिर वहाँ से सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। खबरें हैं कि आज (फरवरी 23,2019) यासीन को राज्य से बाहर भी भेजा जा सकता है।

पुलिस को आशंका है कि पुलवामा हमले के बाद अलगाववादी कश्मीर के माहौल को और भी खराब कर सकते हैं। इसलिए एहतियात बरतते हुए यासीन को गिरफ्तार किया गया है। हालाँकि अभी किसी अन्य नेता को हिरासत में लिए जाने की ख़बर सामने नहीं आई है। इसके अलावा प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुच्छेद 35-ए पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (फरवरी 25, 2019) को सुनवाई शुरू होगी।

पुलवामा हमले के बाद सरकार ने अलगाववादी नेताओं के ख़िलाफ़ सख्त रुख अपनाते हुए घाटी के 18 हुर्रियत नेताओं और 155 राजनीतिज्ञों से सुरक्षा वापस ले ली थी। इन अलगाववादी नेताओं में मौलवी अब्बास अंसारी, एसएएस गिलानी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, अगा सैयद मौसवी, नईम अहमद खान, फारुख अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, अब्दुल गनी शाह, अगा सैयद अब्दुल हुसैन, मोहम्मद मुसादिक भट और मुख्तार अहमद वजा के नाम भी शामिल हैं। इनकी सुरक्षा के लिए सौ से ज्यादा गाड़ियाँ और 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

हमले के बाद से श्रीनगर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर रही है। इसी दिशा में एक सप्ताह के बाद यह कार्रवाई की गई है। बता दें कि कल शुक्रवार को मलिक ने सरकार द्वारा अलगाववादी नेताओं को दी सुरक्षा को झूठा करार दिया था। यासीन ने कहा था कि पिछले 30 साल से उन्हें कोई सुरक्षा नहीं मिली है, ऐसे में जब सुरक्षा मिली ही नहीं है तो वह किस वापसी की बात कर रहे हैं।

यासीन ने एक तरफ जहाँ सुरक्षा वापस लेने वाले फैसले को बेईमानी बताया है वहीं पर सैयद अली शाह गिलानी ने सुरक्षा वापस लेने वाली खबर को बेहद हास्यास्पद बताया।

क्या है 35-ए, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में शुरू होगी सुनवाई?

  • दूसरे राज्य का कोई भी व्यक्ति जम्मू-कश्मीर का स्थाई निवासी नहीं बन सकता है।
  • जम्मू-कश्मीर के बाहर का कोई भी व्यक्ति यहाँ पर अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता।
  • इस राज्य की लड़की अगर किसी बाहरी लड़के से शादी करती है, तो उसके सारे प्राप्त अधिकार समाप्त कर दिए जाएँगे।
  • राज्य में रहते हुए जिनके पास स्थायी निवास प्रमाणपत्र नहीं हैं, वे लोकसभा चुनाव में मतदान कर सकते हैं लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में वोट नहीं कर सकते हैं।
  • इस अनुच्छेद के तहत यहाँ का नागरिक सिर्फ़ वहीं माना जाता है जो 14 मई 1954 से पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो या फिर इस बीच में यहाँ उसकी पहले से कोई संपत्ति हो।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कटे हुए शव, चकनाचूर बोगियाँ और चीखते-चिल्लाते लोग: ओडिशा के बालासोर में 3 ट्रेनों के टकराने से हुआ भीषण हादसा; 200 से ज्यादा मौतें,...

ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन हादसा हुई है, जिसमें अभी तक 280 लोगों के शव निकाले गए हैं। अभी भी बोगियों में कई शव फँसे पड़े हैं।

यूँ ही नहीं बन गई बाहुबली… 24% ब्याज पर SS राजमौली ने लिया था ₹400 करोड़ का कर्ज: एक्टर राणा दग्गुबाती का खुलासा

राणा दग्गुबाती ने कहा कि पहले फिल्म मेकर्स घर या दूसरी संपत्ति को बेचकर या बैंक में गिरवी रखकर पैसों का इंतजाम करते थे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
259,563FollowersFollow
415,000SubscribersSubscribe