Saturday, November 9, 2024
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YSR कॉन्ग्रेस ने अपने ही MP की सदस्यता खत्म करने की माँग की, आंध्र में ईसाई धर्मांतरण का किया था खुलासा

कृष्णम राजू ने एक समाचार चैनल पर डिबेट के दौरान कहा था कि राज्य में ईसाई मिशनरी पैसे देकर बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करा रही हैं। उन्होंने कहा था, "रिकॉर्ड के अनुसार हमारे राज्य में ईसाइयों का प्रतिशत 2.5% से कम है, लेकिन वास्तव में यह 25% से कम नहीं होगा।”

वाईएसआर (YSR) कॉन्ग्रेस के सांसद रघुराम कृष्णम राजू के खिलाफ उनकी अपनी ही पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। राजू ने आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर ईसाई मिशनरियों द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण का खुलासा किया था।

उन्होंने राज्य सरकार पर ईसाई तुष्टिकरण का आरोप भी लगाया था। प्रदेश में वाईएआर कॉन्ग्रेस की ही सरकार चल रही है। इस खुलासे के बाद राजू को धमकी दिए जाने की बात भी सामने आई थी।

अब शुक्रवार को वाईएसआर कॉन्ग्रेस सांसदों के एक समूह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाकात कर राजू की सदस्यता समाप्त करने की मॉंग की। राजू आन्ध्र प्रदेश के नर्सापुरम से लोकसभा सांसद हैं।

राज्य सभा सांसद वी विजयसाईं रेड्डी ने सांसदों के इस समूह की अगुवाई करते हुए कृष्ण राजू पर अपने दल के नेताओं और आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उनका यह भी कहना था कि राजू ने संगठन की नीतियों के खिलाफ जाकर विपक्षी दल के नेताओं से बराबर संपर्क रखा है। वी विजयसाईं रेड्डी वाईएसआर कॉन्ग्रेस के महासचिव भी हैं।  

इसके अलावा विजयसाईं ने कहा कि कृष्ण राजू ने अपनी परेशानियों को लेकर पार्टी के लोगों से कभी बात नहीं की। इसके उलट हर बात सार्वजनिक रूप से कहते हैं जो दल की नीतियों के खिलाफ है। इस रवैये के कारण उन पर एंटी डीफेक्शन लॉ लागू होता है।

वाईएसआर कॉन्ग्रेस के एक अन्य नेता मिथुन रेड्डी ने बताया कि राजू ने कई बार नोटिस भी दिया गया, जिसका जवाब उन्होंने बेहद लचर तरीके से दिया।  

कृष्णम राजू अपनी ही पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगा चुके हैं। वे केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अजय भल्ला से भी मिल चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा में वे एक गाना भी जारी कर चुके हैंl

कृष्णम राजू ने भी विजयसाईं रेड्डी को नोटिस भेज आरोप लगाया था कि उनके तौर-तरीकों से पार्टी को नुकसान हो रहा है। पिछले महीने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिख उन्होंने पार्टी नेताओं से जान का ख़तरा भी बताया था।

उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से भी की लेकिन वहाँ से मदद नहीं मिली। ऐसे में उन्होंने केंद्र से सुरक्षा की गुहार लगानी पड़ी थी। पत्र में उन्होंने यहाँ तक लिखा था, “पार्टी के एक विधायक ने सार्वजनिक रूप से अपशब्द कहे और जान से मारने की धमकी दी। पिछले कुछ दिनों से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी इस तरह की चेतावनी अक्सर मिलती रहती हैl स्थानीय पुलिस से कोई मदद न मिलने के चलते मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि जल्द से जल्द मुझे सुरक्षा मुहैया कराएँ।”

करीब एक महीने पहले कृष्णम राजू ने एक समाचार चैनल पर डिबेट के दौरान कहा था कि राज्य में ईसाई मिशनरी पैसे देकर बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करा रही हैं।  उन्होंने कहा था, “रिकॉर्ड के अनुसार हमारे राज्य में ईसाइयों का प्रतिशत 2.5% से कम है, लेकिन वास्तव में यह 25% से कम नहीं होगा।” YSRCP नेता ने बताया था कि कुछ लोग ऐसे वर्ग से आते हैं, जिन्हें पहले से ही फायदा मिल रहा होता है। ऐसे में यदि वो ईसाई धर्म अपना लेते हैं, तो उन्हें वो फायदा मिलना बंद हो जाता है। यही कारण है कि लोग धर्मांतरण करते हैं, मगर उसका पंजीकरण नहीं करवाते।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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