‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा बुलंद करने वाली 19 वर्षीय अमूल्या लियोन की जमानत याचिका को बेंगलुरु की एक अदालत ने गुरुवार (11 मई, 2020) रात को स्वीकार कर लिया है। अमूल्या लियोना, वह लड़की है, जिसने 20 फरवरी को एक एंटी-सीएए-एनआरसी रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा बुलंद किया था।
Karnataka: A Bengaluru court granted bail to Amulya Leona who raised the slogan of ‘Pakistan zindabad’ at an anti-CAA-NRC rally on February 20, last night. (File pic) pic.twitter.com/WgoBQGO5Wk
— ANI (@ANI) June 12, 2020
देश विरोधी नारे लगाने के जुर्म में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के 90 दिन की अवधि के अंदर यानी कि 20 मई तक बंगलूरू पुलिस को उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना था। मगर अवधि पूरे होने के बाद भी पुलिस द्वारा उसके खिलाफ कोई चार्जशीट नहीं दाखिल की गई। जिसके चलते मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे ‘डिफॉल्ट जमानत’ दे दी है। अमूल्या के खिलाफ पुलिस की तरफ से तीन जून को एफआईआर दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी की रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली अमूल्या लियोना की जमानत याचिका बंगलुरु की एक स्थानीय अदालत ने बुधवार 10 जून को खारिज करते हुए सिविल और सेशन जज ने कहा था कि अगर अमूल्या को जमानत दी जाती है, तो वह फरार हो सकती है।
जज विद्याधर शिरहट्टी ने यह भी कहा था कि अमूल्या लियोना जमानत दिए जाने पर ऐसे कार्यों में संलिप्त हो सकती हैं जो कि शांति को नुकसान पहुँचा सकता है। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि आरोपित अमूल्या लोगों को कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने के लिए उकसाने की कोशिश कर रही थी। वकील ने अदालत के समक्ष यह भी बताया कि वह उन गतिविधियों में भी शामिल थी जिसमें एक छात्र प्रदर्शन के दौरान “फ## हिंदुत्व” लिखा हुआ पोस्टर लहरा रहा था।
सरकारी वकील ने कहा कि उसे जमानत दे दी जाती है तो वह दोबारा से ऐसे अपराध कर सकती है। हालाँकि, आरोपित के बचाव में कहा गया कि वह पाकिस्तान और भारत सहित सभी देशों के जिंदाबाद के नारे लगा कर यूनिवर्सल ह्यूमैनिटी का संदेश देने की कोशिश कर रही थी।
पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 A (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज होने के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
बता दें जाँच के दौरान, अल्ट्रा लेफ्ट-विंग प्रदर्शनकारी अमूल्या लियोना ने इस बात खुलासा किया था कि इन सब प्रदर्शनों के लिए उसे पैसे दिए गए थे। उसने यह भी कहा था कि कैसे पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ आंदोलन शुरू होने के बाद इस विरोध-प्रदर्शन को आयोजन करने वाले लोग उसके सारे खर्चे उठा रहे थे।
वहीं अमूल्या लियोना को गिरफ़्तारी से एक महीने पहले एक यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू देते हुए भी देखा गया था। जहाँ वो भारत विरोधी एजेंडे का समर्थन करने के लिए वामपंथियों के तौर-तरीकों को समझा रही थी। इंटरव्यू में उसने कहा था कि इन सब प्रदर्शनों के लिए उन्हें पैसे दिए जाते थे। साथ ही उनके भाषण और नारे ‘विरोध प्रदर्शन’ का आयोजन करने वाले समूह तैयार करते हैं।