बंगाल चुनाव से पहले ऑपइंडिया की टीम पश्चिम बंगाल में लगातार बनी हुई थी और उन्होंने अलग-अलग जगहों पर जाकर जानकारी इकट्ठा की, लोगों से बात की। हमारी टीम ने हर तरह के लोगों से बात की, गाँव में गई, मृतकों के परिवार से मिली और भी कई चीजें कवर की। उसी का हम संक्षेप में एक-एक करके वीडियो और रिपोर्ट आपके सामने ला रहे हैं। बंगाल चुनाव की पहली कड़ी में हम खीदीरपुर इलाके के मुस्लिम युवाओं से बात कर रहे हैं।
इनसे बात करते हुए हमने पाया कि मुस्लिम युवाओं का मानना है कि यहाँ पर शांति व्याप्त है। कहीं पर भी कोई हिंसा नहीं हो रही है और यदि कहीं हिंसा हो भी रही है तो उसमें भाजपा का हाथ है। वो अपनी राजनीति चमकाने के लिए हिंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ही हिंसा करवा रही है और पूरे देश को बर्बाद कर रही है। दंगों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसे खारिज कर दिया और जब हमारे संपादक ने नाम गिनाया तो पहले तो वो चुप हो गए फिर कहा कि वो अलग तरह के दंगे थे।
इनका कहना है कि भाजपा बंगाल में सांप्रदायिकता लाकर राजनीति करना चाहती है। उन्होंने बंगाल में दंगे के लिए भी बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। यह पूछे जाने पर कि बंगाल में सामाजिक हिंसा है या राजनीतिक हिंसा? इम्तियाज ने इसका जवाब देते हुए कहा कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा है ही नहीं। बीजेपी पूरे देश में लोगों को धार्मिक चीजों में उलझा कर सरकार बना रही है, बंगाल में भी वह हिंदू-मुस्लिम करके सरकार बनाना चाह रही है।
जब हमारे संपादक ने 350 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत के एक लिस्ट (जिसमें 90% बीजेपी से और 10% टीएमसी से थे) का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या उनको भाजपा ने मरवाया है, तो उन्होंने कहा- “100%, पुलवामा हमले के इतने दिन हुए, सरकार इसको जनता के सामने नहीं लाना चाहती। इतना बड़ा RDX कहाँ से आया? जब बीजेपी जवानों को नहीं छोड़ रही है तो लोगों को क्या छोड़ेगी?”
इन लोगों का मानना है कि जितनी भी हत्याएँ हुई हैं, वो भाजपा ने खुद अपनी राजनीति चमकाने के लिए करवाई है। जबकि हमारे पास कई रिपोर्ट्स हैं, जिसमें भाजपा नेता ने अपने कार्यकर्ताओं को मरवाने के लिए टीएमसी को दोषी ठहराया है और वो लोग हमेशा इसके खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन इन युवाओं का मानना है कि ये सरकार खुद ही अपने लोगों को मरवा रही है।
सतही तौर पर इन युवाओं की अगर हम बात सुनें और दूसरे हमारे आगे आने वाले वीडियो में जो बातें हैं, उससे यही लग रहा है कि ये युवा बंगाल में चुनाव और ममता बनर्जी के राज को लेकर बिल्कुल अलग तरह से सोच रहे हैं। इससे इतर जो वाकई में बंगाली हिंदू हैं और जो बाहर से आकर बंगाल में बसे हैं और अब वहाँ के वोटर हैं, उनके बारे में आगे पढ़ेंगे, देखेंगे तो पाएँगे की उनका विचार इससे बिल्कुल भी मेल नहीं खाता।
विकास के बारे में सवाल करने पर यूँ तो उन्होंने कोई वास्तविक बातें नहीं बताई, लेकिन इतना जरूर कहा कि विकास हुआ है। हालाँकि वो यह नहीं बता पाए कि कहाँ पर और कितना हुआ है। उन्होंने कहा कि सड़क बनी, हॉस्पिटल बना, स्कूल बने… मगर ये नहीं बता पाए कि कौन सा बना है और कहाँ पर बना है? गोल-गोल घूमाकर बस वो इतना ही बोलते रहे कि विकास हुआ है।