Saturday, July 27, 2024
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भारतीय सैन्य अधिकारियों के फर्जी नाम से PAK फैला रहा था प्रोपेगेंडा, Twitter ने सस्पेंड किए 50 अकॉउंट

भारतीय सेना में नियमों के अनुसार सोशल मीडिया पर सेना से जुड़े लोग अपनी वर्दी में तस्वीरें नहीं लगा सकते, लेकिन इन सभी अकॉउंट्स में सेना के अधिकारियों की तस्वीर वर्दी में थी, जिससे साफ़ पता चल गया था कि ये फर्जी अकॉउंट हैं।

पाकिस्तान का स्तर दिन पर दिन गिरता जा रहा है। अपनी हरकतों के लिए वो आए दिन हर तरफ से लताड़ खा रहा है। अब ऐसे में ट्विटर ने भी पाकिस्तान की घटिया हरकत पर एक्शन लेते हुए उसके 50 फर्जी अकॉउंट को बंद कर दिया है, जिन्हें पाकिस्तान भारत के सेना अधिकारियों के नाम से चला रहा था।।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के निष्प्रभावी होने के बाद प्रोपेगेंडा फैलाने की नियत से भारतीय सेना प्रमुख ​जनरल बिपिन रावत और अन्य सेना अधिकारियों के नाम से फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाए थे। जिनमें से कुछ अधिकारी तो अब भी सेना में ऊँचे पदों पर तैनात हैं जबकि कुछ रिटायर हो चुके हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिन अधिकारियों के नाम से पाकिस्तान अपना प्रोपगेंडा चला रहा था, उनमें सेना प्रमुख के अलावा वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू, नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल बलवंत के नाम भी शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि इन सभी अधिकारियों के नाम पर चल रहे अकॉउंट्स से विवादित और फर्जी सूचनाएँ साझा की जाती थीं। इंडिया टुडे के मुताबिक उन्हें सेना के सूत्रों ने बताया है कि ऐसे फर्जी ट्विटर हैंडल की संख्या तेजी से बढ़ रही थी। इसके पीछे यह उद्देश्य है कि फर्जी खबरों और प्रोपेगेंडा को वैधता दी जाए। लेकिन अब फिलहाल शिकायत करने के बाद सेना के मौजूदा एवं रिटायर्ड अधिकारियों के नाम पर चल रहे 50 से अधिक अकॉउंट बंद कर दिए गए हैं।

गौरतलब है कि पाकिस्तान जिन अधिकारियों के नाम पर फर्जी अकॉउंट चला रहा था, उनमें एक महत्तवपूर्ण नाम लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया का है, जो मिलिटरी ऑपरेशन रह चुके हैं और डिफेंस मामलों के जानकार के तौर पर विश्वसनीय चेहरा हैं। साथ ही एक अकॉउंट लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित के नाम पर भी था, जो 2008 में मालेगाँव ब्लॉस्ट के आरोपित हैं।

भारतीय सेना में नियमों के अनुसार सोशल मीडिया पर सेना से जुड़े लोग अपनी वर्दी में तस्वीरें नहीं लगा सकते, लेकिन इन सभी अकॉउंट्स में सेना के अधिकारियों की तस्वीर वर्दी में थी, जिससे साफ़ पता चल गया था कि ये फर्जी अकॉउंट हैं।

इन अकॉउंट्स से पोस्ट होने वाले ट्वीट में अधिकतर मानवाधिकारों का हनन करने वाली वीडियो और नागरिकों एवं सेना में होने वाला संघर्ष दिखाया जाता था। इनमें ज्यादातर ट्वीट अनुच्छेद 370 और कश्मीर से संबंधित थे।

खैर, जानकारी के लिए बता दें कि अब इस मामले में सुरक्षा कड़ी हो गई है। ऐसे फर्जी अकॉउंट्स की पहचान करने के लिए सोशल मीडिया समेत यूट्यूब वीडियोज पर सेना 24×7 निगरानी रख रही है।

सेना के सूत्रों की मानें तो इन फर्जी अकाउंट में कई तो 4 से 5 साल पहले बनाए गए थे। इसके अलावा कई मशहूर बॉलीवुड हस्तियों के नाम पर भी ऐसे अकाउंट थे जो अचानक प्रोपेगेंडा और फर्जी खबरें फैलाने के लिए अति सक्रिय हो गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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