Friday, April 19, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयशरिया वाली सरकार में बुद्ध प्रतिमा तुड़वाने वाला PM, गृह मंत्री है ग्लोबल टेररिस्ट:...

शरिया वाली सरकार में बुद्ध प्रतिमा तुड़वाने वाला PM, गृह मंत्री है ग्लोबल टेररिस्ट: शिक्षा मंत्री ‘डिग्री’ को ही बता रहा बेकार

हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तानी खुफिया सेवा के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए जाना जाता है और यू.एस. का सबसे कट्टर विरोधी है। खास बात यह है कि हक्कानी एफबीआई द्वारा मोस्ट वांटेड टेररिस्ट घोषित किया गया है।

अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का गठन कर लिया है। मंगलवार (7 सितंबर 2021) को इसकी घोषणा की गई। मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को देश का नया प्रधानमंत्री घोषित किया गया है। जिन्होंने बुद्ध की प्रतिमा को नष्ट करवा दिया था। उपप्रधान मंत्री के तौर पर मुल्ला अब्दुल्ल गनी बरादर का नाम सामने आया है। लेकिन इस सरकार में अल्पसंख्यकों और महिलाओं को दरकिनार किया गया।

तालिबान की सरकार के शीर्ष नेतृत्व में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री समेत अनेक ऐसे नेता हैं जिनके नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकी सूची में हैं। सिराजुद्दीन हक़्क़ानी जैसे नेताओं के सिर पर अमेरिका ने तो लाखों डॉलर का ईनाम भी घोषित कर रखा है। तालिबान ने स्पष्ट किया है कि उसकी सरकार शरिया कानून के हिसाब से काम करेगी। आगे आप तालिबान सरकार के उन चेहरों के बारे में जान सकते हैं जो घोषित आतंकी हैं और उनपर पहले से ही ईनाम भी रखा गया है।

मुल्ला मुहम्मद हसन, प्रधानमंत्री

1990 के दशक में तालिबान के संस्थापक सदस्यों में से एक माना जाने वाला कट्टरपंथी मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया है। वह अब तक तालिबान की शीर्ष निर्णयकारी संस्था ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख रहे हैं। वह 1990 के दशक में सत्ता संभालने वाली तालिबान की सरकार के दौरान पूर्व उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री थे। उसी ने पाकिस्तान के क्वेटा में तालिबान की नेतृत्व परिषद को समन्वयित करने और चलाने में मदद की।

मुल्ला अब्दुल गनी बरादर बना उप प्रधानमंत्री

अब्दुल गनी बरादर को देश का डिप्टी पीएम बनाया गया है। बरादर के साथ ही मुल्ला अबदस सलाम को भी हसन अखुंद के डिप्टी के तौर पर नियुक्त करने का फैसला लिया गया है। इंटरपोल के मुताबिक, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर 1968 में उरुज़गन प्रांत में पैदा हुआ था। बरादर ने 1996 में शुरू हुई पहली तालिबान सरकार में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया था। वह 2001 में उप रक्षामंत्री के तौर पर भी कार्यरत था। हालाँकि बाद में पाकिस्तान भाग गया।

सिराजुद्दीन हक्कानी, गृह मंत्री

48 के माने जाना जाने वाला सिराजुद्दीन हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है। इसके अलावा वह तालिबान की सत्ता में वापसी में सबसे बड़े विजेताओं में से एक के रूप में उभरा है। हक्कानी कार्यवाहक आंतरिक मंत्री होंगे।

हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तानी खुफिया सेवा के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए जाना जाता है और यू.एस. का सबसे कट्टर विरोधी है। खास बात यह है कि हक्कानी एफबीआई द्वारा मोस्ट वांटेड टेररिस्ट घोषित किया गया है। उस पर 5 मिलियन डॉलर (36,75,57,500 रुपए) का इनाम रखा गया है। सिराजुद्दीन हक्कानी एक ग्लोबल आतंकी है। वह भारतीय दूतावास पर हुए हमले में भी शामिल रहा है।

मावलवी मुहम्मद याकूब, रक्षा मंत्री

मावलवी मुहम्मद याक़ूब (30) को तालिबान सरकार का नया रक्षामंत्री बनाया गया है। वह तालिबान के सैन्य आयोग का प्रमुख है और उमर का सबसे बड़ा बेटा है। साल 2016 में तालिबान के नेतृत्व के उत्तराधिकार के दौरान सबसे पहले उसका नाम सामने आया था।

अमीर खान मुत्ताकी, विदेश मंत्री

अमीर खान मुत्ताकी विदेश मंत्री बनने से पहले तक तालिबान के मार्गदर्शन आयोग का प्रमुख था। उसने हाल के महीनों में अफगान सेना और पुलिस बलों के कई सदस्यों को आत्मसमर्पण करने के लिए राजी करवाया था। अब उसे विदेश मंत्री बनाया गया था। मुत्ताकी तालिबान की पहली सरकार में सूचना और संस्कृति मंत्री, तत्कालीन शिक्षा मंत्री रह चुका है।

अब्दुल हक वसीक, खुफिया प्रमुख

वासिक युद्ध के अंतिम अमेरिकी कैदी, सार्जेंट बोव बार्गदहल के बदले में रिहा किए गए पाँच ग्वाँतानामो बे कैदियों में से एक था। अपनी रिहाई के बाद, वह दोहा, कतर पहुँचा और अमेरिका के साथ तालिबान की वार्ता का एक प्रमुख सदस्य बन गया। वह गजनी प्रांत का रहने वाला है।

जबीहुल्लाह मुजाहिद, उप सूचना एवं संस्कृति मंत्री

तालिबान का स्पोक्सपर्सन 43 वर्षीय जबीउल्ला मुजाहिद पक्तिया प्रांत का मूल निवासी है। उसे नई सरकार ने उप सूचना और संस्कृति मंत्री का प्रभार दिया गया है।

खलील हक्कानी, शरणार्थी मंत्री

हक्कानी तालिबान के सर्वोच्च नेता का एक विशेष प्रतिनिधि है। वह लंबे समय से हक्कानी नेटवर्क के लिए धन वसूली करता था। उसे वैश्विक आतंकवादियों की यू.एस. और यू.एन. सूची में शामिल किया गया है। उसे नई सरकार में शरणार्थी मंत्री नियुक्त किया गया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के 102 सीटों पर मतदान: 8 केंद्रीय मंत्री, 2 Ex CM और एक पूर्व...

लोकसभा चुनाव 2024 में शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को पहले चरण के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।

‘केरल में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में सारे वोट BJP को जा रहे थे’: सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का दावा, चुनाव आयोग...

चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe