अमेरिकी संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से कुछ देर पहले यूएस के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक इंटरव्यू में भारत को लेकर खूब ज्ञान दिया। सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारतीय पीएम से मिलकर भारतीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर बात करनी चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि यह बात उन्हीं ओबामा ने कही है जिन्हें लेकर बकायदा डेटा है कि इन्होंने 7 मुस्लिम देशों पर 26171 से ज्यादा बम गिराए।
Look who is talking about Human Rights of Muslims. @POTUS44 Barak Obama, who bombed 7 Muslim countries. His 26000+ bombs in 2016 alone killed Hundreds of thousands Muslims and he is worried for the Muslims of India. If anyone qualifies for war crimes at International Court of… pic.twitter.com/iK8YIzIQO9
— Arif Aajakia (@arifaajakia) June 23, 2023
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स के अनुसार, ओबामा काल के वक्त साल 2016 में 26, 171 बम गिराए गए थे। इनमें से सीरिया में 12, 192, इराक में 12095, अफगानिस्तान में 1337, पाकिस्तान में 3, लिबिया में 496, यमन में 35 और सोमालिया में 14 बम हमले करवाए गए थे। प्रति दिन के हिसाब से आँकड़ों को देखें तो यही पता चलता है राष्ट्रपति रहते हुए ओबामा ने हर दिन मुस्लिम देशों पर 72 बम गिरवाए। इसके बावजूद उनका इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाकर बोलना काफी हैरान करने वाला है।
अब वही ओबामा अपने इंटरव्यू में पीएम मोदी को बोल रहे हैं कि हिन्दू बहुल भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा ध्यान देने योग्य है। उन्होंने साक्षात्कार में बोला, “पीएम मोदी को मैं अच्छे से जानता हूँ, अगर मेरी उनसे बात होती, तो मैं कहता कि अगर आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करेंगे, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर बँटना होना शुरू कर देगा। हमने देखा है कि जब इस प्रकार के बड़े आंतरिक संघर्ष होने लगते हैं तो क्या होता है।”
हिंदू बहुल भारत में मुस्लिमों के अधिकारों की बात करते हुए पार्टिशन की चिंता एक ऐसे शख्स को है जिन्होंने इस्लामी देशों पर न केवल अंधी स्ट्राइक्स करवाईं बल्कि उसमें कई नागरिकों को मरवा दिया और उसके बावजूद उन्हें नोबल प्राइज का हकदार कहा जाता रहा। रिपोर्ट्स बताती हैं कि ओबाना ने अपने कार्यकाल के दौरान इस्लामी देश पाकिस्तान में 54 ड्रोन स्ट्राइक करने की अनुमति भी दी थी। इनमें से एक स्ट्राइक तो ऐसी हुई जो किसी के जनाजे पर गिरी और 41 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए। इसके बाद भी आने वाले सालों में वहाँ 128 सीआईए ड्रोन स्ट्राइक हुईं जिसमें करीबन 89 नागरिक मारे गए थे।
इसके अलावा यमन में की गई एयरस्ट्राइक में 55 लोग मरे थे जिनमें से 21 बच्चे थे और 12 गर्भवती महिलाएँ। अफगानिस्तान में भी 2016 में 1337 हथियार छोड़े गए। 2007 से 2016 के बीच वहाँ एक अनुमान है 582 नागरिक मारे गए थे। अब ऐसे में ये स्थिति तो हास्यासपद ही है कि एक व्यक्ति जो राष्ट्रपति रहते हुए इस्लामी देशों की मदद के नाम पर उन पर बम गिरवा देता है वो कुछ साल बाद भारत के प्रधानमंत्री को नसीहत दे रहा है कि उन्हें देश में मुस्लिमों के अधिकार पर ध्यान देना चाहिए वरना विभाजन हो सकता है। ये बिलकुल ऐसा है जैसे 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।
यहाँ कौन जाकर ओबामा को समझाए कि 1947 में हुआ भारत-पाक का विभाजन देश के हिंदू बहुल या हिंदू मानसिकता के कारण नहीं बल्कि इस्लामियों के कट्टर विचारों की वजह से हुई थी। ये बात और है कि बाद में इस तथ्य पर लीपा-पोती करने के लिए उसका जिम्मेदार ब्रिटिशों की डिवाइड एंड रूल पॉलिसी को बना दिया गया। आज ओबामा का ऐसे बयान का विरोध इसलिए जरूरी नहीं है कि उन्होंने पीएम मोदी के राजकीय यात्रा के दौरान इस तरह बात करके भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सवाल उठाया, बल्कि इसलिए भी जरूरी है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को झूठे प्रोपेगेंडों के आधार पर बरगलाया न जा सके।
Obama’s asinine comments that suggest India could face another partition due to ‘mistreatment’ of Muslims is understandably being celebrated by Cong-left ecosystem, but ironically it reminds us of what happened leading up to the 1947 partition as well.
— Rahul Roushan (@rahulroushan) June 23, 2023
Then also the same trope… pic.twitter.com/iRKrvf7BSz