दुनिया भर में ‘औरतों’ को हथियार बना कर जासूसी करने वाला चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। कुछ समय पहले अमेरिका की मीडिया रिपोर्ट्स ने खुलासा किया था कि वहाँ ‘चीनी जासूस’ नेताओं से रिश्ते बनाकर गोपनीय सूचनाएँ निकलवा रही है। अब ऐसी ही खबर ब्रिटेन से आई है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI5 ने हाल में चीन की घटिया करतूत से पर्दा उठाते हुए बताया कि कैसे लेबर पार्टी को करोड़ों का चंदा देने वाली चीनी महिला पर जासूसी के शक हैं।
MI5 ने अलर्ट जारी कर कहा है कि चीन सरकार की एजेंट ब्रिटेन की संसद में एक्टिव है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस चीनी महिला का नाम क्रिस्टीन ली है। एजेंसी के दावे के मुताबिक कई ब्रिटिश सांसद इस चीनी जासूस के जाल में फँसे हैं और एक पूर्व सांसद से उसके नजदीकी संबंध भी रहे हैं। अलर्ट में कहा गया है, “ली ने सीसीपी के यूनाइटिड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट के साथ समन्वय में गुप्त रूप से काम किया और उसके ब्रिटेन में राजनीतिक हस्तक्षेप गतिविधियों में शामिल होने का अनुमान लगाया गया है।”
ली ने कथिततौर पर कई बार में लेबर पार्टी को सैकड़ों हजारों पाउंड का दान दिया है। इसके अलावा उसके कंजर्वेटिव पार्टी से भी संबंध रहे हैं। वह डेविड कैमरन के पीएम रहते हुए उनसे मिली थी। मालूम हो कि ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने इस बात को भी साफ किया कि इस चीनी जासूस को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही उसे देश से निकाला गया है। लेकिन इस संबंध में ब्रिटिश संसद के स्पीकर की सुरक्षा टीम ने सभी सांसदों को संदेश भेज दिया है। ली के बारे में जानकारी है कि वो पेश से एक वकील है और लंदन में चीनी दूतावास की पूर्व मुख्य कानूनी सलाहकार भी। इसके अतिरिक्त वह इंटर पार्टी चाइना ग्रुप सचिव भी है।
अमेरिका और नेपाल में चीन का हनीट्रैप
उल्लेखनीय है कि साल 2020 में खबर आई थी कि चीनी जासूस क्रिस्टीन फेंग उर्फ फेंग फेंग (Fang Fang) ने अमेरिकी नेताओं से जिस्मानी रिश्ते बनाकर उनसे गोपनीय सूचनाएँ निकालने की कोशिश की। Axios डॉटकॉम ने खुलासा किया था कि चीन की जासूस मानी जाने वाली क्रिस्टीन फेंग ने कैलिर्फोनिया के नेताओं को निशाना बनाया था।
इनमें प्रतिष्ठित डेमोक्रेटिक सांसद और संसद की इंटेलीजेंस कमिटी के सदस्य एरिक स्वैलवेल (Eric Swalwell) भी थे। कथिततौर पर फेंग के 2015 में अमेरिका छोड़ने से पहले स्वैलवेल के साथ अंतरंग संबंध थे। हालाँकि स्वैलवेल लगातार इस सवाल से बचते रहे थे कि उन्होंने सेक्स के बदले उन्होंने फेंग के साथ ‘गोपनीय जानकारी’ साझा की थी या नहीं।
ब्रिटेन अमेरिका के अलावा चीन ने महिला के बूते नेपाल पर भी अपना दबदबा कायम करने का प्रयास किया था। नेपाल में चीन की राजदूत होऊ यांगी को लेकर खबरें आईं थी कि उन्होंने वहाँ की सरकार में जबर्दस्त प्रभाव बनाया था। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और आर्मी चीफ जनरल पूर्ण चंद्र थापा उनकी कठपुतली थे।