Friday, October 25, 2024
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PM ट्रुडो ने कनाडाई लोगों के विरोध के बाद अप्रवासियों के मुद्दे पर लिया U-Turn: पहले कहा था सबको देंगे कनाडा में जगह, अब जनसंख्या देख हालत हो गई खस्ता

ट्रूडो ने घोषणा की कि 2025 में कनाडा केवल 395,000 नए स्थायी निवासियों को स्वीकार करेगा, जबकि पहले यह संख्या 500,000 निर्धारित की गई थी। इसके बाद, 2026 में यह संख्या घटकर 380,000 और 2027 में 365,000 हो जाएगी। इस प्रकार, कनाडा की सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अगले कुछ वर्षों में अप्रवासियों की संख्या को कम करने जा रही है।

लिबरलों के चहेते कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपनी बनाई ‘लिबरल’ नीतियाँ भारी पड़ रही हैं। दरअसल, ट्रूडो ने अपना कार्यकाल संभालने के साथ ही कनाडा में अप्रावासियों के लिए दरवाजे खोल दिए थे और अपने कदम को वह कनाडा के विकास से जोड़कर बताते दिखते थे। हालाँकि अब उन्हें अपने ही फैसले के परिणाम दिखने लगे और अब उन्होंने अप्रवासियों को देश में स्थायी नागरिकता देने पर रोक लगाई है।

उन्होंने 24 अक्तूबर को एक ट्वीट किया और बताया, “हम अगले दो वर्षों के लिए कनाडा आने वाले अप्रवासियों की संख्या में उल्लेखनीय कमी करने जा रहे हैं। यह अस्थायी है – हमारी जनसंख्या वृद्धि को रोकने और हमारी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए। हमें सभी कनाडाई लोगों के लिए सिस्टम को सही तरीके से काम करना होगा।”

ट्रुडो का यह निर्णय 2025 से 2027 तक लागू होगा और इसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना और अर्थव्यवस्था को स्थिर करना है। ट्रूडो ने घोषणा की कि 2025 में कनाडा केवल 395,000 नए स्थायी निवासियों को स्वीकार करेगा, जबकि पहले यह संख्या 500,000 निर्धारित की गई थी। इसके बाद, 2026 में यह संख्या घटकर 380,000 और 2027 में 365,000 हो जाएगी। इस प्रकार, कनाडा की सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अगले कुछ वर्षों में अप्रवासियों की संख्या को कम करने जा रही है।

मालूम हो कि 2015 में सत्ता में आने के बाद ट्रुडो ने अप्रवासियों का दिल खोल स्वागत किया था। उन्होंने 2017 में कहा था कि ‘उत्पीड़न, आतंक और युद्ध से भाग रहे लोगों के लिए कनाडा के दरवाजे खुले हैं’। आप चाहे किसी भी धर्म के हों। आपका यहाँ स्वागत है।

अपने ट्वीट में उन्होंने विविधता को अपनी ताकत बताया था और इस तरह उन्होंने 2016 से 2021 के बीच में 13 लाख से ज्यादा लोगों को अपने देश में प्रवेश दिया था। अकेले 2022 में इनकी संख्या 405000 से ज्यादा ती। हालाँकि अब उनकी यही उदारता उन्हें महंगी पड़ रही है।

कनाडा इस समय आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहाँ बढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती आवास कीमतों औ जीवनयापन की बुनियादी जरूरतों की चीजें महंगी होने के कारण स्थिति और भी बद्तर हो गई है। नागरिक ट्रुडो की नीति का विरोध करते है यही वजह है कि उन्हें अपनी इस नीति से पीछे हटना पड़ा। आपको जानकारी हैरानी होगी कि 2021 की जनगणना के अनुसार, विदेश में जन्मे अप्रवासी कनाडा की आबादी का 23% (8.36 मिलियन) हिस्सा हैं ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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