चीन में उइगर मुस्लिमों की प्रताड़ना का कोई अंत नहीं दिख रहा। शिनजियांग प्रान्त में ‘चीनीकरण’ के नाम पर उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। इस्लामिक रीति-रिवाजों और इस्लामी टोपी लगा कर घूमने पर पाबंदी है। नमाज भी पुलिस की निगरानी में अनुमति लेकर ही पढ़ी जा सकती है। इतना ही नहीं ‘पेअर अप एंड बिकम फैमिली’ योजना के तहत चीनी जबरन उइगरों के घर में घुसे। अब मामला उनके घरों की साज-सज्जा बदलने तक पहुॅंच चुका है।
रेडियो फ्री एशिया की खबर के अनुसार, उइगर मुस्लिमों पर अपना घर चीनी परंपरा के अनुरूप डेकोरेट करने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्हें धमकी दी जा रही है कि अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो उन्हें डिटेंशन कैंप में डाल दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार, चीन ने 575 मिलियन डॉलर का फंड केवल उइगर मुस्लिमों के आधुनिकीकरण के लिए जारी किया है। इसके तहत उनके पारंपरिक डिजाइन के घरों को नष्ट करना भी शामिल है। चीन के जारी फरमान के मुताबिक उइगर समुदाय के लोगों से अपनी संस्कृति छोड़ चीनी परंपरा के हिसाब से घर सजाने बनाना होगा। इसमें उन्हें अपने कालीनों से लेकर तकियों और बिस्तर से लेकर फर्नीचर तक को बदलना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार उइगर लोगों ने इस फरमान पर अमल भी शुरू कर दिया है। करीब 80 से 90 प्रतिशत लोग अपने घरों की साज-सज्जा बदल चुके हैं। एक उइगर महिला के मुताबिक अब उसके घर को कोई पहचान ही नहीं सकता। उसने फरमान के अनुसार हर चीज को बारीकी से बदल दिया है।
गौरतलब है कि यूएस स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा लगाए गए अनुमानों के अनुसार इस समय चीन में करीब 30 लाख उइगर मुस्लिम ऐसे हैं जिन्हें शिनजयांग स्थित कैंप में और जेलों में कैदी बनाकर रखा गया है। हालाँकि चीन इन्हें रीएड्यूकेशन का नाम देकर अपने कृत्यों पर पर्दा डालता रहता है। लेकिन, कई ऐसे प्रमाण मौजूद हैं, जो चीन की बर्बरता की पुष्टि करते हैं।
चीन पर आरोप है कि वो उइगर मुस्लिमों से उनकी सभ्यता- संस्कृति को छीनना चाहता है। साथ ही एक “Pair Up and Become Family” नाम से एक प्रोग्राम भी चलाता है। इसके तहत चीनी आदमियों को ऐसी उइगर मुस्लिम औरतों के साथ रहने भेजा जाता है, जिनके पतियों को वे कैंप में डाल चुके हैं।
बता दें रेडियो फ्री एशिया इससे पहले अपनी रिपोर्ट में बता चुका है कि चीन के आदमी इन महिलाओं के साथ एक ही बिस्तर पर सोते हैं और उनके साथ रहते हुए चीन की कम्युनिस्ट पार्टियों के बारे में बात करते हैं। इसके अलावा ये भी बताया जाता है कि चीन में हान समुदाय के लोगों को उइगर मुस्लिम महिलाओं से शादी करने के लिए वहाँ की सरकार पैसा, घर, नौकरी तक देती है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले चाइना उइगर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अख़्तियार करने की कड़ी में अपने ‘समाजवादी मूल्यों’ (Socialist Values) को प्रतिबिंबित करने के लिए बाइबल और क़ुरान को फिर से लिखने का फैसला भी ले चुका है।