चीन की एक कम्पनी ने पाकिस्तान के एक बड़े हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का काम रोक दिया है। चीन के इस फैसले से प्रोजेक्ट पर काम करने वाले 2000 पाकिस्तानी बेरोजगार हो गए हैं। यह फैसला हाल ही में पाकिस्तान में चीन के इंजीनियरों पर हुए आत्मघाती हमले के बाद लिया गया है। इस हमले में पाँच चीनी इंजीनियर मारे गए थे।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य में बने तरबेला बाँध की क्षमता बढ़ाने का वर्तमान में काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट को तरबेला T5 एक्स्टेंशन नाम दिया गया है। इस पर चीन की सरकारी पावर कंस्ट्रक्शन कम्पनी ऑफ़ चाइना (PCCC) काम कर रही है। 1530 मेगावाट क्षमता बिजली पैदा करने वाला यह प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा किया जाना है। इसके लिए विश्व बैंक और एशियन बैंक पैसा दे रहा है। इस प्रोजेक्ट पर चीन के इंजीनियर और मैनेजर काम करते हैं।
इस प्रोजेक्ट के लिए 2000 पाकिस्तानियों को भी यहाँ लगाया गया था। हालाँकि, अब इस कम्पनी ने यहाँ काम रोकने का फैसला लिया है। इससे एक झटके में यह 2000 लोग बेरोजगार हो गए। कम्पनी ने इन लोगों को तुरंत निकालने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे का कारण खैबर पख्तूनख्वा में 26 मार्च, 2024 को चीनी इंजीनियरों पर हुआ हमला माना जा रहा है।
यह इंजीनियर खैबर पख्तूनख्वा के ही दासू बाँध प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। इनकी बस को विस्फोटकों से लदी एक गाड़ी ने टक्कर मार दी थी, जिसके कारण इनकी मौत हो गई थी। इस हमले में कुल 6 लोग मारे गए थे। हमले के वक्त सभी इंजीनियर इस्लामाबाद से खैबर पख्तूनख्वा के दासू जा रहे थे।
इस धमाके की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली थी। हालाँकि, इस हमले का शक बलोच लड़ाकों पर जताया गया था। इससे पहले भी पाकिस्तान में चीनी नागरिक निशाना बनते आए हैं। 2021 में भी इसी दासू बाँध में हुए एक हमले में 9 चीनी नागरिक मारे गए थे। इस हमले के बाद भी चीन ने अपने नागरिकों की यहाँ उपस्थिति कम करने को लेकर कदम उठाए थे।
2022 में भी चीन के तीन नागरिकों को एक महिला आत्मघाती हमलावर ने मार दिया था। यह हमलावर बलोच लिबरेशन आर्मी से जुडी हुई थी। हमले में मारे गए चीनी नागरिक पाकिस्तान में चीनी भाषा पढ़ाने का काम करते थे। इस हमले का एक वीडियो भी वायरल हुआ था।