Friday, March 29, 2024
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₹1.29 लाख करोड़ की ‘बिटकॉइन सिटी’ से लैटिन अमेरिका का सिंगापुर बनेगा ये देश: ज्वालामुखी से मिलेगी एनर्जी, टैक्स भी FREE

ला यूनियन प्रांत के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से में इसे बसाया जाएगा। वहीं पर कंचागुआ नामक ज्वालामुखी भी स्थित है, जो शहर की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए 'जियोथर्मल एनर्जी' देगा। बता दें कि बिटकॉइन की माइनिंग में ऊर्जा की काई खपत होती है।

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में बड़ा कदम उठाते हुए सेन्ट्रल अमेरिका में स्थित देश अल साल्वाडोर ने दुनिया की पहली ‘बिटकॉइन सिटी’ बनाने का निर्णय लिया है। बता दें कि ये दुनिया का पहला ऐसा देश भी है, जिसने बिटकॉइन (Bitcoin) को वैध मुद्रा की मान्यता दे रखी है। जब दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नीति ही संशय में है और कइयों ने इसे प्रतिबंधित कर रखा है, अल साल्वाडोर लगातार इसे अपनाने की वकालत करता रहा है। शनिवार (20 नवंबर, 2021) को इस सम्बन्ध में आधिकारिक घोषणा की गई।

अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नाईब बुकेल ने ने ऐलान किया कि ‘बिटकॉइन सिटी’ की फंडिंग शुरुआत में ‘बिटकॉइन बॉन्ड्स’ के जरिए होगी। 2022 में इसके लिए फंडिंग शुरू होगी और उसी साल बॉन्ड्स भी उपलब्ध करा दिए जाएँगे। उन्होंने कहा कि मुल्क के पूर्वी हिस्से में बसाए जाने वाले इस स्पेशल शहर को ज्वालामुखी से ऊर्जा प्राप्त होगी। अर्थात, एनर्जी सप्लाई के लिए ये शहर वोल्केनो पर निर्भर होगा। साथ ही वहाँ VAT के अलावा किसी भी अन्य प्रकार का टैक्स चार्ज नहीं किया जाएगा।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी प्रोवाइड ‘Blockstream’ के चीफ स्ट्रेटेजी ऑफिसर सैमसन माओ ने जानकारी दी कि इस शहर के लिए फंडिंग हेतु सबसे पहले 100 करोड़ डॉलर (7445.25 करोड़ रुपए) के बॉन्ड्स जारी किए जाएँगे। ये सभी बिटकॉइन पर आधारित बॉन्ड्स होंगे। सितंबर 2021 में ही अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर घोषित किया था। इसके लिए वहाँ के संसद में कानून आया था। इस शहर को वृत्त के आकर में बसाया जाएगा, ताकि ये बिटकॉइन के लोगों की तरह लगे।

ला यूनियन प्रांत के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से में इसे बसाया जाएगा। वहीं पर कंचागुआ नामक ज्वालामुखी भी स्थित है, जो शहर की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ‘जियोथर्मल एनर्जी’ देगा। बता दें कि बिटकॉइन की माइनिंग में ऊर्जा की काई खपत होती है। हालाँकि, अल साल्वाडोर में इन क़दमों के विरुद्ध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि इससे यहाँ की अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी और महँगाई बढ़ेगी। पहले से गरीबी से जूझते देख में ये योजना कितनी कारगर होगी, ये देखने लायक है।

वहाँ के राष्ट्रपति ने लोगों को आश्वासन दिया है कि इस नए शहर में दुनिया की सभी चीज होगी। इसमें लोगों के रहने के लिए क्षेत्र, कॉमर्शियल क्षेत्र, मनोरंजन के लिए इलाके, बार-रेस्टॉरेंट, एयरपोर्ट, रेलवे – सब कुछ होगा। बेसबॉल कैप को पीछे से पहन कर स्टेज पर आए राष्ट्रपति बुकेल ने कहा कि शहर की गलियों को एकदम साफ़ रखा जाएगा। बिटकॉइन की माइनिंग में कठिन गणितीय समस्याओं को हल करना होता है, जिसमें बिजली की खपत बहुत ज्यादा होती है।

इस शहर के निर्माण के लिए जल्द ही तारीखों का ऐलान किया जाएगा। लेकिन, इसमें कम से कम 3 लाख बिटकॉइन का खर्च (अभी के हिसाब से 1.282 लाख करोड़ रुपए) आ सकता है। सरकार ने हाल ही में एक डिजिटल वॉलेट भी लॉन्च किया, जिसके तहत हर नागरिक को 30 डॉलर (2235 रुपए) के बिटकॉइन दिए गए। इसके लिए देश भर में 200 नई कैश मशीनें लगाई गई हैं। हालाँकि, दाम काफी जल्दी कम-ज्यादा होते रहने के कारण कई अर्थशास्त्रियों को बिटकॉइन पर भरोसा नहीं है।

हाल ही में ‘द सिडनी डायलॉग’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी को ही उदाहरण के तौर पर लीजिए। ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ मिल कर इस पर कार्य करें। हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि ये गलत हाथों में न चला जाए। इससे हमारे युवा बर्बाद हो सकते हैं।” भारत सरकार ने कुछ दिनों पहले साफ़ कर दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी को चीन की तरह प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा, बल्कि इसके रेगुलेशन के लिए सभी हितधारकों से विचार-विमर्श कर के नियम बनाए जाएँगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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