हाल फ़िलहाल के कुछ दिनों में हॉन्गकॉन्ग के भीतर चीन सरकार के विरुद्ध बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया है। लौरेल कोर (laurel chore) नाम की पत्रकार और फोटोग्राफर ने हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों की कुछ तस्वीरें और वीडियो ट्विटर पर एक थ्रेड में साझा किए। तमाम तस्वीरों के बीच एक तस्वीर में कुछ ऐसा नज़र आया जिसने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा।
विरोध के दौरान वहाँ लोगों के हाथ में भारत का झंडा था। जब उस व्यक्ति से पूछा गया कि उसके पास भारत का झंडा क्यों है तब उसने कहा, “भारत चीन से लड़ रहा है इसलिए भारत हमारा दोस्त है।” लौरेल ने अपने ट्वीट में इस बात का भी ज़िक्र किया कि वह व्यक्ति “STAND WITH INDIA” (भारत के साथ खड़े हो) कह रहा था और भीड़ उसका समर्थन भी कर रही थी।
Sidewalk march happening on Yee Wo St in Causeway Bay despite heavy police presence. #hongkongprotests pic.twitter.com/7Hpkf3YsEt
— Laurel Chor (@laurelchor) October 1, 2020
चीन के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर हॉन्गकॉन्ग के नागरिक चीनी सरकार का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे थे। लोकतांत्रिक व्यवस्था के समर्थक यह प्रदर्शनकारी लगभग एक साल से सड़कों पर विरोध कर रहे हैं जबसे चीन ने प्रत्यर्पण विधेयक (Hong Kong’s Extradition Bill) पारित किया था। इस विधेयक की मदद से अगर कोई व्यक्ति अपराध करके हॉन्गकॉन्ग आ जाता है तो उसे चीन वापस भेजा जा सकता है। इसमें ताइवान भी शामिल हैं।
“Why are you wearing an Indian flag?”
— Laurel Chor (@laurelchor) October 1, 2020
“Because India is fighting China. So India is my friend!”
He is now holding the flag above his head, shouting “STAND WITH INDIA! 印度加油!” The crowd is applauding him. pic.twitter.com/UoKCip0X8K
इसके बाद हज़ारों लोग सड़कों पर उतर गए और उन्होंने नारे भी लगाए “Liberate Hong Kong, Revolution of our Times” यानी हॉन्गकॉन्ग को आज़ाद करो, यह हमारे वक्त की क्रांति है। इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को विफल करने का प्रयास किया, हज़ारों पुलिस वालों ने लोगों की तलाशी लेना शुरू कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने दर्जन भर लोगों की घेराबंदी की, उन्हें दीवारों के सामने खड़ा कर दिया, उन्हें हथकड़ियाँ लगा कर अपने साथ ले गई। पुलिस का कहना था कि हॉन्गकॉन्ग की आज़ादी के लिए लगाए जाने वाले नारे लोगों में अलगाव की भावना पैदा करने के लिए और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने के लिए लगाए गए थे।
लोकतंत्र समर्थक समूह सिविल ह्यूमन राइट फ्रंट ने पिछले साल हज़ारों लोगों की मौजूदगी में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके अलावा सिविल ह्यूमन राइट्स फ्रंट ने पुलिस से चीन के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर रैली निकालने की अनुमति भी माँगी थी। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते इस रैली की अनुमति नहीं दी गई थी। पिछले साल इतिहास में पहली बार पुलिस ने नौजवान प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई थी। इसके अलावा भीड़ को अलग करने के लिए आँसू गैस के गोले भी छोड़े गए थे।