Friday, March 29, 2024
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ThePrint को रूसी विदेश मंत्रालय से पड़ी लताड़, भारत-रूस का नाम ले फैला रहा था फेक न्यूज

शेखर गुप्ता का 'द प्रिंट' अब ग्लोबल हो गया है। वैश्विक और कूटनीतिक मामलों में भी उसने झूठ और प्रपंच फैलाना शुरू कर दिया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने उसे जम कर लताड़ लगाई है क्योंकि भारत के साथ रिश्ते को लेकर...

शेखर गुप्ता का ‘द प्रिंट’ अब ग्लोबल हो गया है। अब सिर्फ स्थानीय मामले ही नहीं, बल्कि वैश्विक और कूटनीतिक मामलों में भी उसने झूठ और प्रपंच फैलाना शुरू कर दिया है। इस कारण रूस के विदेश मंत्रालय ने उसे जम कर लताड़ लगाई है। ‘द प्रिंट’ ने दावा किया था कि QUAD राष्ट्रों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) से रूस खफा है, इसीलिए पिछले 20 वर्षों में पहली बार भारत-रूस की वार्षिक समिट नहीं होगी।

रूस के विदेश मंत्रालय ने इस खबर को गलत बताते हुए इसे ‘फेक न्यूज़’ और सनसनी पैदा करने के लिए लिखी गई खबर करार दिया। रूस के विदेश मंत्रालय ने लिखा कि दिसंबर 23, 2020 को ‘द प्रिंट’ में आए एक लेख में गलत बातें फैलाई गई, क्योंकि इस मीडिया संस्थान के पीछे जो लोग हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि इससे 2 दिन पहले भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदेशव ने भारत-रूस के द्विपक्षीय और वैश्विक रिश्तों की संपूर्ण समीक्षा की थी।

क्रेमलिन ने कहा कि भले ही कोरोना वायरस संक्रमण के कारण भारत-रूस के बीच होने वाली बैठकों और एनुअल समिट के शेड्यूल में देरी हो गई है, लेकिन ये दोनों देशों के बीच के रिश्तों को बेहतर करने में कोई बाधा नहीं बन सका। यही बात राजदूत ने भी कही थी। रूस ने तभी स्पष्ट कहा था कि जिस तरह से कुछ देशों द्वारा एकता भंग किए जाने की कोशिशों के बावजूद भारत क्षेत्रीय एकता के समावेशी रूप को बढ़ावा दे रहा है, वो तारीफ के लायक है।

रूसी विदेश मंत्रालय ने याद दिलाया कि भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भी साफ़ किया है कि एनुअल समिट में देरी की वजह कोविड-19 वैश्विक महामारी है, कुछ और नहीं। इसके लिए दोनों देशों में सहमति बनी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन खबरों को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ करार दिया। रूस ने कहा कि अब जब भारत के साथ उसके रिश्तों को लेकर हर जगह सकारात्मक बातें हो रही हैं, ‘द प्रिंट’ शून्य से सेंसेशन फैलाने की कोशिश कर रहा है।

रूस के विदेश मंत्रालय ने ‘द प्रिंट’ को फटकारा

रूस ने ‘द प्रिंट’ को गलत हेडलाइंस की जगह तथ्यों के आधार पर ख़बरें तैयार करने की नसीहत दी। साथ ही कहा कि वो अटेंशन पाने के लिए इस तरह की हरकतें न करे। इससे पहले भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदशेव (Nikolay Kudashev) ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी और शेखर गुप्ता की प्रोपेगेंडा मशीनरी ‘दी प्रिंट’ को भारत और रूस के संबंधों के बारे में अफवाह फैलाने पर फटकार लगाते हुए इसे वास्तविकता से एकदम हट कर बताया था।

कुदशेव ने लिखा था, “रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी कोविड-19 के बावजूद अच्छी प्रगति कर रही है। हम महामारी के कारण स्थगित किए गए शिखर सम्मेलन के लिए नई तारीखें तय करने के लिए अपने भारतीय दोस्तों के साथ संपर्क में बने हुए हैं। हमें विश्वास है कि यह जल्दी आयोजित किया जाएगा, जबकि रूसी भारतीय संबंध अपने आगे के विकास को जारी रखेंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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