Friday, April 19, 2024
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कंगाली से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने फिर भेजी ₹200 करोड़ की मदद, चावल से लेकर दूध-दवा तक सब दिया: PM रानिल विक्रमसिंघे खेप देखकर बोले- थैंक यू इंडिया

श्रीलंका के पीएम विक्रमसिंघे ने ट्वीट में लिखा, “श्रीलंका को आज भारत से दो अरब (200 करोड़ रुपए) कीमत की मानवीय मदद प्राप्त हुई। इसमें मिल्क पाउडर, चावल और दवाएँ शामिल हैं। हम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और भारत के लोगों के प्रति इस सहयोग के लिए हृदय से आभारी हैं।"

श्रीलंका इस समय अपने सबसे खराब हालातों से जूझ रहा है। देश में आर्थिक हालात बदतर हो चुके हैं। तेल, दवा, अनाज सहित आवश्यक वस्तुओं का अकाल पड़ गया है। पूरे देश में महँगाई चरम पर है। अपने इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के लोगों की मदद के लिए भारत की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत रविवार (22 मई 2022) को चावल, जीवन रक्षक दवाइयों और मिल्क पाउडर जैसी तात्कालिक राहत सामग्रियों को लेकर भारत का एक जहाज कोलंबो पहुँचा। यह खेप द्वीपीय देश की सरकार को सौंप दिया गया है।

भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पीरिस को यह खेप सौंपी। इसमें 9000 मीट्रिक टन चावल, 50 मीट्रिक टन मिल्क पाउडर और 25 मीट्रिक टन से अधिक दवाएँ और अन्य चिकित्सा आपूर्तियाँ शामिल रहीं। संकटग्रस्त देश के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी एक ट्वीट में इस महत्वपूर्ण सहायता के लिए भारत को धन्यवाद कहा।

प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने व्यक्त किया आभार

विक्रमसिंघे ने ट्वीट में लिखा, “श्रीलंका को आज भारत से दो अरब (200 करोड़ रुपए) कीमत की मानवीय मदद प्राप्त हुई। इसमें मिल्क पाउडर, चावल और दवाएँ शामिल हैं। हम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और भारत के लोगों के प्रति इस सहयोग के लिए हृदय से आभारी हैं। मैं श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग की ओर से मिली सहायता के लिए भी आभार व्यक्त करता हूँ।”

इससे पहले भारत ने शनिवार (21 मई 2022) को ईंधन की कमी को कम करने के लिए श्रीलंका को 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक और खेप की आपूर्ति की थी। श्रीलंका में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने इस खबर की सूचना ट्विटर हैंडल के जरिए दी थी।

श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया था, “श्रीलंका में डीजल प्रदान किया जा रहा है। भारत से क्रेडिट लाइन के तहत डीजल की एक और 40,000 मीट्रिक टन की खेप आज कोलंबो पहुँच गई।”

इस संबंध में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि तमिलनाडु सरकार की ओर से 40 हजार मीट्रिक टन चावल, 500 मीट्रिक टन मिल्क पाउडर और दवाइयों की आपूर्ति की प्रतिबद्धता के तहत पहली खेप है। इसके साथ ही श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा कि भारत की ओर से अभी मदद की और खेपें श्रीलंका पहुँचनी हैं।

क्या बोले श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पीरिस

इस खेप को प्राप्त करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान विदेश मंत्री पीरिस ने कहा, “भारत ने इससे पहले कभी भी इस स्तर पर कहीं भी सहायता नहीं भेजी है। वह हमारी और सहायता करने वाले हैं जिसके लिए हम उनके आभारी हैं।”

इसके अलावा, भारत ने साल की शुरुआत से ऋणग्रस्त द्वीप देश को ऋण, क्रेडिट स्वैप और क्रेडिट लाइनों में 3 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक प्रदान करने का वादा किया है। भारत ने भी श्रीलंका की नई सरकार के साथ काम करने की इच्छा जताई है। श्रीलंका की सरकार ने भी समय-समय पर भारत की मदद के लिए शुक्रिया अदा किया है। भारत की तरफ से भी लगातार श्रीलंका का हौसला बढ़ाया जा रहा है। इंडियन मिशन ने अपने बयान में कहा था कि भारत के लोग लगातार श्रीलंका के साथ खड़े हैं। 

RBI ने श्रीलंका को दी राहत

वैसे भारत की तरफ से इस समय श्रीलंका की सिर्फ जरूरी सामान देकर मदद नहीं की जा रही, बल्कि उसकी वर्तमान स्थिति को देखते हुए उसे आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। इसी वजह से हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने श्रीलंका के साथ व्‍यापर‍िक लेनदेन को रुपये में करने की बात कही थी। इस समय श्रीलंका निर्यातकों का भुगतान नहीं कर पा रहा है, उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, इसी वजह से भारत ने इस तरह से भी श्रीलंका को बड़ा सहारा दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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