केन्या में एक ‘रहस्यमयी बीमारी’ से दहशत फैल गई है। काकमेगा के सेंट टेरेसा एरेगी गर्ल्स हाई स्कूल को अस्थायी तौर पर बीमारी के कारण बंद करना पड़ा है। यह स्कूल राजधानी नैरोबी से 374 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में है। कमर के नीचे लकवे जैसे लक्षण पैदा होने के बाद स्कूल की 95 छात्राओं को अस्पताल में एडमिट करवाना पड़ा है।
छात्राओं के लंगड़ाकर चलने के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं। शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए काउंटी कार्यकारी समिति के सदस्य (सीईसीएम) डॉ. बोनफेस ओकोथ ने बताया है कि इस अजीब और रहस्यमयी बीमारी के कारणों का पता लगाया जा रहा है। पीड़ित छात्राओं के खून, पेशाब और स्टूल के नमूने गहन जाँच के लिए नैरोबी और किसुमू में केन्या मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (केमरी) भेजे गए हैं।
NEW 🚨 Several schoolgirls from St. Theresa's Eregi Girls High School in Kenya hospitalised over mysterious illness. Reports say most of the students' legs are paralysed and they are unable to walk.
— Insider Paper (@TheInsiderPaper) October 4, 2023
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काउंटी के शीर्ष अधिकारियों ने स्कूल का दौरा किया है। काकमेगा प्रांत के शिक्षा अधिकारियों ने बुधवार (4 अक्टूबर 2023) को छात्राओं के हंगामे की वजह से स्कूल को अस्थायी तौर पर बंद करने का फैसला लिया। साथी छात्राओं की हालत से डरी लड़कियाँ घर जाने की जिद कर रही थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक 30 छात्रों को काकमेगा लेवल फाइव हॉस्पिटल, 20 को शिब्वे लेवल फोर हॉस्पिटल और 12 को इगुहु लेवल फोर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इहुगु अस्पताल के एक डॉक्टर के मुताबिक, प्रारंभिक प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला है कि छात्राओं में इलेक्ट्रोलाइट्स बढ़ गए थे।
इसका मतलब कि उनके शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो गई थी। इलेक्ट्रोलाइट्स जीवन चलाने के लिए जरूरी हैं और मानव कोशिकाओं में इनका संतुलन शरीर के लिए जरूरी होता है, ताकि नसें और माँसपेशियाँ सही तरीके से काम कर सके। लंबे वक्त तक दस्त और पसीने के कारण इलेक्ट्रोलाइट्स नष्ट हो सकते हैं।