Tuesday, September 10, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयकाबुल बम ब्लास्ट का केरल कनेक्शन: ISKP में शामिल वहाँ के 14 आतंकी, तुर्कमेनिस्तान...

काबुल बम ब्लास्ट का केरल कनेक्शन: ISKP में शामिल वहाँ के 14 आतंकी, तुर्कमेनिस्तान दूतावास ब्लास्ट वाली साजिश नाकाम

बगराम जेल से तालिबान द्वारा आजाद किए जाने के बाद कम से कम 14 केरल के रहने वाले इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत की तरफ से काबुल में बड़े विस्फोट को अंजाम देने की साजिश में लगे हुए हैं।

अफगानिस्तान में आतंक मचा हुआ है और इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत (ISKP) के आतंकियों ने काबुल को दहला कर रखा हुआ है। काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों का आँकड़ा 200 पार कर गया है, जिनमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। इन सबके बीच खुलासा हुआ है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत यानि आईएसकेपी में 14 आतंकी केरल के रहने वाले हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये 14 आतंकी पहले राजधानी काबुल के बगराम जेल में बंद थे, लेकिन काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद इन्हें जेल से रिहा कर दिया गया और ये फिर से इस्लामिक आतंकी संगठन आईएसकेपी में शामिल हो गए। बगराम जेल से तालिबान द्वारा आजाद किए जाने के बाद कम से कम 14 केरल के रहने वाले इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत की तरफ से काबुल में बड़े विस्फोट को अंजाम देने की साजिश में लगे हुए हैं। 

वहीं, रिपोर्ट है कि काबुल हमले के बाद दो पाकिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें कहा गया कि 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने के साथ साथ तुर्कमेनिस्तान दूतावास के बाहर भी बहुत बड़ा धमाका करने की प्लानिंग थी, जिसे नाकाम किया गया है। 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर धमाका होने के बाद इन पाकिस्तानी नागरिकों से IED बरामद हुआ था।

अफगानिस्तान से आने वाली रिपोर्टों के मुताबिक, राजधानी काबुल हक्कानी नेटवर्क के नियंत्रण में है। जादरान पश्तून पारंपरिक रूप से पाकिस्तान की सीमा से लगे अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में रहते हैं और ये पक्ष जलालाबाद-काबुल पर अपना काफी प्रभाव रखता है। आपको बता दें कि आईएसकेपी नंगरहार प्रांत में भी सक्रिय है और अतीत में हक्कानी नेटवर्क के साथ काम कर चुका है। ऐसी रिपोर्ट है कि बगराम जेल से रिहा होने के बाद इन 14 आतंकियों में से एक ने केरल स्थिति अपने घर से संपर्क किया है। जबकि बाकी के 13 आतंकी अभी भी काबुल में आईएसकेपी आतंकवादी संगठन के साथ फरार हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया और लेवंत के मोसुल पर कब्जा करने के बाद केरल के मलप्पुरम, कासरगोड और कन्नूर जिलों के रहने वाले 14 आतंकी इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के बाद भारत से भाग गए थे। इसमें से कुछ आतंकियों के परिवार आईएसकेपी के तहत बसने के लिए अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में आ गए। जबकि भारत इस बात से चिंतित है कि तालिबान और उनके आका अफगानिस्तान में आतंकवादी कृत्यों में लिप्त होकर इन कट्टरपंथी केरलवासियों का उपयोग भारतीय प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए कर सकते हैं। 

हिंदुस्तान टाइम्स ने दावा किया है कि अफगानिस्तान से आ रही विश्वसनीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्कमेनिस्तान एबेंसी के बाहर विस्फोट करने की कोशिश कर रहे दो पाकिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। जाहिर है, तालिबान ने चुप्पी साध रखी है। लेकिन खुफिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि 26 अगस्त को काबुल हवाईअड्डा विस्फोट के तुरंत बाद इन पाकिस्तानी नागरिकों के पास से एक तात्कालिक विस्फोटक उपकरण बरामद किया गया था। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

फेसबुक चाहता है वामपंथियों का टूल बना रहे विकिपीडिया, भारत विरोधी प्रचार में आता रहे काम: हमने बनाया 186 पन्नों का डोजियर, उन्होंने रिपोर्ट...

सरकार को Wikimedia Foundation पर यह प्रभाव डालना चाहिए कि वे कानूनी रूप से भारत में एक आधिकारिक उपस्थिति स्थापित करे और भारतीय कानूनों के अनुसार वित्तीय जाँच से गुजरें।

जब राहुल गाँधी के पिता थे PM, तब सिखों की उतारी पगड़ियाँ-काटे केश… जलाए गए जिंदा: 1984 नरसंहार का वह इतिहास जिसे कॉन्ग्रेस नेता...

राहुल गाँधी ने अमेरिका में यह बताने की कोशिश की है कि भारत में भारत में सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने की इजाजत नहीं है, जबकि इसी कॉन्ग्रेस के रहते सिखों का नरसंहार किया गया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -