Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयलाल बिकनी पहन कट्टरपंथियों के निशाने पर आईं थी, अब दे रहीं तालिबान को...

लाल बिकनी पहन कट्टरपंथियों के निशाने पर आईं थी, अब दे रहीं तालिबान को चुनौती: पूर्व ‘मिस अफगानिस्तान’ का भारत से भी कनेक्शन

वो 2003 में 'मिस अर्थ' कार्यक्रम में लाल बिकनी में दिखी थीं। इसके बाद अफगानिस्तान में उनकी खूब आलोचना हुई थी। वहाँ के सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके बिकनी पहनने पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि एक महिला को अपने शरीर का इस तरह प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।

तालिबान के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए हिम्मत चाहिए होती है। खासकर तब, जब आपका जन्म अफगानिस्तान में हुआ हो। कोई मुस्लिम महिला अगर तालिबान के खिलाफ आवाज़ उठाए, तो इसकी प्रशंसा की ही जानी चाहिए। ‘मिस अफगानिस्तान’ रह चुकीं विदा समदज़ई एक ऐसा ही नाम है। कभी उनके बिकनी पहनने पर अफगानिस्तान में बवाल हो गया था। अब वो अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से मर्माहत हैं।

जैसा कि हमें पता है, तालिबान शरिया कानून के हिसाब से शासन चलाता रहा है। तालिबानी शासन में कला, फिल्मों और संगीत पर प्रतिबंध रहता है। पिछले 20 वर्षों में इस क्षेत्र में जो भी काम हुआ था, अफगानिस्तान में अब उन सबका भविष्य अधर में दिख रहा है। वो 2011 में ‘बिग बॉस’ के 5वें सीजन का भी हिस्सा रही थीं। वो 2003 में ‘मिस अफगानिस्तान’ चुनी गई थीं। साथ ही वो 1974 के बाद किसी अंतरराष्ट्रीय ब्यूटी पीजेंट में शामिल होने वाली पहली अफगानी महिला हैं।

वो 2003 में ही ‘मिस अर्थ’ कार्यक्रम में लाल बिकनी में दिखी थीं। इसके बाद अफगानिस्तान में उनकी खूब आलोचना हुई थी। वहाँ के सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके बिकनी पहनने पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि एक महिला को अपने शरीर का इस तरह प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। पश्तून परिवार से ताल्लुक रखने वाली विदा समदज़ई 1996 में ही अमेरिका में शिफ्ट हो गई थीं। उन्होंने कैलिफोर्निया के फुलरटन में स्थित स्टेट यूनिवर्सिटी से स्नातक किया। वो अमेरिका की नागरिकता पाने में भी कामयाब रहीं।

1974 में ज़ोहरा दाऊद के अलावा किसी अंतरराष्ट्रीय ब्यूटी पीजेंट में हिस्सा लेने वाली वो पहली अफगानिस्तानी महिला हैं। विदा समदज़ई के बिकनी पहनने को अफगानिस्तान में इस्लामी कानून के खिलाफ और अफगानिस्तान की संस्कृति का अपमान बताया गया था। विवाद के बाद उन्होंने भारत आकर बॉलीवुड में हाथ आजमाए। उन्होंने 2009 में ‘रनवे’ नामक फिल्म में भी काम किया। फ़िलहाल चैरिटी चलाने वाली 43 वर्षीय विदा समदज़ई अफगानिस्तान में महिला शिक्षा को लेकर मुखर हैं।

हाल ही में जब तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा किया तो विदा समदज़ई ने इंस्टाग्राम के माध्यम से विरोध जताते हुए कहा कि इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती है। उन्होंने एक अफगानिस्तानी शिक्षा कार्यकर्ता का बयान शेयर किया, जिसने कहा था कि उसके पास रोने के लिए कोई आँसू ही नहीं बचे हैं। पूर्व ‘मिस अफगानिस्तान’ विदा समदज़ई ने अपने पोस्ट में लिखा था – “अंधकार, बर्बरता, शिक्षा का अभाव, मेरा अफगानिस्तान!”

वहीं उन्होंने अपने ताज़ा इंस्टाग्राम पोस्ट में उस वीडियो को शेयर किया है, जिसमें बेचैन अफगान नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिका की फ्लाइट का पीछे करते हुए देखा जा सकता है। इस भगदड़ में कइयों की जान भी चली गई थी। विदा समदज़ई ने इस घटना पर लिखा – “निराशा, अविश्वसनीय, उदासी, निराशा, युद्ध से पीड़ित मुल्क, मेरा अफगानिस्तान।” उधर अफगानिस्तान से बड़े पैमाने पर पलायन चालू है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -