मार्क जुकरबर्ग ने भले ही अपनी कंपनी का नाम बदल कर ‘Meta’ रख लिए हो, लेकिन इससे शेयर बाजार में उन्हें कोई मदद मिलती नहीं दिख रही है। कंपनी के मुनाफे में भारी कमी आई है और शेयर बाजार से भी उसे तगड़ा धक्का लगा है। बुधवार (2 फरवरी, 2022) को ‘Meta’ की पहली सालाना रिपोर्ट जारी की गई, जिसके बाद कंपनी के भविष्य को लेकर निवेशकों में संशय के माहौल है। इसके अगले दिन कंपनी के शेयर्स 25% गिरने के साथ खुले। हाल के दिनों में फेसबुक पर वामपंथी प्रोपेगंडा को आगे बढ़ाने के आरोप भी लगे हैं।
इस तरह से देखा जाए तो सोचिए नेटवर्किंग जायंट के मार्किट कैपिटलाइजेशन में 230 बिलियन डॉलर (17,17,377 करोड़ रुपए) की भारी कमी आ गई है। इसका असर कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग पर ये पड़ा है कि उनकी संपत्ति भी 23.34% घट गई है। उनका नेट वर्थ अब 87.7 (6,54,839 करोड़ रुपए) बिलियन डॉलर हो गया है। इसके साथ ही वो फोर्बस पत्रिका के रियल टाइम बिलियनेयर्स की सूची में 12वें पायदान पर फिसल गए। मुकेश अम्बानी और गौतम अडानी की संपत्ति उनसे ज्यादा है।
11वें नंबर पर 90 बिलियन डॉलर (6,71,985 करोड़ रुपए) की संपत्ति के साथ भारत की रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी काबिज हैं। वहीं अडानी ग्रुप्स के संस्थापक और एक अन्य भारतीय कारोबारी गौतम अडानी 10 नंबर पर 90.1 बिलियन डॉलर (6,72,732 करोड़ रुपए) की संपत्ति के साथ उनसे एक पायदान आगे हैं। इन दोनों का ही नेट वर्थ फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग से ज्यादा है। ‘Meta’ को आशंका है कि उसका राजस्व और घट सकता है, क्योंकि लोग अब इसकी सेवाओं का कम उपयोग कर रहे हैं।
टिम कूक की ‘Apple’ ने विज्ञापन को ट्रैक करने सम्बंधित कुछ बदलाव किए हैं, जिससे ‘Meta’ को इस साल 10 बिलियन डॉलर (74,665 करोड़ रुपए) का घाटा हुआ है। ‘मेटा’ के लिए सबसे लाभकारी बाजार अमेरिका और कनाडा ही है, लेकिन इसकी सेवाओं का इस्तेमाल करने में यहीं के लोग अब पीछे हट रहे हैं। ‘मेटा’ ने दुनिया भर में इस साल रोज 10 लाख की औसत से यूजर्स को गँवाया। जुकरबर्ग अब वीआर हेडसेट्स, एआर ग्लासेज और वर्चुअल वर्ल्ड पर जोर दे रहे हैं, जहाँ यूजर्स को एक दूसरी दुनिया के अनुभव हों।
Tech giants are feeling the effects of Apple making it harder to track people online. This week, Meta said those changes cost it billions this year. Then its stock price fell more than 26% on Thursday, wiping more than $230 billion off its market value. https://t.co/Zndm95xB7H
— The New York Times (@nytimes) February 4, 2022
‘मेटा’ को उम्मीद है कि साल के पहले क्वार्टर और दूसरे क्वार्टर में उसे क्रमशः 27 बिलियन डॉलर और 29 बिलियन डॉलर का राजस्व प्राप्त होगा। इस हिसाब से उसे पिछले साल के मुकाबले क्रमशः 3% और 11% की वृद्धि प्राप्त तो होगी, लेकिन ये कंपनी के इतिहास में सबसे धीमा विकास है। युवाओं को आकर्षित करने के लिए मार्क जुकरबर्ग TikTok के प्रतिद्वंद्वी ‘Reels’ मर भारी निवेश कर रहे हैं। लेकिन, न्यूज़ फीड और स्टोरीज की तरह रील्स से कमाई नहीं हो रही है। एप्पल के नियमों में बदलाव के कारण मेटा अब लोगों की गतिविधियों को ट्रैक कर डिजिटल एड नहीं बेच पा रहा है।
फेसबुक और ट्विटर पर पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में तत्कालीन प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ काम करने के आरोप लगे थे। ट्रम्प ने इन कंपनियों सहित उनके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पर भी अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने और सेंशरशिप को लेकर केस किया था। भारत में नए आईटी नियमों को मानने को लेकर भी फेसबुक से सुस्ती दिखाई थी। बंगाल हिंसा से जुड़े डिटेल्स शेयर करने से भी फेसबुक लोगों को रोक रहा था। कई बार ऑपइंडिया के फेसबुक पेज की रीच घटाई गई।