कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया के 192 से ज्यादा देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। महामारी के कारण अब तक 14,616 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के बाद इटली सबसे ज्यादा प्रभावित है। अमेरिका में भी कोरोना वायरस पैर पसार रहा है। बात अगर सिर्फ पिछले 24 घंटे की करें तो यहाँ इस वायरस ने 100 से अधिक लोगों की जान ले ली है। इसी के साथ अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 389 हो गई है।
इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वजह से चिंतित हैं, क्योंकि चीन वक्त रहते अमेरिका को वायरस को लेकर आगाह कर सकता था। ट्रम्प ने कहा, “मैं चीन से निराश हूँ। जितना मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग को जानता हूँ और उस देश का सम्मान करता हूँ, जो उन्होंने काफी कम समय में किया, मैं उसकी सराहना करता हूँ। अमेरिका ने चीन में विशेषज्ञों को भेजने की पेशकश की थी। मैंने पूछा कि क्या हम मदद के लिए कुछ लोगों को भेजें, तो उन्होंने गुरूर में जवाब नहीं दिया। चीन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।”
अमेरिका में होने वाली मौत का ये आँकड़ा जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय की तरफ से जारी किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अब तक सबसे अधिक न्यूयॉर्क (114 मौतें), वॉशिंगटन (94 मौतें) और कैलिफोर्निया (28 मौतें) प्रांत में हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में कम से कम 30 हजार लोग इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हुए हैं।
इसके साथ ही अमेरिका में केंटकी के सांसद रैंड पॉल ने कहा है कि जाँच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। रिपब्लिकन सांसद पॉल कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले अमेरिकी सीनेट के पहले सदस्य हैं। उन्होंने रविवार (मार्च 22, 2020) को ट्वीट किया कि वह ठीक हैं और सबसे अलग हो चुके हैं। पेशे से चिकित्सक पॉल ने कहा कि उनमें कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए थे, लेकिन काफी यात्राएँ करने एवं कार्यक्रमों में शामिल होने को लेकर सावधानीवश उनका परीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें ध्यान नहीं है कि वह किसी संक्रमित व्यक्ति के प्रत्यक्ष संपर्क में आए थे या नहीं।
बता दें कि इससे पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर हमला करते हुए कोरोना पर जानकारी साझा करने के बजाए उसे रहस्य की तरफ छुपाकर रखने के लिए आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि अगर चीन ने इस आसन्न खतरे के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी होती तो अमेरिका और पूरा विश्व इसके लिए ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार होता। ट्रम्प ने कोराना वायरस को चीनी वायरस बताते हुए कहा था, “चीन ने कोरोना वायरस को लेकर प्रारंभिक सूचना छिपाई जिसकी सजा आज दुनिया भुगत रही है।”