Thursday, April 25, 2024
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चीन में विकसित सिनोवैक वैक्सीन की दोनों डोज ली, फिर भी थाईलैंड में सैकड़ों स्वास्थ्यकर्मी हो गए कोरोना संक्रमित

इंडोनेशिया के अलावा, बहरीन, यूएई, मंगोलिया, सेशेल्स जैसे देश, जो चीन में विकसित कोविड-19 टीकों पर निर्भर थे, उन देशों में भी कोरोना संक्रमण में वृद्धि देखी गई है।

थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार (11 जुलाई 2021) को बताया कि चीन में विकसित सिनोवैक वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद 618 चिकित्साकर्मी कोविड-19 संक्रमण के शिकार हो गए हैं। बताया जा रहा है कि एक नर्स की मौत भी हो गई है और एक अन्य चिकित्साकर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है।

एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी सोपोन इमसिरिथवन ने रविवार को एक न्यूज ब्रीफिंग में बताया कि अप्रैल 2021 से जुलाई 2021 तक 6,77,348 चिकित्साकर्मियों को चीन द्वारा विकसित वैक्सीन लगाई गई थी, जिनमें 600 से अधिक कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं।

इमसिरिथवन ने बताया कि विशेषज्ञ पैनल ने चीनी वैक्सीन की डोज लेने वाले 6,77,348 चिकित्साकर्मियों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज देने की सिफारिश की है। देश का स्वास्थ्य मंत्रालय बूस्टर खुराक के लिए वायरल वेक्टर एस्ट्राजेनेका या एमआरएनए वैक्सीन का इस्तेमाल करेगा। उन्होंने बताया कि ये वायरल वेक्टर एस्ट्राजेनेका होगा या फिर एक एमआरएनए टीका होगा, जिसे थाईलैंड जल्द ही हासिल करेगा। सोपोन इमसिरिथवन ने कहा, “इस मुद्दे पर सोमवार को विचार किया जाएगा।”

यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब थाईलैंड में कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक देश में कुल 3,36,371 कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, कुल 2,711 मौतें हुई हैं।

सिंगापुर ने भी जताया था संदेह

पिछले महीने चीन की सिनोवैक वैक्सीन को लेकर सिंगापुर के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी प्रभावशीलता पर संदेह जताया था। रिपोर्टों के अनुसार, देश में चीनी वैक्सीन की शुरुआती माँग मजबूत थी, लेकिन सिंगापुर सरकार इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में जोड़ने से हिचकिचा रही थी। इसकी बजाय, देश ने अपने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत Pfizer-BioNTech की वैक्सीन और मॉडर्ना द्वारा निर्मित टीके उपलब्ध कराए हैं।

सिंगापुर के चिकित्सा सेवाओं के निदेशक केनेथ माक ने कहा कि वह टीके की प्रभावशीलता से चिंतित थे, क्योंकि अन्य देशों से आने वाली रिपोर्टों से पता चलता है कि जिन लोगों को सिनोवैक शॉट मिला, वे अभी भी कोविड-19 से संक्रमित हो रहे थे। उन्होंने इंडोनेशिया के मामलों का उल्लेख किया, जहाँ चिकित्साकर्मियों और डॉक्टरों को सिनोवैक का टीका लगाया गया था, इसके बावजूद वे कोविड-19 से संक्रमित हुए थे।

इंडोनेशिया के अलावा, बहरीन, यूएई, मंगोलिया, सेशेल्स जैसे देश, जो चीन में विकसित कोविड-19 टीकों पर निर्भर थे, उन देशों में भी कोरोना संक्रमण में वृद्धि देखी गई है। दिलचस्प बात यह है कि अप्रैल 2021 में चीन के एक अधिकारी ने दावा किया था कि उनका वैक्सीन ज्यादा असरदार नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया था कि देश में विकसित मौजूदा टीके का प्रभाव कम है। यह कोरोना वायरस संक्रमण में सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। इसलिए चीनी विशेषज्ञ इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए विभिन्न टीकों को मिलाने पर विचार कर रहे थे। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय ट्रायलों और देश की कंपनियों के अनुसार, इन चीनी टीकों की प्रभावशीलता केवल 50% से 79% तक है।

अधिकांश चीनी टीके एक निजी कंपनी सिनोवैक और देश के स्वामित्व वाली फर्म सिनोफार्म द्वारा बनाए जाते हैं। ये टीके मेक्सिको, तुर्की, इंडोनेशिया, हंगरी, ब्राजील, पाकिस्तान और तुर्की सहित दुनिया भर के कई दर्जन देशों में वितरित किए गए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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