पाकिस्तान के मशहूर स्तंभकार नुसरत मिर्जा (Nusrat Mirza) ने एक इंटरव्यू में कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। पाकिस्तानी पत्रकार और YouTuber शकील चौधरी (Shakil Chaudhary) को रविवार (10 जुलाई, 2022) को दिए इंटरव्यू में नुरसत मिर्जा ने दावा किया है कि उन्होंने 2005 से 2011 के बीच भारत दौरे के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए कई जानकारियाँ एकत्र की थीं। उन्हें पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और ‘मिल्ली गैजेट’ अखबार के मालिक जफरुल इस्लाम खान ने भारत में आमंत्रित किया था। सोशल मीडिया में उनका ये इंटरव्यू खूब वायरल हो रहा है।
EXPLOSIVE!
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) July 10, 2022
Nusrat Mirza, a Pakistani columnist who has visited India many times during the Congress rule boasts on camera that he used to pass on information collected during his visits to the ISI, claims he was invited by Hamid Ansari and the Milli Gazette’s Zafarul Islam Khan. pic.twitter.com/6Rrn3xvRJu
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया, “मैंने पाँच बार भारत की यात्रा की। 2005 में चंडीगढ़ का दौरा किया और 2006 में हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई का दौरा किया। इसके बाद मैंने कोलकाता, पटना और अन्य स्थानों का दौरा किया।”
‘मुझे हामिद अंसारी ने आमंत्रित किया था’
मिर्जा ने बताया कि जिस समय भारत में कॉन्ग्रेस का शासन था, उस समय वह आतंकवाद पर हुए एक सेमिनार में शामिल होने के लिए भारत आए थे। उनके शब्दों में, “2010 में मुझे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आतंकवाद पर हुए एक सेमिनार में आमंत्रित किया था। हालाँकि मैं मानता हूँ कि हम भी बहुत बड़े एक्सपर्ट नहीं हैं, लेकिन हम मुगल हैं। हमने सदियों तक भारत पर राज किया है। मैं उनकी संस्कृति को समझता हूँ। हम वहाँ के हालात से अच्छी तरह वाकिफ हैं। हम उनकी कमजोरियों के बारे में भी जानते हैं, लेकिन मसला ये है कि मैंने भारत के बारे में जो भी जानकारी इकट्ठा की थीं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तान में अच्छे नेतृत्व की कमी के कारण नहीं हो रहा है। पाकिस्तान में ऐसा कोई शख्स नहीं है, जो मेरे तर्जुबे से इत्तेफाक रखे।”
2011 में जफरुल इस्लाम खान से मिले
उन्होंने भारत की यात्राओं के दौरान एकत्र की गई जानकारी का ठीक ढंग से उपयोग नहीं करने के लिए पाकिस्तान की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में क्या समस्या है? जब कोई नया चीफ आता है, तो वह पिछले चीफ द्वारा किए गए सभी कार्यों को दरकिनार कर नए सिरे से कार्य शुरू करता है।” मिर्जा ने बताया कि साल 2011 में वह ‘मिली गैजे’ट के जफरूल इस्लाम के न्यौते पर भारत पहुँचे थे। वह भारत दौरे से लौटकर जब पाकिस्तान गए तब उन्हें उस समय आईएसआई के रिटायर हो रहे डीजीएसआई ने कहा था कि जो भी जानकारी उन्होंने इकट्ठा की है वो, आईएसआई के नए चीफ जनरल कियानी को दें। मिर्जा ने बताया, “इस पर मैंने कहा कि मैं उन्हें जानकारी नहीं दूँगा, आप खुद कियानी को ये जानकारी दे दें।” मालूम हो कि साल 2011 में केंद्र में कॉन्ग्रेस की सरकार थी।
एफएटीएफ का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा, “मेरी तरफ से जो जानकारी मिली उसके बाद पाक आर्मी के ब्रिगेडियर की ओर से मुझे फोन आया। इस फोन कॉल में कहा गया कि ऐसी ही जानकारी अगर और मिल जाए तो बेहतर रहेगा। जब से एफएटीएफ आया है तब से पाकिस्तान ने पर (भारत में) कोई एक्टिविटी नहीं की है, उसके हाथ पैर बंधे हैं।”
जब चौधरी ने कहा कि वह एकेडमिक एक्सपर्ट के बारे में बात कर रहे हैं, तो मिर्जा ने कहा, “देखिए, उनके पास 29 राज्य हैं। मैंने उनमें से 15 का दौरा किया है। उस वक्त लोकसभा और राज्यसभा के 56 मुस्लिम सदस्य थे। मेरी उन सभी के साथ मेरी अच्छी दोस्ती थी। वे बहुत मददगार थे। ऐसा नहीं है कि भारत पर कोई शोध या लिखित कार्य नहीं हुआ है। हमारे पास 60 के दशक की किताबें मौजूद हैं।”
बातचीत के दौरान चौधरी ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकारों को भारत की बुनियादी जानकारी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक बार एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा था कि भारत के 40 राज्यों में अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं। जब उन्हें सही करने की कोशिश की कि भारत में केवल 29 राज्य हैं, तो वे इस पर नाराज हो गए और कहा कि हमें इसकी बखूबी जानकारी है। मिर्जा ने इसका जवाब दिया, “मुझे पता है कि अलगाववादी आंदोलन कहाँ हो रहे हैं, लेकिन कोई भी इस जानकारी का फायदा नहीं उठाना चाहता है। अलगाववादी आंदोलन भारत के सभी क्षेत्रों में हो रहे हैं। इस बारे में कोई संदेह नहीं है। मैंने कहा था कि भारत में 26 आंदोलन चल रहे थे, लेकिन किसी ने कहा कि अब 67 ऐसे आंदोलन हैं। मुख्य आंदोलन कश्मीर और बंगाल में हो रहे हैं, लेकिन ये भी बहुत प्रभावी नहीं हैं क्योंकि कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है।”
‘भारत शांति के खिलाफ है’
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के साथ शांति से रह सकते हैं। इसको लेकर मिर्जा ने भारत पर शांति के खिलाफ और बदला लेने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि मुगलों ने भारत पर कई वर्षों तक राज किया है। भारत इसका बदला लेना चाहता है और पाकिस्तान को खत्म करना चाहता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के एक नेता से मुलाकात की बात कही। उन्होंने कहा, “जब मैं यूपी गया तो पार्टी के एक नेता से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि कैसे उनकी सरकार ने मुस्लिमों का समर्थन किया और उन्हें नौकरी दी। वह सही था। अगर वे ऐसे ही जीना चाहते हैं तो यह स्वागत योग्य है, लेकिन अगर वे मुस्लिमों को गुलाम बनाना चाहते हैं, तो यह अस्वीकार्य है।”
‘कश्मीर पर पाकिस्तान का अधिकार’
उनसे पाकिस्तान पर लगे आरोपों के बारे में पूछा गया कि क्या 1947 से भारत के लिए कई समस्याएँ पैदा की गई हैं। इस पर मिर्जा कहते हैं, “भारत जबरदस्ती जूनागढ़ और हैदराबाद ले गया जहाँ के राजा मुस्लिम थे, लेकिन बहुसंख्यक हिंदू थे। अगर कश्मीर पर भी यही बात लागू की जाती है, तो एक तरह से पाकिस्तान का इस पर (कश्मीर) अधिकार है।” वह इस बात से सहमत नजर आए कि पाकिस्तानी नेताओं ने अतीत में कई गलतियाँ की हैं, लेकिन इस तर्क का समर्थन नहीं किया कि पाकिस्तान को केवल कश्मीर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
‘मुस्लिमों का नरसंहार करना चाहता है भारत’
मिर्जा ने दावा किया कि भारत में मुस्लिमों का नरसंहार करने की योजना थी। उन्होंने कहा कि यह उनके शब्द नहीं थे, बल्कि अमेरिका और अन्य देशों के बुद्धिजीवी और विशेषज्ञ ऐसा कह रहे थे। इस पर चौधरी ने मिर्जा को काउंटर करते हुए कहा कि जुल्फिकार भुट्टो ने भी भारत के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए थे, लेकिन तब से मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ी है। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मिर्जा ने कहा, “मैं 15 राज्यों के हर हिस्से में गया हूँ। मुझे पता है कि वहाँ क्या हो रहा है।”
‘मुंबई हमले के लिए भारत जिम्मेदार’
मिर्जा ने इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि 2008 के मुंबई हमले में पाकिस्तान का हाथ नहीं था। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने 26/11 में कोई भूमिका नहीं निभाई। यहाँ तक कि भारत के विशेषज्ञ भी कहते हैं कि यह अंदर का काम था।” उन्होंने पत्रकार अमरेश मिश्रा द्वारा लिखे गए लेखों का उल्लेख किया जो 26/11 के हमले में पाकिस्तान को क्लीन चिट देने और उनके अपराध पर पर्दा डालने के लिए जाने जाते हैं। उनकी रिपोर्ट को मिर्जा के मीडिया हाउस ने दोबारा प्रकाशित किया था। मिर्जा ने दावा किया कि पाकिस्तान को दोष देना, उसकी छवि खराब करना भारत की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।