Sunday, April 28, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'तुम कितने बलूच मारोगे': हर शहर-हर गली से आई आवाज, पाकिस्तान के 'सरकारी आतंकवाद'...

‘तुम कितने बलूच मारोगे’: हर शहर-हर गली से आई आवाज, पाकिस्तान के ‘सरकारी आतंकवाद’ के खिलाफ एकजुट हुआ बलूचिस्तान

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लोग सरकारी आतंकवाद के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं। यहाँ हर शहर और गाँव में विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। 28 दिनों से बलूच नरसंहार और युवाओं के कथित अपहरण के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं।

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सरकारी आतंकवाद के खिलाफ हर शहर और गाँव में पुरजोर विरोध हो रहा है। वहाँ के लोग करीब एक महीना पहले हुए बलूच नरसंहार और युवाओं के अपहरण के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। अब इसकी आग राजधानी इस्लामाबाद तक जा पहुँची है। इसको लेकर पूरा बलूचिस्तान बंद है। वहाँ सभी सड़कें बंद हैं।

इस्लामाबाद और डीजी खान से उठाए गए सभी प्रदर्शनकारियों की तुरंत रिहाई की माँग की जा रही। चेतावनी दी गई है कि अगर छात्रों और प्रदर्शनकारियों को रिहा नहीं किया गया तो बलूचिस्तान पूरी तरह से जाम हो जाएगा। दरअसल पाकिस्तानी पुलिस ने बलूच नरसंहार के खिलाफ लॉन्ग मार्च में शामिल चार बलूच युवाओं को गैरकानूनी तरीके से उठाकर उनकी हत्या कर दी थी।

बलूच नरसंहार के खिलाफ इस्लामाबाद में ग्वादर के सरबंदन इलाके में एक बडे़ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बलूचों पर अमानवीय अत्याचार किया। पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें महिलाएँ भी शामिल थीं। इन्हीं में से एक महिला को 26 घंटे के अपमान, उत्पीड़न और यातना के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने रिहा किया। इसके बाद वहाँ विरोध-प्रदर्शनों में तेजी आ गई है।

बलूच यकजहती समिति ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, “बलूचिस्तान में सरकारी आतंकवाद के खिलाफ बलूचिस्तान के हर शहर और गाँव में विरोध रैलियाँ हो रही हैं। इस्लामाबाद में ग्वादर के सरबंदन इलाके में बलूच माताओं-बहनों के अपमान के खिलाफ बलूच समुदाय सामने आ गया है और अपना गुस्सा जाहिर कर रहा है। पूरा बलूचिस्तान इस वक्त सरकारी आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है।”

बलूच यकजहती समिति ने सोशल मीडिया पर हिरासत में ली गई महिला के दर्द भरे अनुभवों को भी शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से महिला के साथ पाकिस्तानी पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी हैं।

वहीं, समिति ने इस्लामाबाद में बलूच प्रदर्शनकारियों के साथ किए जा रहे व्यवहार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने की अपील की है। समिति की इस अपील के बाद से बड़ी संख्या में बलूच पाकिस्तान के के अलग-अलग हिस्से से इस्लामाबाद कूच करने लगे।

इस दौरान बरखान, रुकनी, फोर्ट मुनरो, टौंसा, डीजी खान, क्वेटा, केच, ग्वादर, वाध, कोहलू, कलात, हब सहित कई इलाकों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बलूच महिलाओं की रिहाई के बावजूद फिक्र बनी हुई है, क्योंकि उनके 200 से अधिक पुरुष साथी अभी हिरासत में हैं। इनमें से 162 लोगों को अदियाला जेल भेज दिया गया है, जबकि 50 से अधिक लोगों इस्लामाबाद के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में हिरासत में रखा गया है।

बलूच यकजहती समिति ने बलूच नरसंहार और गैरकानूनी अपहरण के खिलाफ आंदोलन जारी रखने का दृढ़ संकल्प जताया है। समिति ने कहा, “हम बलूच नरसंहार और गैरकानूनी अपहरण के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेंगे। अगले कदम का ऐलान जल्दी ही मीडिया के जरिए किया जाएगा।”

बताते चलें कि ये बलूच यकजहती समिति ने बलूच नरसंहार के विरोध में लॉन्ग मार्च आयोजित किया था। ये लॉन्ग मार्च बालाच मोला बख्श की मौत से शुरू हुआ था। उन्हें 29 अक्टूबर 2023 को आतंकवाद विरोधी पुलिस उनके घर से उठा ले गई थी। केच जिले के चार युवा बलूचों को पुलिस उठाकर ले गई थी और उनकी हत्या कर दी।

इसके बाद पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में तेजी आ गई। बलूच नरसंहार के विरोध के तौर पर शुरू यह मार्च बलूचिस्तान और पंजाब के कई जिलों से होते हुए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक जा पहुँचा। वहाँ पहुँचने पर मार्च में शामिल बलूच प्रर्दशनकारियों को बेहद क्रूरता का सामना करना पड़ा।

बलूच मानवाधिकार परिषद ने इस्लामाबाद पुलिस और अंतरिम सरकार की अमानवीय और क्रूर प्रतिक्रिया पर गहरी चिंता जताई है। परिषद ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की है। इसके साथ ही पुलिस पर पर बलूच कार्यकर्ताओं को पीटने और गिरफ्तार करने के साथ-साथ मार्च में भाग लेने वाले बुजुर्ग पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।

बलूच मानवाधिकार परिषद ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “ये लोग अपने लोगों के लिए न्याय चाहते हैं, जिन्हें पाकिस्तान के कई हिस्सों से जबरन गायब कर दिया गया है।” परिषद ने क्रूरता और जबरदस्ती की निंदा करने का आह्वान किया और पाकिस्तानी अधिकारियों से मानवाधिकार उपकरणों का सम्मान करने की अपनी प्रतिज्ञा को बरकरार रखने का आग्रह किया।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘पहले दलालों के लिए सालों साल बुक रहते थे दिल्ली के होटल, हमने चला दिया स्वच्छता अभियान’: PM मोदी ने कर्नाटक में उठाया फयाज...

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग पड़ोस से आतंकवाद एक्सपोर्ट करते थे, आज उनको आटा इंपोर्ट करने में लाले पड़ रहे हैं - वोट से आया ये परिवर्तन।

IIT से इंजीनियरिंग, स्विटरजरलैंड से MBA, ‘जागृति’ से युवाओं को बना रहे उद्यमी… BJP ने देवरिया में यूँ ही नहीं शशांक मणि त्रिपाठी को...

RC कुशवाहा की कंपनी महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिंस बनाती है। उन्होंने बताया कि इस कारोबार की स्थापना और इसे आगे बढ़ाने में उन्हें शशांक मणि त्रिपाठी की खासी मदद मिली है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe