देश में वक्फ संशोधन बिल को लेकर राज्यसभा में चर्चा जारी है। इस बीच गुरुवार (3 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BIMSTEC की बैठक में भाग लेने के लिए दो दिवासीय थाईलैंड की यात्रा पर राजधानी बैकॉक पहुँचे। वहाँ भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया। पीएम मोदी ने वहाँ थाई रामायण ‘रामाकियेन’ का प्रदर्शन देखा। इस दौरान वे बेहद प्रसन्न नजर आए।
पीएम मोदी ने कहा, “ऐसा सांस्कृतिक जुड़ाव किसी और से नहीं मिलता। थाई रामायण रामकियेन का एक आकर्षक प्रदर्शन देखा। यह वास्तव में बेहद समृद्ध अनुभव था, जिसने भारत और थाईलैंड की साझा सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को खूबसूरती से प्रदर्शित किया।” पीएम मोदी ने कहा कि रामायण एशिया के इतने सारे हिस्सों में दिलों और परंपराओं को जोड़ने का काम करता है।
#WATCH | Bangkok, Thailand | PM Narendra Modi witnesses the Thai version of the Ramayana, Ramakien.
— ANI (@ANI) April 3, 2025
(Source – DD/ANI) pic.twitter.com/ePnxBylJYd
कार्यक्रम के दौरान थाईलैंड के छात्रों के एक समूह ने भरतनाट्यम और थाईलैंड के प्रसिद्ध नृत्य ‘खोन’ को मिलाकर रामकियेन का प्रदर्शन किया। इस दौरान थाईलैंड ने रामायण पर एक विशेष स्टाम्प जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ वार्ता की। इसके साथ ही उन्होंने वहाँ के अन्य नेताओं से भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी के थाईलैंड के ऐतिहासिक ‘वात फो मंदिर’ भी जाने की उम्मीद है। यह देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह बौद्ध मंदिर बैंकॉक में स्थित है। इसमें भगवान बुद्ध की लेटी हुई मुद्रा में विशाल प्रतिमा है। इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की 1,000 से अधिक प्रतिमाएँ हैं। इसके अलावा, यहाँ 90 से अधिक स्तूप भी हैं।
As PM Modi visits Thailand, the country releases a special stamp based on #Ramayan mural paintings from the 18th century. pic.twitter.com/lcFg1ta9ow
— Nishant Azad/निशांत आज़ाद🇮🇳 (@azad_nishant) April 3, 2025
छठे बिम्सटेक सम्मेलन में भाग लेने आए पीएम मोदी का थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री और परिवहन मंत्री सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट ने हवाई अड्डे पर स्वागत किया। वहाँ से वे होटल पहुँचे। वहाँ भारतीय प्रवासियों और भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी को देखकर लोगों ने ‘मोदी-मोदी’, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदेमातरम’ के नारे लगाए।
शुक्रवार (4 अप्रैल) को वे बिम्सटेक के नेताओं के साथ वार्ता करेंगे। BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) देशों में थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के नेता शिरकत करेंगे। उन्होंने बिम्सटेक नेताओं के साथ चर्चा को लेकर उत्सुकता जारी की।
बता दें कि भारत और थाईलैंड का लगभग दो हजार साल पुराना संबंध है। भारत से ही थाईलैंड में बौद्ध धर्म और वैदिक धर्म एवं रामायण पहुँचा है। थाई संस्करण में भगवान राम को ‘फ्रा राम’ कहा जाता है। सम्राट अशोक के समय बौद्ध भिक्षुओं ने थाईलैंड में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को फैलाया था। थाईलैंड को प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ‘स्वर्णभूमि’ (सोने की भूमि) कहा गया है।